Paris Olympics 2024: पेरिस 2024 ओलंपिक में भारत का परचम लहराने वाली निशानेबाज़ महेश्वरी चौहान का नाम इस बार खेल जगत में खूब सुर्खियों में है। हालाँकि व्यक्तिगत स्पर्धा में 14वें स्थान पर रहीं, मिश्रित टीम स्पर्धा में उन्होंने अनंतजीत सिंह नरूका के साथ मिलकर कांस्य पदक हासिल करने से मात्र एक अंक से चूक कर सभी का दिल जीत लिया। आइए जानते हैं इस उम्दा निशानेबाज़ के बारे में।
पेरिस ओलंपिक में भारत का नाम रोशन करने वाली निशानेबाज़
कौन हैं महेश्वरी चौहान? (Who Is Maheshwari Chauhan?)
महेश्वरी चौहान राजस्थान के जालौर जिले के सियाना गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से पढ़ाई की। खेल संस्था ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट से समर्थन प्राप्त करने वाली महेश्वरी की निशानेबाज़ी की यात्रा एक मज़ेदार गतिविधि के रूप में शुरू हुई थी। वह अपने दादा गणपत सिंह, पिता प्रदीप सिंह और भाई दक्षेश्वर सिंह के साथ सियाना स्थित उनके परिवार के निजी शूटिंग रेंज में अभ्यास करती थीं। 2023 में उन्होंने होटल व्यवसायी अधिराज सिंह से शादी की।
What an incredibly close match to decide the Bronze Medal in the Skeet Mixed Team event. A 1 point difference meaning our 🇮🇳 duo of Anant Jeet Singh Naruka and Maheshwari Chauhan finish 4th. Spirited performance 👏🏽👏🏽#JeetKiAur | #Cheer4Bharat pic.twitter.com/cLCd22Spw7
— Team India (@WeAreTeamIndia) August 5, 2024
निशानेबाज़ी में इतिहास रचने वालीं
महेश्वरी ने किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में महिला स्कीट स्पर्धा में व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज़ बनकर इतिहास रचाया। राष्ट्रीय कोच विक्रम सिंह चोपड़ा द्वारा प्रशिक्षित, महेश्वरी की उल्लेखनीय उपलब्धियों में कजाकिस्तान के अस्ताना में आयोजित 7वीं एशियाई चैंपियनशिप शॉटगन में कांस्य पदक प्राप्त करना शामिल है। इस प्रतियोगिता में भारत ने दो स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक हासिल किए। इसके अलावा, रश्मि राठौर और सानिया शेख के साथ मिलकर उन्होंने टीम स्पर्धा में भी चीन के बाद रजत पदक जीता, जिसमें वे स्वर्ण पदक से चूक गईं।
एक रिकॉर्ड तोड़ने वाली निशानेबाज़ दल
पेरिस ओलंपिक के लिए भारत का 21 सदस्यीय निशानेबाज़ दल अब तक का सबसे बड़ा दल है, जिसका लक्ष्य इस खेल में 12 साल के पदक सूखे को खत्म करना है। टीम में ज्यादातर नये खिलाड़ी शामिल हैं, जो पिछले प्रदर्शनों के दबाव से मुक्त हैं और अपने करियर की अंतिम परीक्षा देने के लिए तैयार हैं। अपने नाम चार ओलंपिक निशानेबाज़ी पदक के साथ, भारत इस साल अपनी झोली में और पदक जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
महेश्वरी चौहान ने भले ही व्यक्तिगत ओलंपिक पदक जीतने में चूक कर दी हो, लेकिन उन्होंने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से भारत का नाम रोशन किया है। उनकी प्रतिभा और कड़ी मेहनत निश्चित रूप से आने वाले समय में भारत को कई और पदक दिलाएगी।