Paris Olympics 2024 : भारतीय पहलवान विनेश फोगाट द्वारा पेरिस ओलंपिक से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ दायर अपील पर स्पोर्ट्स आर्बिट्रेशन कोर्ट (CAS) ने अपना अंतिम फैसला टाल दिया है। सेमीफाइनल जीतने के बाद वजन अधिक होने के कारण अयोग्य ठहराए जाने के बाद संयुक्त रजत पदक की मांग करने वाली फोगाट को अब 13 अगस्त तक इंतजार करना होगा।
विनेश फोगाट को मिलेगा सिल्वर मेडल? फैसला 13 अगस्त तक टला
फैसले में देरी
8 अगस्त को समाप्त हुई सुनवाई में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने CAS में फोगाट का प्रतिनिधित्व करने पर सहमति जताई थी। शुरुआत में, अंतिम फैसले की घोषणा 11 अगस्त को शाम 6 बजे पेरिस समय (रात 9:30 बजे IST) पर होने वाली थी। हालांकि, अब फैसले को टाल दिया गया है और अंतिम परिणाम की उम्मीद 13 अगस्त रात 9:30 बजे IST तक है।
केस की सुनवाई
स्पोर्ट्स आर्बिट्रेशन कोर्ट (CAS) की एड हॉक डिवीजन ने 10 अगस्त को प्रतिष्ठित पहलवान विनेश फोगाट की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने पेरिस ओलंपिक से अयोग्य ठहराए जाने को चुनौती दी थी। एथलीट को 7 अगस्त को फाइनल मैच में प्रतिस्पर्धा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था क्योंकि कथित तौर पर वह महिलाओं की 50 किलो वर्ग के लिए योग्यता मानक पूरा नहीं करती थीं। वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे द्वारा प्रतिनिधित्व वाली फोगाट ने संयुक्त रजत पदक की अपील की। उनके कानूनी प्रतिनिधियों और इस मामले में दूसरी पार्टी यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के प्रतिनिधियों द्वारा दलीलें पेश की गईं।
IOA का पूरा समर्थन विनेश फोगाट के साथ
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) को विश्वास है कि विनेश फोगाट के मामले में फैसला उनके पक्ष में आएगा। IOA अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा, "IOA का कर्तव्य है कि वह विनेश का समर्थन करे और इस मामले के परिणाम के बावजूद उनका दृढ़, अटल और दृढ़ समर्थन जारी रखेगा। हम उनके शानदार करियर में कुश्ती मैट पर उनकी अनगिनत उपलब्धियों पर गर्व करते हैं।" आधिकारिक अंतरिम रिपोर्ट 11 अगस्त को पेरिस ओलंपिक के समापन से पहले आने की उम्मीद है।
विनेश फोगट ने की रिटायरमेंट की घोषणा
भारतीय कुश्ती जगत में एक काला दिन देखने को मिला जब ओलंपिक पदक विजेता विनेश फोगट ने खेल से संन्यास लेने का फैसला किया। पेरिस ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने के कुछ ही घंटे बाद, कथित तौर पर महिलाओं की 50 किलो वर्ग के लिए क्वालीफाइंग मानक पूरा नहीं करने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
इस निराशाजनक घटना के बाद, विनेश ने एक भावुक संदेश में लिखा, "मम्मी, कुश्ती मुझसे जीत गई, मैं हार गई। आपका सपना, मेरा हौसला, सब टूट गया। अब मेरे पास कोई ताकत नहीं बची है।" भारतीय ओलंपिक संघ ने कहा कि फोगाट ने पूरी कोशिश की, लेकिन वह वजन मानक से लगभग 2 किलो अधिक थीं।
माँ कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ़ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब।
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) August 7, 2024
अलविदा कुश्ती 2001-2024 🙏
आप सबकी हमेशा ऋणी रहूँगी माफी 🙏🙏
विनेश फोगट ने 6 अगस्त को इतिहास रच दिया था जब वह ओलंपिक में महिला कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बन गई थीं। उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की युसनेलिस गुज़मैन को 5-0 से हराया था। इससे पहले क्वार्टरफाइनल में उन्होंने जापान की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और विश्व नंबर 1 यूई सुसाकी को हराकर सबको चौंका दिया था।
