Advertisment

कनिका ढिल्लन ने खोला अपनी कहानियों का सबसे अहम राज़, इशारा: ये महिला किरदार नहीं है

जानें कैसे लेखक कनिका ढिल्लन अपनी कहानियों को शहरों के माध्यम से आकार देती हैं। 'केदारनाथ' से 'हसीन दिलरुबा' तक, उनके अनोखे कहानी कहने के अंदाज को समझें जो महिला किरदारों से कहीं आगे है।

author-image
Vaishali Garg
New Update

महिला लेखकों के उत्सव के ताजा संस्करण में, SheThePeople ने कनिका ढिल्लन का स्वागत किया, जो न केवल एक लेखक और निर्माता हैं बल्कि उन महिला किरदारों के पीछे की मास्टरमाइंड हैं जो कच्चे, असली और बिना किसी माफी के दुनिया का आईना दिखाते हैं। इस सेशन में उन्होंने अपनी कहानियों के उस खास तत्व का खुलासा किया जो अक्सर नजरअंदाज हो जाता है, लेकिन उसकी भूमिका बेहद अहम होती है: शहर या स्थान।

Advertisment

कनिका ढिल्लन ने खोला अपनी कहानियों का सबसे अहम राज़, इशारा: ये महिला किरदार नहीं है

कनिका का खुलासा: उनकी कहानियों का सबसे अहम पहलू

जब आप कनिका ढिल्लन की फिल्मों के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले दिमाग में महिला किरदार आते हैं। उनकी कहानियों में महिलाएं उन रूढ़ियों को तोड़ती हैं जो अक्सर समाज में आम मानी जाती हैं। लेकिन रागिनी डालिया के साथ एक खास बातचीत में, कनिका ने बताया कि उनकी कहानियों को आकार देने वाला एक और गहरा तत्व है – शहर या स्थान, जो कहानी के ताने-बाने को मजबूत करता है।

Advertisment

कहानी में शहर का महत्व

कनिका ने बताया कि कैसे उनके द्वारा चुनी गई जगहें सिर्फ बैकग्राउंड नहीं होतीं, बल्कि एक जिंदा किरदार की तरह कहानी में शामिल होती हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "केदारनाथ यात्रा और उत्तराखंड की बाढ़ 'केदारनाथ' फिल्म में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इसी तरह, 'फिर आई हसीन दिलरुबा' में आगरा की गंगा नदी और वहां के मगरमच्छ कहानी को आकार देते हैं। ये स्थान कहानी के ताने-बाने को अधिक वास्तविक और प्रभावशाली बनाते हैं।"

शहर और किरदारों का संबंध

Advertisment

कनिका का मानना है कि शहर और उसकी सांस्कृतिक जड़ें उनके किरदारों को गहराई प्रदान करती हैं। "शहर के दृश्य, सिनेमाई प्रतीकवाद मेरे लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह किरदारों को जड़ देता है, उनके परिवेश को दर्शाता है। कभी-कभी शहर किरदार को प्रभावित करता है और कभी-कभी शहर किरदार की भावनाओं को दर्शाता है," उन्होंने बताया।

लेखन में भावनात्मक जुड़ाव का महत्व

भले ही कनिका के लिए शहर और स्थान का महत्व हो, लेकिन वह यह भी मानती हैं कि उनके किरदारों के साथ भावनात्मक जुड़ाव भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, "मैं अपने महिला और पुरुष किरदारों से एक गहरे भावनात्मक तार से जुड़ी रहती हूं। जब मैं किसी भी किरदार को लिखती हूं, चाहे वह महिला हो या पुरुष, वह मेरे भीतर से उत्पन्न होता है।" 

Advertisment

एक थ्रिलर लिखने की कला

कनिका ने थ्रिलर फिल्मों में दर्शकों को बांधे रखने के अपने तरीके का भी खुलासा किया। "थ्रिलर की पहली परत सिर्फ सस्पेंस नहीं होती, बल्कि यह भावनात्मक जुड़ाव होता है। अगर आप किरदारों की परवाह नहीं करते हैं, तो उनके जीवन में घटित होने वाली घटनाओं से आपको कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"

कनिका की आने वाली परियोजनाएं

Advertisment

कनिका ढिल्लन जल्द ही अभिनेत्री तापसी पन्नू के साथ एक नई फिल्म "गांधारी" के लिए वापसी कर रही हैं, जो एक एक्शन-थ्रिलर होगी और मां और बच्चे के बीच के गहरे संबंध को उजागर करेगी। यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी। 

कनिका ढिल्लन का लेखन सिनेमा में न केवल एक नई दृष्टि लाता है बल्कि किरदारों और स्थानों के बीच एक गहरे भावनात्मक संबंध को भी दर्शाता है।

Shethepeople ShethepeopleTV writing
Advertisment