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बेटे ने कैंसर से ठीक हुई माँ को बाइक यात्रा पर ले जाकर पूरा किया सपना

मुंबई के संदीप वीर ने कैंसर को हराने के बाद अपनी माँ को उनके बचपन के सपने को पूरा करने में मदद की। वे उन्हें कोंकण स्थित उनके गाँव तक बाइक यात्रा पर ले गए। ये प्रेरणादायक कहानी हमें जिंदगी को भरपूर जीने का पाठ देती है।

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Vaishali Garg
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Sandeep Veer And His Mothers Story

Son Fulfills Mother's Travel Dream with Post-Cancer Bike Trip

Son Fulfills Mother's Travel Dream with Post-Cancer Bike Trip: मुंबई के रहने वाले संदीप वीर पेशे से एक डिज़ाइनर, बाइकर, घूमने के शौकीन और मराठी व्लॉगर हैं। मूल रूप से वे हरे-भरे कोंकण इलाके के रहने वाले हैं। बचपन से ही उन्होंने देखा कि उनकी माँ ने खुद को हमेशा परिवार और काम में लगा दिया और अपने सपनों को पूरा करने का उन्हें कम ही मौका मिला। बेटे की तरह ही उन्हें भी घूमना पसंद था, लेकिन दुनिया को जितना एक्सप्लोर करना चाहती थीं, उतना समय या मौका उन्हें नहीं मिला। 2022 में, उनके जीवन ने एक कठिन मोड़ लिया, जब उन्हें कैंसर हो गया। 

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यह लड़ाई कठिन थी, लेकिन संदीप की माँ ने अपने परिवार और प्रियजनों के समर्थन से बहादुरी से लड़ाई लड़ी। जल्द ही, विश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ, वह फिर से कैंसर मुक्त हो गईं।

बेटे ने कैंसर से ठीक हुई माँ को बाइक यात्रा पर ले जाकर पूरा किया सपना

एक सपने को साकार करता बाइक ट्रिप

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यही वह वक्त था, जब संदीप ने अपनी माँ को कोंकण में स्थित उनके पैतृक गांव लांजा तक बाइक यात्रा पर ले जाने की अपनी इच्छा को पूरा करने का फैसला किया। दोनों ने एक साथ सबसे अविश्वसनीय यात्रा शुरू की, जिसने अब उन्हें अपनी खुशी और आजादी को बाद के लिए टालने का सबक सिखाया है। इस यात्रा ने उन्हें न सिर्फ खूबसूरत अनुभव दिए बल्कि यह एक ऐसा परिवर्तनशील अनुभव भी बन गया, जिसने उनके रिश्ते को और मजबूत बनाया। 

माँ-बेटे की कहानी खुद उनके शब्दों में

"बचपन में, मैंने शायद ही कभी अपनी माँ को घूमते देखा। उन्होंने हमेशा अपने बच्चों और कर्तव्यों को प्राथमिकता दी। उन्हें घूमना पसंद था, लेकिन उन्हें वास्तव में कभी कुछ एक्सप्लोर करने का मौका नहीं मिला। 

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2022 में, उन्हें कैंसर हो गया। यह बहुत दुःखद था, लेकिन हमने कैंसर से लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की! उसी दिन मैंने अपनी माँ के घूमने के सपने को पूरा करने का फैसला किया।

मैं हमेशा उन्हें कोंकण क्षेत्र में स्थित हमारे गाँव तक बाइक से ले जाना चाहता था। एक दिन मैंने उनसे इस बारे में बताया और वे मान गईं। हमने अपना सामान पैक किया और अपने छोटे से एडवेंचर के लिए निकल पड़े। 

उनके साथ 380 किलोमीटर की दूरी तय करना और उन्हें मजे करते हुए देखना मेरे लिए सबसे अच्छा अनुभव था। वह इतनी खुश हैं कि वे पहले से ही अपनी दूसरी यात्रा की योजना बना रही हैं। माता-पिता को खुश करने से ज्यादा खुशी देने वाली कोई चीज नहीं है!"

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Travel Dream
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