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Why Women Are Better Homemaker? जानें क्या हैं इसके कारण

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महिला प्रकृति द्वारा बनाई गई अत्यंत शक्तिशाली संरचना है। महिला से जुड़ी यह बात अधिक सुनने को मिलती है कि एक मकान को घर बनाने का श्रेय महिला को जाता है। महिला एवं पुरुष दोनों ही समाज के दो पहलू हैं प्रकृति ने दोनों को एक सामान सामाजिक दायित्व प्रदान किए हैं। परंतु जब बात घर की जिम्मेदारियों की एवं घर के कामों की आती हैं तो महिला इसमें श्रेष्ठ है। तो आइए जानते हैं ऐसे पांच कारण कि क्यों एक महिला घर को अच्छे से संभाल सकती है या घर संभालने में अधिक सामर्थ होती है।

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1.जिम्मेदारी का ऐहसास 

भारतीय समाज में सदैव से परिवार अत्यंत आवश्यक रहा है परंतु एक परिवार को जोड़े रखने का या साथ रखने जैसे बड़ा काम एक महिला के द्वारा मां बहन पत्नी, बेटी, बहू के रूप में होता है। 

घर में खाना बनाने से लेकर उसे व्यवस्थित रखने की पूरी जिम्मेदारी एक महिला द्वारा ही पूरी की जाती  है। आप बोले या ना बोले आपके घर आने पर मां भोजन अवश्य देगी या परसेगी क्योंकि उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास है।

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आपके छोटे से छोटे काम का भी ध्यान घर में एक महिला द्वारा ही रखा जाता है ।एक महिला अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभाती है।

2. त्याग की क्षमता

अपने घर की जिम्मेदारियों के  लिए घर, के कामों के लिए कभी किसी पुरुष को त्याग करते हुए नहीं देखा होगा। घर की समस्याओं के हल के लिए और घर में सभी का ध्यान रखने के लिए केवल एक महिला ही अपने सपनों का अपने आने वाले भविष्य तक का त्याग कर देती है ऐसी क्षमता शायद पुरुषों मै नहीं है। 

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3. ममत्व 

घर को अच्छे से चलाने के लिए संभालने के लिए केवल जिम्मेदारियों का एहसास और त्याग की क्षमता होना आवश्यक नहीं है साथ ही ममत्व का भाव होना भी जरूरी है। घर को घर बनाने के लिए सभी घर के लोगो में आपस मै प्रेम होना चाहिए पर इस प्रेम का संचार महिला ही करती है ।  कभी बच्चो की ग़लती माफ करके पति के गुस्से को भुलाकर के , घर मै अनबन होने पर सभी मै सलाह करना ये सब काम एक महिला ही करती है । 

आपसे कुछ भी चाहे बिना वो बस सब को प्यार देती है।

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4. अपेक्षाओं का अभाव

समाज हमेशा महिलाओं से ही अपेक्षा रखता है कि वही घर का सारा काम करें या घर की सारी जिम्मेदारी वही निभाए और समाज की इस अपेक्षा को पूरा करने के लिए अक्सर महिलाएं अपनी अपेक्षाओं को अपने भविष्य को अपने सपनों को त्याग देती हैं या उनमें कहीं ना कहीं किसी भी तरह की अपेक्षा नहीं रह जाती है। 

वे समाज से या किसी से कुछ नहीं चाहती परंतु बिना कुछ चाहे हुए भी वह घर के सभी सदस्यों का काम बराबर से करती हैं। यदि वह किस से कुछ अपेक्षा रखती है तो बस इतनी कि वह जो काम करती है उसकी कहीं ना कहीं किसी के द्वारा तारीफ कर दी जाए या आज खाना अच्छा बना है बस इतना ही कहने पर वह खुश हो जाती है इतनी कम उम्मीद और बिना कुछ लिए एक महिला सदैव ही अपने कामों को पूरा करती है।

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5. निपुणता 

 भारतीय समाज में घर के कामों की जिम्मेदारी हमेशा से एक महिला पर रही है जिस वजह से एक महिला दूसरी महिला को हमेशा इन कामो के लिए तैयार कर देती है। हमने हमारी जिंदगी में अक्सर देखा होगा कि आपने कोई भी काम सीखा होगा चाहे वह  घर में खाना बनाना हो या छोटा काम भी आप अपनी मां से सीखते है और आपकी मा उस में निपुण होते हैं ।

 किसी भी पुरुष की बजाय महिला घर के कामों को करने के लिए अधिक निपुण होते हैं क्योंकि उसने वह काम बचपन से देखे होते हैं और किए भी होते हैं जिस वजह से उसे इन कामों की आदत पड़ जाती है। 

हमारे यहां महिला को अन्नपूर्णा भी कहा जाता है क्योंकि वह घर मे  सब  को भोजन प्रदान करती है और साथ ही प्रेम होने की वजह से दूसरों को भी घर की छोटी-छोटी चीजों का ध्यान एक महिला से अधिक शायद और कोई नहीं रख सकता ।

पुरुष बाहर या फिर अपने ऑफिस में काम करता है पर घर की जिम्मेदारी उतने अच्छे से नहीं निभा सकता जितने अच्छे से एक महिला निभा सकती है आप अपने आस पास या अपने घर में अपनी मां बहन पत्नी बेटी बहू को देखकर इसका अंदाजा आसानी से लगा सकते है।

ममत्व
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