Woman's Body After Sex: सेक्स के बाद महिला के शरीर में कई शारीरिक और साइकोलॉजिकल चेंजेस हो सकते हैं। ये बदलाओं शारीरिक संबंधों के प्रकार, भावनात्मक स्थिति, और स्वास्थ्य के आधार पर अलग हो सकते हैं।
सेक्स के बाद महिला शरीर में क्या होता है?
1. पहला फेज
पहला फेज उत्साह का है। इसमें आपकी हार्ट रेट बढ़ने लगती है और pulse तेज हो जाती है। क्योंकि आपकी हार्ट रेट तेज़ हो रही है, आपके लंग्स में ऑक्सीजन की आवश्यकता बढ़ जाती है जिसके कारण आप अधिक ऑक्सीजन लेने के लिए भारी और भारी सांस लेने लगते हैं। आपकी त्वचा की सतह पर छोटी ब्लड वेसल्स और कैपिलरी भी फैलने लगती हैं, जिसके कारण आपकी त्वचा लाल, निखरी हुई और चमकदार दिखाई देती है, आपके ब्रेस्ट और आपके निपल उभरे हुए हो जाते हैं, ब्रेस्ट अस्थायी रूप से बढ़े हुए और फैले हुए ब्लड वेसल्स के कारण सामान्य से बड़े लग सकते हैं।
2. दूसरा फेज
इस फेज में सभी तीव्र भावनाएँ उत्पन्न होने लगती हैं और आपकी Vagina भी प्रवेश की अपेक्षा करने वाले प्राकृतिक लिक्विड पदार्थ से खुद को चिकना करना शुरू कर देती है। इसके अलावा, आपके पूरे शरीर की मांसपेशियां वास्तव में तनावग्रस्त हो जाती हैं जबकि आपकी हार्ट रेट, सांस लेने की गति, आपका बीपी भी लगातार बढ़ने लगता है।
3. तीसरा फेज
तीसरा फेज climax का फेज है जहां आपका शरीर उत्तेजना के हाई लेवल पर पहुंचता है। जिसके बाद हैप्पी हार्मोन में ग्रोथ होती है, यानी आपके ऑक्सीटोसिन का लेवल अपने उच्चतम स्तर पर होता है। और फिर हम अंतिम चरण में आते हैं, जिसमें की प्री-सेक्स का मतलब है आपकी हार्ट रेट, आपकी नाड़ी, आपका बीपी, आपकी सांसें धीरे-धीरे कम होने लगती हैं और सामान्य स्थिति में आ जाती हैं। आपकी योनि (Vagina) की मांसपेशियां अपनी सामान्य स्थिति में वापस आ जाती हैं, आपके ब्रेस्ट और निपल्स अपनी सामान्य स्थिति में वापस आ जाते हैं। आपको थकावट महसूस हो सकता हैं और आप सो सकते हैं। यह बात जानना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस चरण का मतलब है कि Intercourse के दौरान होने वाले सभी परिवर्तन बहुत अस्थायी हैं और कुछ ही मिनटों में सामान्य हो जाते है।
शारीरिक परिवर्तन
1. हार्मोनल बदलाव
सेक्स के दौरान और बाद में शरीर में हार्मोन जैसे ऑक्सिटोसिन, डोपामिन और प्रोलैक्टिन का लेवल बढ़ता है। ये हार्मोन सुख और संबंधों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
2. शारीरिक थकान
शारीरिक गतिविधि के कारण थकान महसूस हो सकती है। सेक्स के बाद मांसपेशियों में तनाव और थकान का अनुभव होता है, जो सामान्य है।
3. इंक्रीज ब्लड सर्कुलेशन
सेक्स के दौरान रक्त प्रवाह बढ़ता है, विशेषकर जननांगों में। यह संवेदनाओं को बढ़ाता है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी हल्का उत्साह ला सकता है।
4. इंक्रीज सेंसिटिविटी
सेक्स के बाद महिला के genitals में sensitivity बढ़ सकती है। यह कुछ समय तक रह सकता है, जिससे उत्तेजना में वृद्धि होती है।
5. शारीरिक बदलाव
कुछ महिलाओं को सेक्स के बाद शरीर में हल्के बदलाव महसूस करती हैं, जैसे कि जलन या असुविधा, विशेष रूप से यदि संबंधों के दौरान कोई समस्या हुई हो।
मनोवैज्ञानिक परिवर्तन (psychological changes)
1. भावनात्मक संबंध
सेक्स के बाद, महिलाएं अक्सर अपने साथी के साथ गहरे भावनात्मक संबंध महसूस करती हैं। यह ऑक्सिटोसिन के प्रभाव के कारण होता है, जिसे "प्रेम हार्मोन" भी कहा जाता है।
2. तनाव और चिंता में कमी
सेक्स एक प्राकृतिक तनाव रिलीवर है। यह चिंता और तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे मानसिक स्थिति में सुधार होता है।
3. खुद की धारणा
सेक्स के बाद कुछ महिलाएं अपने शरीर के प्रति अधिक आत्म-विश्वास महसूस कर सकती हैं, जबकि अन्य असुरक्षित महसूस कर सकती हैं। यह अनुभव व्यक्तिगत होता है और रिश्ते की क्वालिटी पर निर्भर करता है।