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How Parenthood Transforms Relationships: पेरेंट बनने के बाद आपका रिलेशनशिप एक तरीके से बदल जाता है क्योंकि उसमें बच्चे की रिस्पांसिबिलिटी भी शामिल होती है। ऐसे में रिश्ते को नेविगेट करना है या चुनौतियों के ऊपर बात करना बहुत जरूरी हो जाता है। लेकिन कई बार कपल रिश्ते को पहले जैसे ही ट्रीट नहीं करते हैं जिस कारण उनके बीच में दूरियां आ जाती हैं। ