Age is Just a Number! This Mumbai Couple Defies 20-Year Age Gap with Love: आजकल हर तरफ पारंपरिक प्रेम कहानियां ही देखने-सुनने को मिलती हैं, लेकिन मुंबई का एक कपल गीता और निखिल कुछ अलग ही मिसाल पेश कर रहे हैं। उनकी प्रेम कहानी इस बात को साबित करती है कि "उम्र सिर्फ एक संख्या है।" उनका मानना है कि जब दो दिल सच्चे में एक-दूसरे की परवाह करते हैं, तो उन्हें साथ रहने से कोई नहीं रोक सकता।
उनकी कहानी उम्र के बंधन को तोड़कर एक दूसरे के प्रति समर्पण और दृढ़ता की मिसाल है। "SheThePeople" के साथ बातचीत में गीता और निखिल ने बताया कि कैसे समाज की रूढ़ियों और परिवार के विरोध के बावजूद उनका रिश्ता और मजबूत होता गया। उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया और साबित कर दिया कि सच्चा प्यार उम्र के बंधनों को तोड़ सकता है।
उम्र सिर्फ संख्या! मुंबई का ये कपल 20 साल के फासले को कर रहा है प्यार से पार
अपने शब्दों में सफरनामा
आज वे गर्व से अपना अनुभव साझा कर रहे हैं, जो दूसरों को अपने दिल की सुनने और सामाजिक मानदंडों को तोड़ने की प्रेरणा देता है। आइए, उनके अपने शब्दों में सुनते हैं उनका प्रेरणादायक सफर, जिसमें उन्होंने रूढ़ियों को चुनौती दी और अपने अनोखे रिश्ते का जश्न मनाया।
गीता की कहानी
"मैं 59 साल की हूं और मेरे पति 39 साल के। हमने सोचा था कि उम्र का फासला शायद एक मुद्दा बन जाए, लेकिन इसने हमें एक-दूसरे के करीब आने से नहीं रोका। आज, शादी के तीन साल बाद, मैं विश्वास के साथ कह सकती हूं कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, और मैं वास्तव में भाग्यशाली हूं कि निखिल मेरे जीवन साथी हैं।"
"मेरे पहले पति ने 28 साल की शादी को खत्म कर मुझे तलाक दे दिया। तलाक के सिर्फ एक महीने बाद ही उन्होंने दोबारा शादी कर ली। मैं गहरे अवसाद में चली गई और मुझे लगा कि मेरी जिंदगी खत्म हो गई है। लेकिन जिंदगी की अपनी ही योजनाएं थीं। सामाजिक कार्यों में स्वयंसेवा करते समय मेरी मुलाकात निखिल से हुई, जो पहले से ही तलाकशुदा था।"
उम्र का फासला प्यार में बाधा नहीं
"मुझसे 20 साल छोटे निखिल ने मुझे डिप्रेशन से उबरने में मदद की। हम प्यार में पड़ गए लेकिन उम्र के फासले के कारण कभी जाहिर नहीं कर सके। इसलिए हमने सिर्फ दोस्त रहने का फैसला किया। लेकिन जिंदगी ने मुझे तब चौंका दिया, जब निखिल ने प्रपोज किया। मैंने उनसे कहा कि उम्र के फासले के कारण ये मुमकिन नहीं है, लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ा।"
परिवार का विरोध और फिर स्वीकृति
"जब निखिल ने अपने माता-पिता को हमारे बारे में बताया, तो उन्होंने मुझे कुछ ही सेकंड में अस्वीकार कर दिया। वहीं, मेरा परिवार आसानी से मान गया और मेरे लिए खुश था। उनके माता-पिता को मनाने के वर्षों बाद, हमने आखिरकार अपनी शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। हैरानी की बात ये है कि हमारे दोनों परिवार हमारे साथ शामिल हुए और हमारे जश्न का हिस्सा बने।"
उम्र भर का साथ
"हमें साथ समय बिताना बहुत अच्छा लगता है। आखिर में, उम्र तो बस एक संख्या है। अपनी तीसरी सालगिरह मनाते हुए, हम उम्मीद करते हैं कि हमारा प्यार हमेशा बना रहे।"