Sift Kaur Samra In Paris Olympics 2024: भारत की उभरती हुई निशानेबाज सिफत कौर संधू पेरिस 2024 ओलंपिक में अपना पहला ओलंपिक डेब्यू करने जा रही हैं। विश्व रिकॉर्ड धारक के रूप में, एक युवा उत्साही से एक कुलीन एथलीट तक उनकी यात्रा बेहद प्रेरक रही है। यह लेख उनके करियर की मुख्य उपलब्धियों, शुरुआती जीवन और आगामी ओलंपिक में स्वर्ण पदक की उनकी खोज पर एक झलक प्रदान करता है।
एशियाई खेलों में गोल्ड जीतकर पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी सिफत कौर संधू
ओलंपिक आकांक्षाएं
केवल 22 वर्ष की उम्र में, संधू की उपलब्धियां सराहनीय हैं। एमबीबीएस की पढ़ाई छोड़कर, उन्होंने खुद को पूरी तरह से शूटिंग के लिए समर्पित करने का फैसला किया और पिछले साल हांग्जो में एशियाई खेलों में भारत का पहला व्यक्तिगत शूटिंग स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। अब, वह पेरिस ओलंपिक पर अपनी निगाहें लगाए हुए हैं, जहां उनका लक्ष्य विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है।
प्रारंभिक जीवन
संधू की शूटिंग की यात्रा नौ साल की उम्र में शुरू हुई, जब उनके भाई ने उन्हें इस खेल से परिचित कराया। शूटिंग के प्रति शुरुआती एक्सपोजर ने एक मजबूत आधार तैयार किया, और वे जल्दी ही रैंक में आगे बढ़ गईं। उनके समर्पण और कड़ी मेहनत का फल तब मिला जब उन्होंने जूनियर विश्व कप में पांच पदक जीते।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि
शुरुआत में फरीदकोट के जीजीएस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लिया, लेकिन संधू ने अपने शूटिंग करियर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अपनी मेडिकल पढ़ाई छोड़ दी। वर्तमान में, वह अमृतसर के जीएनडीयू से बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स कर रही हैं।
रिकॉर्ड तोड़ना
संधू का निर्णायक क्षण तब आया जब उन्होंने एशियाई खेलों में 50 मीटर महिला राइफल 3 पोजीशन में विश्व रिकॉर्ड तोड़ा। कुल 469.6 अंक हासिल करते हुए, उन्होंने ब्रिटेन की सियोनाइड मैकिन्टोश के पिछले रिकॉर्ड को 2.6 अंकों के अंतर से पीछे छोड़ दिया। उनके स्कोर में 154.6 नीलिंग, 157.9 प्रोन और 157.1 स्टैंडिंग एलिमिनेशन शामिल थे, जो उनकी ऑल-राउंड क्षमता को प्रदर्शित करता है। सिफत कौर संधू ने 50 मीटर महिला राइफल 3 पोजीशन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता और इस प्रक्रिया में एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। उनका शानदार प्रदर्शन यहीं नहीं रुका; उन्होंने टीम स्पर्धा में रजत पदक भी हासिल किया, जिससे उनके कौशल और स्थिरता का प्रदर्शन हुआ।
2022 में, संधू ने नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीता, जिससे उनकी शीर्ष दावेदार के रूप में स्थिति मजबूत हुई। उनका अंतरराष्ट्रीय डेब्यू भी उतना ही प्रभावशाली रहा, क्योंकि उन्होंने आईएसएसएफ विश्व कप में 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक हासिल किया।
Paris Olympics का रास्ता
पेरिस ओलंपिक का रास्ता चुनौतियों से भरा नहीं था। संधू को क्वालीफिकेशन राउंड में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने ट्रायल के दौरान लचीलापन और कौशल का प्रदर्शन किया। नीलिंग पोजीशन में 1.1 अंकों की कमी के बावजूद, उन्होंने शानदार वापसी करते हुए 466.3 अंकों के साथ शीर्ष पर रही। इस प्रदर्शन ने उन्हें अंजुम मौदगिल के साथ ओलंपिक टीम में जगह दिलाई।
ओलंपिक दल
संधू ओलंपिक के लिए भारत के अब तक के सबसे बड़े शूटिंग दल का हिस्सा हैं, जिसमें 21 सदस्य शामिल हैं। मनु भाकर के नेतृत्व में, टीम को कई स्पर्धाओं में सफलता की उच्च उम्मीदें हैं। संधू का इवेंट, महिलाओं की राइफल 3 पोजीशन, 1 अगस्त को होने वाला है, और फाइनल 2 अगस्त को चेटेयरौक्स के नेशनल शूटिंग सेंटर में होगा।
स्वर्ण पदक का लक्ष्य
सितंबर में 23 साल की होने की तैयारी कर रही संधू अपने ओलंपिक डेब्यू में संभावित स्वर्ण पदक की दौड़ में हैं। एक युवा शूटिंग उत्साही से विश्व रिकॉर्ड धारक बनने तक उनकी यात्रा कई महत्वाकांक्षी एथलीटों के लिए प्रेरणा का काम करती है। पेरिस ओलंपिक उनके करियर का एक निर्णायक क्षण होगा, और उनका लक्ष्य अपने जन्मदिन को सबसेबड़े मंच पर जीत के साथ मनाना है।