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Silk Smitha: सेंशुअलिटी की रानी और रहस्यमय मौत - एक दुखद जीवन की कहानी

जानिए सिल्क स्मिता की जिंदगी की कहानी, जिन्होंने 1980 के दशक में साउथ इंडियन सिनेमा में अपनी पहचान बनाई। उनकी सफलता, निजी संघर्ष और रहस्यमय मौत का सच।

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Vaishali Garg
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सिल्क स्मिता, जिन्हें अक्सर “सेंशुअलिटी की रानी” कहा जाता है, ने भारतीय फिल्म उद्योग में अपनी bold और आकर्षक भूमिकाओं से अमिट छाप छोड़ी। हालांकि, उनका निजी जीवन संघर्षों और दर्द से भरा हुआ था, और महज 35 वर्ष की आयु में उनकी दुखद मौत हो गई।

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सिल्क स्मिता: सेंशुअलिटी की रानी और रहस्यमय मौत - एक दुखद जीवन की कहानी

सिल्क स्मिता का उत्थान और करियर की शुरुआत

सिल्क स्मिता का जन्म 2 दिसंबर, 1960 को आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव में विजयलक्ष्मी वद्लापति के नाम से हुआ था। एक गरीब तेलुगू परिवार में जन्मी सिल्क को अपनी माँ की मदद करने के लिए स्कूल छोड़ना पड़ा। महज 14 साल की उम्र में उनकी शादी एक शराबी और शारीरिक रूप से अपंग फैक्ट्री काम करने वाले व्यक्ति से कर दी गई थी। दो साल तक इस दर्दनाक शादी को सहने के बाद, उन्होंने अपने जीवन में बदलाव लाने का निर्णय लिया और चेन्नई भाग गईं।

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चेन्नई में रहकर उन्होंने फिल्म सेट्स पर टच-अप आर्टिस्ट के रूप में काम करना शुरू किया, और छोटे-छोटे रोल पाने की कोशिश की। एक दिन फिल्म निर्देशक विनु चक्रवर्ती ने उन्हें एक सेट पर देखा और उनकी खूबसूरती और आकर्षण से प्रभावित होकर उन्हें अभिनय और नृत्य की ट्रेनिंग दी। यहीं से उनका नाम "स्मिता" पड़ा, और उनका करियर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा।

सिल्क स्मिता की सफलता की राह

1980 के दशक में, सिल्क स्मिता ने साउथ इंडियन सिनेमा में अपना सिक्का जमाया और वह 400 से अधिक फिल्मों में नजर आईं। तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी जैसी भाषाओं में अभिनय किया। उनकी स्क्रीन पर मौजूदगी इतनी प्रभावशाली थी कि उनका फिल्म में होना ही फिल्म की सफलता की गारंटी बन गया था।

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स्मिता ने प्रति दिन 50,000 रुपये तक कमाए, जो उस समय साउथ इंडिया की किसी भी अभिनेत्री द्वारा अर्जित की गई सबसे बड़ी राशि थी। उनके अभिनय की शैली ने बहुत से स्टीरियोटाइप्स को तोड़ा, और उन्होंने महिलाओं के लिए सिनेमा में एक नई पहचान बनाई।

स्मिता के व्यक्तिगत संघर्ष और दुखद अंत

उनकी निजी जिंदगी में कई असफल रिश्ते और एक प्रसिद्ध डॉक्टर के साथ उनके लिव-इन रिलेशनशिप ने उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर कर दिया। इसके अलावा शराब और नशीले पदार्थों की आदत ने उनकी हालत और भी खराब कर दी। 1990 के दशक में उन्होंने फिल्म प्रोड्यूसर के रूप में अपने करियर को बदलने की कोशिश की, लेकिन वह असफल रही।

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23 सितंबर 1996 को, सिल्क स्मिता चेन्नई स्थित अपने अपार्टमेंट में मृत पाई गईं, और यह कहा गया कि उन्होंने आत्महत्या की थी। उनकी मृत्यु ने कई सवाल खड़े किए, लेकिन उनका फिल्म इंडस्ट्री में योगदान और उनके संघर्षों की कहानी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है।

सिल्क स्मिता आज भी भारतीय सिनेमा की एक प्रेरणादायक और अभूतपूर्व शख्सियत के रूप में याद की जाती हैं। उनका जीवन, जिसमें संघर्ष, सफलता, और त्रासदी का मिला-जुला मिश्रण था, आज भी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने जिस तरह से सिनेमा की दुनिया में अपने लिए जगह बनाई और अपनी अद्वितीय पहचान बनाई, वह हमेशा याद रखी जाएगी।

उनकी कहानी केवल एक अभिनेत्री की नहीं, बल्कि एक महिला की है जिसने अपने सपनों के लिए लड़ाई लड़ी, और चाहे जो भी हुआ हो, उन्होंने सिनेमा की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी।

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