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Rathika Ramasamy (L), Aarzoo Khurana (C), Aishwarya Sridhar (R)
World Wildlife Day: क्या आपने कभी सोचा है कि जंगल की हर हलचल, हर जीव की अनोखी खूबसूरती को कैमरे में कैद करने वाले हाथ सिर्फ पुरुष ही नहीं होते? वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी में महिलाएं भी अपनी खास पहचान बना रही हैं। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के इस खास मौके पर, हम भारत की उन शानदार फीमेल वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स की कहानी साझा कर रहे हैं, जिन्होंने जंगलों की दुनिया को अपनी नजरों से दिखाने का जुनून पाल रखा है।
भारत की टॉप फीमेल वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स की कहानी
1. रथिका रामास्वामी भारत की पहली महिला वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर
रथिका रामास्वामी को भारत की पहली प्रोफेशनल फीमेल वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर माना जाता है। उन्हें खासतौर पर बर्ड फोटोग्राफी के लिए जाना जाता है। 21 से ज्यादा सालों से वे प्रकृति और वन्यजीवों को कैमरे में कैद कर रही हैं। उनकी तस्वीरें न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रकाशित हुई हैं।
वह कहती हैं, "परिंदों से मेरा पहला प्यार था। उनकी उड़ान, रंग और प्रवासन का तरीका किसी जादू से कम नहीं।"
उनका मानना है कि वाइल्डलाइफ एक मैग्नेट की तरह होता है, जो आपको अपनी तरफ खींचता है और फिर इससे दूर होना नामुमकिन सा लगने लगता है।
2. आरज़ू खुराना: एडवोकेट से वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर तक का सफर
आरज़ू खुराना पहले एक वकील थीं, लेकिन एक यात्रा ने उनकी जिंदगी बदल दी। भरतपुर बर्ड सेंचुरी की एक ट्रिप के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि उनकी असली दिलचस्पी वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी में है। इसके बाद उन्होंने भारत के सभी 55 टाइगर रिजर्व्स का दौरा किया और वहां की खूबसूरती को अपने कैमरे में कैद किया।
उनकी फोटोग्राफी सिर्फ वाइल्डलाइफ को डॉक्युमेंट करने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे पर्यावरण संरक्षण का भी समर्थन करती हैं। उनका मिशन है कि लोग प्रकृति को समझें और उसे बचाने की पहल करें।
3. ऐश्वर्या श्रीधर: 12 साल की उम्र में कैमरा पकड़ने वाली स्टार फोटोग्राफर
ऐश्वर्या श्रीधर ने महज 12 साल की उम्र में फोटोग्राफी शुरू कर दी थी। जंगल में पिता के साथ ट्रेकिंग करने के दौरान उन्हें कैमरा पकड़ने का शौक हुआ और यह शौक आज जुनून बन चुका है।
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि तब आई जब उन्हें Wildlife Photographer of the Year 2020 का ‘Highly Commended’ अवॉर्ड मिला। वे फोटोग्राफी, लेखन, फिल्ममेकिंग और कंजरवेशन में सक्रिय हैं।
उनका मानना है कि, "तस्वीरें और डॉक्युमेंट्री सिर्फ आर्ट नहीं बल्कि एक ताकतवर स्टोरीटेलिंग टूल हैं, जो लोगों को वाइल्डलाइफ से जोड़ सकते हैं और उन्हें इसे बचाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।"
4. निशा पुरषोत्तम: जंगल की कहानियां सुनाने वाली फोटोग्राफर
निशा पुरषोत्तम की तस्वीरों में न केवल बड़े जंगली जानवर बल्कि उनके परिवार के अनमोल पल भी देखे जा सकते हैं। उनकी वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी की शुरुआत पक्षियों से हुई थी, लेकिन जल्द ही उनका फोकस बड़े कैट्स और जंगल की गहरी कहानियों की तरफ चला गया।
वे भारत से दुबई और फिर अब ब्रिटिश कोलंबिया में सेटल हो गई हैं। उनका कहना है कि एक तस्वीर लोगों के विचार बदल सकती है और उन्हें प्रकृति के संरक्षण के लिए प्रेरित कर सकती है।
5. अपारूपा डे: हर तस्वीर में एक कहानी
अपारूपा डे का मानना है कि "हर तस्वीर सिर्फ एक दृश्य नहीं, बल्कि एक कहानी होती है।" उनकी खासियत यह है कि वे किसी भी जीव को उसके नेचुरल हैबिटेट में पूरी खूबसूरती के साथ कैप्चर करती हैं। उनके पास पशु-पक्षियों के बिहेवियर की गहरी समझ है, जिससे उनकी तस्वीरें और भी खास बन जाती हैं।
वे कहती हैं, "वन्यजीव का हर पहलू अनोखा होता है। एक ही जगह जाकर भी हर दिन नई तस्वीरें मिलती हैं। यही इस फील्ड का असली रोमांच है।"
जंगल की कहानियां बताने वाली महिला फोटोग्राफर्स
भारत में वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी अब सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं है। ये फीमेल फोटोग्राफर्स अपनी कला से यह साबित कर रही हैं कि जंगल की कहानियां सुनाने का हुनर किसी जेंडर तक सीमित नहीं। वे न केवल अद्भुत तस्वीरें ले रही हैं, बल्कि वाइल्डलाइफ कंजरवेशन को भी बढ़ावा दे रही हैं।