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Ear Piercing Photograph: (Freepik)
Know the pros and cons of piercing: पियर्सिंग, जिसे हम 'छेदन' भी कहते हैं, सिर्फ एक फैशन ट्रेंड नहीं है बल्कि एक प्राचीन परंपरा है जिसका इतिहास हजारों साल पुराना है। ये न केवल पर्सनेलिटी को एक अनोखा रूप देता है, बल्कि इसके कई हैल्थ और मेंटल बेनिफिट्स भी माने जाते हैं। भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में पियर्सिंग को कल्चरल और स्पिरिचुअल दृष्टिकोण से भी देखा जाता है। कान, नाक, नाभि या शरीर के दूसरी जगहों में पियर्सिंग कराने से न सिर्फ एक सुंदर और अट्रैक्टिव लुक मिलता है, बल्कि ये शरीर के कुछ खास एक्यूप्रेशर पॉइंट्स को भी एक्टिव करता है, जिससे दिमाग शांत रहता है और फिजिकल हैल्थ भी अच्छी रहती है। आज के समय में पियर्सिंग लोगों के बीच खुद को एक्सप्रेस करने का भी एक माध्यम बन चुका है, जिससे वे अपनी सोच और स्टाइल को खुलकर दिखा सकते हैं।
जाने क्या हैं फायदे पियर्सिंग कराने के
1. एक्यूप्रेशर पॉइंट्स
आयुर्वेद और एक्यूप्रेशर दोनों ही ये मानते आ रहे हैं कि हमारे शरीर में कुछ ऐसे विशेष पॉइंट्स होते हैं जिनपर पियर्सिंग करने से वे एक्टिव हो जाते हैं और दर्द में राहत पहुंचाते हैं। कानों में इयरलोब पियर्सिंग और नाक में बाईं ओर पियर्सिंग खासकर महिलाओं के लिए रिप्रोडक्शन के लिए अच्छी रहती है।
2. स्ट्रेस और सर दर्द में आराम
कानों में पियर्सिंग कराने से माइग्रेन और अन्य सर दर्द में राहत मिलती है क्योंकि ये एक ऐसी नर्व को एक्टिव कर देता है जो स्ट्रेस और पेन को कंट्रोल करती है और दर्द से बचाती है।
3. स्पिरिचुअल बैलेंस
कुछ मान्यताओं के अनुसार, पियर्सिंग से शरीर के चकरा एक्टिव हो जाते हैं और शरीर को बैलेंस्ड रखते हैं। यह शरीर और दिमाग़ के बीच पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो बढ़ता है जिससे मानसिक शांति मिल सकती है।
4. धार्मिक मान्यताएं
इंडिया में कण छेदन संस्कार को बहुत शुभ माना जाता है न सिर्फ़ लड़कियों के लिए बल्कि लड़कों के लिए भी। इसके अलावा नाक की पियर्सिंग को महिलाओं की रिप्रोडक्शन सिस्टम से जोड़कर देखा जाता है।
5. फैशन स्टेटमेंट
अच्छी तरह की गई पियर्सिंग चेहरे और शरीर की बनावट को और निखारती है। सही ज्वेलरी के साथ, यह एक अट्रैक्टिव और फैशनेबल लुक देती है। कई लोग इसे चेहरे की फीचर्स को हाइलाइट करने के लिए करवाते हैं, जैसे – नाक की पिन, कान के ट्रैगस या कार्टिलेज पियर्सिंग।