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एवरेस्ट फतह करने वाली ल्हाक्पा शेर्पा: जानिए उनके संघर्ष और अब क्या कर रही हैं

ल्हाक्पा शेर्पा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को 10 बार फतह करने वाली पहली महिला हैं। नेटफ्लिक्स उनके जीवन पर आधारित वृत्तचित्र बना रहा है। जानिए उनके संघर्षों और सफलताओं के बारे में।

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Vaishali Garg
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Lhakpa Sherpa: Conquering Everest & Beyond - Struggles and Current Life

Lhakpa Sherpa: Conquering Everest & Beyond - Struggles and Current Life: नेपाल की ल्हाक्पा शेर्पा आज दुनियाभर में जाना पहचाना नाम हैं। वे एवरेस्ट शिखर को सबसे ज्यादा बार फतह करने वाली महिला हैं। उन्होंने अब तक 10 बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को पार किया है। हाल ही में स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने उनके जीवन पर आधारित एक वृत्तचित्र की घोषणा की है।

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एवरेस्ट फतह करने वाली ल्हाक्पा शेर्पा: जानिए उनके संघर्ष और अब क्या कर रही हैं

कठिन रास्तों की विजेता ल्हाक्पा शेर्पा

साल 2000 में ल्हाक्पा शेर्पा ने माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली नेपाली महिला बनकर इतिहास रचा था। लेकिन यह उनकी यात्रा की शुरुआत भर थी। इसके बाद तो उन्होंने पर्वतारोहण की दुनिया में कई शानदार कारनामे किए। एवरेस्ट को 10 बार फतह कर उन्होंने महिलाओं में सबसे ज्यादा बार शिखर पर पहुंचने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। नेटफ्लिक्स उनके इस जुनून और "असंभव" ऊंचाइयों को छूने की ज जिजीविषा को दर्शाती एक वृत्तचित्र बना रहा है।

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ल्हाक्पा शेर्पा का परिचय

ल्हाक्पा का बचपन नेपाल के मकालु क्षेत्र के दूरस्थ हिमालय क्षेत्र के बालखारा गांव में हुआ था। उनके 10 भाई-बहन हैं। लड़की होने के कारण उन्हें औपचारिक शिक्षा तो नहीं मिली, लेकिन सितंबर 2000 में उन्होंने नेपाली महिला मिलेनियम अभियान के साथ एवरेस्ट को फतह कर दुनियाभर में अपना नाम दर्ज करा लिया।

यहां एक रोचक बात है। वैसे तो पासंग ल्हामु शेर्पा को एवरेस्ट चढ़ने वाली पहली नेपाली महिला मानी जाती हैं, लेकिन ल्हाक्पा शेर्पा इस चोटी पर चढ़ाई करने और वापस सुरक्षित लौटने वाली पहली नेपाली महिला हैं।

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2003 तक आते-आते ल्हाक्पा दुनिया की किसी भी महिला की तुलना में सबसे ज्यादा, तीन बार एवरेस्ट फतह कर चुकी थीं। 2007 में यह आंकड़ा 6 हो गया। 2016 में उन्होंने और भी चुनौतीपूर्ण रास्ता अपनाते हुए तिब्बत की तरफ से अपना सातवां शिखर पूरा किया। उनका दसवां अभियान मई 2022 में हुआ था, जिसे उन्होंने क्राउडफंडिंग के जरिए पूरा किया।

ल्हाक्पा शेर्पा का आज का जीवन

आज ल्हाक्पा शेर्पा अमेरिका में रहती हैं। वह तीन बच्चों की अकेली मां हैं और कनेक्टिकट में होल फूड्स नामक सुविधा स्टोर में काम करती हैं। भले ही उन्हें दो साल से ज्यादा हो गए हैं पहाड़ों पर चढ़े, लेकिन उनकी वीरतापूर्ण उपलब्धियां और साहसी जीवन उनके अदम्य संकल्प को दर्शाता रहता है।

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नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री: माउंटेन क्वीन: द समिट्स ऑफ ल्हाक्पा शेर्पा

नेटफ्लिक्स ल्हाक्पा शेर्पा की प्रेरणादायक यात्रा को "माउंटेन क्वीन: द समिट्स ऑफ ल्हाक्पा शेर्पा" नामक वृत्तचित्र के माध्यम से दुनिया के साथ साझा कर रहा है। निर्देशक लूसी वॉकर के अनुसार, यह फिल्म "चढ़ाई करने का क्या मतलब है" के व्यापक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगी। वहीं निर्माता डालिया बर्ड का कहना है कि "ल्हाक्पा की लुभावनी कहानी बताना सम्मान की बात है।"

टुडम से बात करते हुए बर्ड ने कहा, "यह हमें याद दिलाता है कि हमारे बीच ही असली हीरो मौजूद हैं। उन्होंने आगे कहा, "यह प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद से ही ल्हाक्पा से मैं हर दिन प्रेरित होती हूं। मैं दुनिया को ल्हाक्पा से मिलने और यह देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकती कि असली दृढ़ता का क्या मतलब होता है।"

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इस वृत्तचित्र के जरिए ल्हाक्पा शेर्पा की कहानी न सिर्फ एक महान पर्वतारोही की कहानी होगी, बल्कि यह उन चुनौतियों, संघर्षों और लक्ष्यों को हासिल करने की जिद को भी सामने लाएगी, जिनका सामना हर महिला करती है। ल्हाक्पा की कहानी हमें यह विश्वास दिलाती है कि ठान लेने पर कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।

 

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