Ramita Jindal: 20 वर्षीय रमिता जिंदल ने अपने पहले ही ओलंपिक में एक शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर राइफल फाइनल में जगह बना ली है। अब उनकी निगाहें 29 जुलाई को होने वाले फाइनल में पदक पर हैं।
रामिता जिंदल ने ओलंपिक में मचाया धमाल, फाइनल में पहुंचकर जीता दिल
रमिता जिंदल का ओलंपिक तक का सफर
हरियाणा की रहने वाली रमिता का शूटिंग सफर लगभग 13 साल की उम्र में शुरू हुआ। द स्टेट्समैन की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने 2016 के आसपास अपने गृहनगर लाडवा के करण शूटिंग अकादमी में शुरुआती प्रशिक्षण लिया। उन्होंने शुरुआत में दिन में केवल कुछ घंटों का अभ्यास किया, लेकिन धीरे-धीरे उनकी रुचि और जुनून बढ़ने के साथ ही अभ्यास का समय भी बढ़ता गया।
कड़ी मेहनत का नतीजा यह हुआ कि वे 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में विश्व रैंकिंग में 11वें स्थान पर पहुंच गईं। इसके अलावा, वे कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में स्वर्ण और रजत पदक विजेता हैं, जिनमें काहिरा में 2022 विश्व चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक और बाकू में 2022 आईएसएसएफ विश्व कप में एक स्वर्ण पदक शामिल है। उन्होंने चांगवोन में 2022 आईएसएसएफ विश्व कप में रजत पदक जीता।
शायद उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक 2022 हेंगझो एशियाई खेलों में थी, जहां उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल टीम स्पर्धा में रजत पदक और महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक जीता।
वह वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में वाणिज्य स्नातक की तीसरी वर्ष की छात्रा हैं। माना जाता है कि उनके पिता ने उनके करियर की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और खेल के प्रति उनके जुनून को पहचाना, जैसा कि खेलो नाउ में बताया गया है।
Paris Olympics 2024 में जिंदल फाइनल में
इन सबके बाद और कई सालों के प्रशिक्षण के बाद, रमिता अब 2024 ओलंपिक में हैं। ओलंपिक के लिए अंतिम ट्रायल में रमिता ने लगभग परफेक्ट शॉट लगाया, जो उनके ओलंपिक डेब्यू का एक शुरुआती संकेत था।
अगर वे 2024 ओलंपिक में पदक जीतती हैं, तो वह मनु भाकर के बाद इतिहास में ओलंपिक शूटिंग में पदक लाने वाली दूसरी भारतीय महिला होंगी।
उन्होंने पहले टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था, "पदक जीतना मेरा लक्ष्य नहीं था, लेकिन मैं लंबे समय से तैयारी कर रही हूं। मैं विश्व कप और विश्व चैंपियनशिप खेल रही हूं। मैं चीजों के साथ प्रयोग कर रही हूं और इन मैचों में लागू कर रही हूं और मैं खुश हूं कि यह अच्छा रहा।"
20 वर्षीय रमिता जिंदल ने अपनी कम उम्र के बावजूद शूटिंग की दुनिया में एक उल्लेखनीय छाप छोड़ी है। उनके ओलंपिक तक का सफर कठिन रहा है, लेकिन उनकी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प ने उन्हें यहां तक पहुंचाया है। अब पूरी दुनिया की निगाहें उन पर हैं क्योंकि वे भारत के लिए पहला ओलंपिक शूटिंग पदक जीतने की उम्मीद लेकर खड़ी हैं।