बॉक्सिंग विश्व चैंपियन निखत ज़रीन बनीं तेलंगाना पुलिस की डिप्टी सुपरिटेंडेंट

दो बार की वर्ल्ड चैंपियन बॉक्सर निखत ज़रीन को तेलंगाना पुलिस में डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) नियुक्त किया गया। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भारतीय खेलों में उनके योगदान की सराहना की।

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Vaishali Garg
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भारत की मुक्केबाज़ Nikhat Zareen

Photo Credit: Nikhat Zareen on X

दिग्गज बॉक्सर और दो बार की वर्ल्ड चैंपियन निखत ज़रीन को हाल ही में तेलंगाना पुलिस में डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) के रूप में नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की मौजूदगी में निकहत ने 3 अक्टूबर को अपना पदभार संभाला। रेड्डी ने भारतीय खेलों में उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ज़रीन ने न सिर्फ खेल जगत में बल्कि महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणादायक मिसाल कायम की है।

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बॉक्सिंग विश्व चैंपियन निखत ज़रीन बनीं तेलंगाना पुलिस की डिप्टी सुपरिटेंडेंट

मुख्यमंत्री ने युवा पीढ़ी, खासकर महिलाओं को निखत ज़रीन के पदचिह्नों पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया। ज़रीन ने अपनी नियुक्ति की ख़ुशी सोशल मीडिया पर साझा की और तेलंगाना सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा, "खेल ने मुझे एक मंच दिया और आज मुझे समाज की सेवा करने का बड़ा अवसर भी मिला। यह सिर्फ मेरी नहीं, हम सभी की जीत है।"

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ओलंपिक का सफर

निखत ज़रीन ने ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखा और उसके लिए कड़ी मेहनत की। हालांकि, 2023 एशियाई खेलों में उन्हें महिला 50 किग्रा वर्ग में चीन की यू वू के खिलाफ 0-5 की हार का सामना करना पड़ा। 28 वर्षीय ज़रीन, जो भारत की सबसे सशक्त मुक्केबाज़ों में से एक हैं, ने मुकाबले में कड़ा संघर्ष किया, लेकिन अंततः पहले दौर में चीनी मुक्केबाज से मात खा गईं।

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निखत ज़रीन कौन हैं?

निज़ामाबाद की रहने वाली निखत ज़रीन के पिता एक क्रिकेटर थे और चाहते थे कि उनके चार बच्चों में से कोई एक खेल अपनाए। उनकी तीसरी बेटी ने मुक्केबाजी चुनी। जब वह छोटी थी, तो वह अपने पिता के साथ मुक्केबाजी रिंग में गई और केवल पुरुष प्रतिभागियों को देखकर सोचा कि क्या यह खेल केवल पुरुषों के लिए है।

जब उनके पिता ने उन्हें आश्वासन दिया कि महिलाएं भी मुक्केबाजी कर सकती हैं, तो उन्होंने भारत के लिए एक चैंपियन बनने का मन बना लिया। ज़रीन के रिश्तेदारों ने उन्हें खेल को आगे बढ़ाने से हिचकिचाया लेकिन उनके माता-पिता और चाचा ने उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कोच रॉन सिम्स के मार्गदर्शन में इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में प्रशिक्षण लिया।

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बहुत कम उम्र में, वह स्प्रिंट स्पर्धाओं में राज्य चैंपियन के रूप में उभरीं। 14 साल की उम्र में, ज़रीन विश्व युवा मुक्केबाजी चैंपियन बनीं। 2017 में, उन्हें कंधे की चोट के कारण एक पूरा साल छूट गया लेकिन पांच साल बाद वे धमाकेदार वापसी की।

उपलब्धियां

निखत ज़रीन ने विश्व चैंपियंसशिप में दो स्वर्ण पदक जीते हैं, एक इस्तांबुल 2022 में और दूसरा नई दिल्ली 2023 में। उन्होंने 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीता। 2022 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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निखत ज़रीन ने भारतीय मुक्केबाजी में एक नई ऊंचाई स्थापित की है। हालांकि, पेरिस ओलंपिक में उनका सफर जल्दी खत्म हो गया, लेकिन उनके हौसले और जज़्बे को सलाम किया जाना चाहिए। वह भारतीय खेल जगत की एक प्रेरणा हैं और उनके भविष्य के लिए उम्मीदें बनी हुई हैं।

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