Indian Girls Lie: हम सभी ने देखा है कि आमतौर पर लड़कियों को अपने पेरेंट्स से झूठ बोलना पड़ता है। वे अपने माता-पिता को अपनी लाइफ के बारे में बहुत कम चीजें ही बता पाती हैं। भारतीय माता-पिता अपने बच्चों को लेकर इतने ज्यादा इनसिक्योर होते हैं कि वे अपने बच्चों पर ओवर कण्ट्रोल करते हैं जिसके कारण अक्सर घर की लड़कियाँ या बच्चे झूठ बोलने लगते हैं। वे सदैव दोहरा जीवन जीते हैं जिसमे वो एक तरफ अच्छे और संस्कारी होते हैं तो वहीं दूसरी तरह वैसे होते हैं जैसे वो होना चाहते हैं। लेकिन पेरेंट्स उनके एक दूसरे चरित्र से एकदम अनजान होते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भारतीय लड़कियों पर जरूरत से ज्यादा कण्ट्रोल किया जाता है। क्या आप जानते हैं कि कितने लोग ऐसे हैं जो घर पर और बाहर एक जैसे हैं। सच तो कोई नही बता सकते है। तो आइये जानते हैं कि आखिर लड़कियां घर पर झूठ क्यूँ बोलती हैं और इससे क्या नुकसान हो सकते हैं।
हमारा जीवन दोहरा क्यों है?
दरअसल भारतीय समाज में माता-पिता पर इतना अधिक प्रेसर होता है कि वो लड़कियों को किसी भी प्रकार की छूट देने से बचना चाहते हैं ऐसे में लड़कियां मजबूर हो जाती हैं दोहरे चरित्र को जीने के लिए हर कोई अपनी लाइफ में घूमना, खुश रहना, अपनी मन मर्जी करना चाहता है ऐसे में छूट न मिलने पर उन्हें दोहरा जीवन जीने की जरूरत होती है। आज कल के मॉडर्न युग में लड़कियां सोशल मीडिया, फ्रेंड्स बनाना, रिलेशनशिप बनाना सब कुछ करना चाहती हैं जो कि उनके पेरेंट्स उन्हें अलाउ नही करते जिसके कारण वो परिवार से छुपकर सब कुछ करती हैं। वहीं दूसरी ओर माता-पिता की नजरों में अच्छे बने रहने और संस्कारी होने के लिए उन्हें एक नार्मल लाइफ स्टाइल भी जीनी पड़ती है। जो कि उन्हें उनके पेरेंट्स के सामने अच्छा साबित करती है।
1. माता-पिता का अत्यधिक नियंत्रित करना
बहुत सी लड़कियों के घर पर झूठ बोलने और बातें छुपाने का रीजन यही होता है कि उनके पेरेंट्स चीजों को अपनाते ही नही वे अपनी बच्चियों पर जरूरत से ज्यादा नियंत्रण करते हैं। लड़कियाँ जो घर पर हैं उन्हें हमारे माता-पिता स्वीकार करते हैं और दूसरा जो बाहर हैं उन्हें वे नही स्वीकार करते हैं। भारतीय माता-पिता का अपने बच्चों पर काफी हद तक नियंत्रण होता है, भले ही उन्होंने खुद भी उसी चीज को फेस किया हो। क्योंकि उन्हें भरोसा नहीं होता है। समाज महिलाओं पर नियंत्रण चाहता है और अधिकांश माता-पिता रिश्तेदारों की राय को महत्व देते हैं। इसलिए वे लडकियों पर अधिक नियंत्रण लगाते हैं। एक रिसर्च अध्ययन के अनुसार, केवल 49% भारतीय माता-पिता अपने बच्चों की ख़ुशी को महत्वपूर्ण मानते हैं। जबकि यह ब्रिटेन में 77%, कनाडा में 78% और फ़्रांस में 86% है।
2. अच्छी लड़की की छवि
अक्सर माता-पिता पर समाज का इतना ज्यादा दबाव होता है कि उन्हें लगता है कि कहीं ऐसा न हो कि कोई व्यक्ति उन पर ऊँगली उठाए या उन्हें कुछ गलत कह दे जिसके कारण वे अपनी बेटी की आवश्यकताओं की उपेक्षा करके उसे संस्कारी बनने पर मजबूर करते हैं। उनपर समाज का इतना ज्यादा दबाव होता है कि वे अपने बच्चों पर जरूरत से ज्यादा दबाव बनाते हैं। जिसका कारण है कि लड़कियाँ घर पर झूठ बोलती हैं। कई मामलों में तो ऐसा भी होता है कि एक अच्छी लड़की की इमेज बनाए रखने और उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाने के लिए डांट पड़ती, पिटाई होती या कुछ मामलों में तो मार भी दिया जाता है और इसलिए वे झूठ बोलकर दोहरा जीवन जीती हैं।
जानिए महिलाओं पर अत्यधिक नियंत्रण के क्या हैं नुकसान
1. बढ़ने का अवसर नहीं मिलता
डर और अपराध बोध के कारण कारण लड़ियाँ घर पर बहुत सारी चीजें शेयर नही कर पाती हैं। इसलिए भी कि कुछ बेटियाँ आर्थिक रूप से अपने माता-पिता पर निर्भर हो सकती हैं और वे अपने माता-पिता से अपनी जरूरतों को नहीं कह पाती हैं तो उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है उन्हें आगे बढ़ने का अवसर नही मिलता है वे पीछे रह जाती हैं।
2. अपने बच्चे को नहीं जानना
जब माता-पिता अपने बच्चों पर जरूरत से ज्यादा नियंत्रण करते हैं तो बच्चे अपने माता-पिता से चीजें बताना बंद कर देते हैं। वे क्या करते हैं, कैसे रहना चाहते हैं, कहाँ जाते हैं, यह कुछ भी माता-पिता कभी जान ही नही पाते हैं कि इसलिए उन्हें पता ही नही होता उनके बच्चे रियल में क्या हैं और कैसे हैं।
3. अच्छे अवसर न मिलना
भारतीय पेरेंट्स अपने बच्चों पर जरूरत से ज्यादा दबाव बनाते हैं जिसकी वजह से बच्चियां कुछ भी करने और कहने से डरने लगती हैं जिसकी वजह से वे लाइफ में आगे नही बढ़ पाती हैं और यह उनके लिए काफी बुरा साबित होता है। ज्यादातर भारतीय समाज में लड़ियों को पेरेंट्स के दबाव की वजह से अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका ही नही मिलता है।
4. जरूरत पड़ने पर मदद नहीं मांगना
जब माता-पिता जरूरत से ज्यादा दबाव बनाते हैं तो बच्चे अपने माता-पिता से ज्यादा बातें शेयर नही करते ऐसे में जब उन्हें जरूरत होती है तो भी वे अपने पेरेंट्स से हेल्प नही मांग पाती हैं। ऐसा कई बार देखा गया है कि पेरेंट्स के दबाव के कारण लड़कियाँ अपने साथ होने वाली समस्याओं तक को बताने से डरती हैं उनके साथ यदि कोई कुछ बुरा करता है तो भी वे घर पर नही बता पाती हैं। भारत में बेटियां अपने माता-पिता के लिए एक ही छत के नीचे अजनबी बनकर रहती हैं।