Vinesh Phogat: विरोध से ओलंपिक फाइनल तक एक प्रेरणादायक सफर
विरोध से आश्वासन: ओलंपिक पदक की राह
2023 में, विनेश फोगट सहित कई जाने-माने पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के नेतृत्व के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इन पहलवानों ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के आरोपी संघ अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन विनेश फोगाट जैसी खिलाड़ियों की लड़ाई ने देश का ध्यान इस गंभीर मुद्दे की ओर खींचा।
विपरीत परिस्थितियों में विजय
विरोध प्रदर्शनों के बाद फरवरी 2024 में विनेश फोगट ने वापसी की। उन्होंने न केवल ओलंपिक फाइनल में जगह बनाई बल्कि खेल भावना का भी परिचय दिया। चोट, वजन कम करना, और विश्व की एक अजेय चैंपियन को हराना - इन चुनौतियों से पार पाकर विनेश ने यह साबित कर दिया है कि उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति अटूट है।
सोशल मीडिया पर जश्न
विनेश फोगट की इस उपलब्धि से पूरा देश खुशी से झूम उठा है। सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में ट्वीट्स की बाढ़ आ गई है। खेल जगत के दिग्गजों से लेकर आम जनता तक हर कोई विनेश की तारीफ कर रहा है। उनकी कड़ी मेहनत और हौसले की हर तरफ चर्चा हो रही है।
No matter what happens from here on, the journey of Vinesh Phogat is the most compelling narrative ever in Indian sport.
— Joy Bhattacharjya (@joybhattacharj) August 6, 2024
From Asian Games & Commonwealth glory to a career threatening injury in Rio to public enemy for standing up against perhaps the most intimidating figure in… pic.twitter.com/YqLmNzQ632
When you treat And she still
— Karuna Nundy (@karunanundy) August 6, 2024
a National hero blazes through
like this. the Olympics.
This country is built on the backs of women like Vinesh Phogat. pic.twitter.com/b38GTd5I5B
Vinesh Phogat led the protest against a powerful sexual predator, got assaulted by the police, and harassed by pro-govt shills.
— Siddharth (@DearthOfSid) August 6, 2024
Today she just became the first Indian woman wrestler to qualify for the final in Olympic history.
What an iconic story—one for the history books 🔥 pic.twitter.com/TGzlYUqYSX
A torn ligament. A lower weight category. An unbeaten world champion. Nothing stands in her way. Can’t wait to cheer @Phogat_Vinesh as she goes for gold. Your resilience and strength inspire us all. What an inspiring day, here’s hoping for one more! 🌟🇮🇳 #Paris2024 #Wrestling… pic.twitter.com/3AZ56wKEEZ
— Abhinav A. Bindra OLY (@Abhinav_Bindra) August 6, 2024
विनेश ने इतिहास रच दिया है. विनेश महिला कुश्ती में ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं.
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) August 6, 2024
आज सब भारतीयों की आंखों में आसूं हैं.
ये देश की बेटियां हैं, जिन्होंने हमेशा ही देश की शान बढ़ाई है. जिन लोगों ने हमेशा इन बेटियों की राह में कांटे बिछाए… pic.twitter.com/NJ8t4p4h0Y
विनेश फोगाट का सफर सिर्फ ओलंपिक फाइनल तक पहुंचने की कहानी नहीं है, बल्कि यह विपरीत परिस्थितियों में भी निरंतर संघर्ष करने की प्रेरणा है। विनेश ने साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और जुनून से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी यह जीत पूरे देश को गौरवान्वित करती है।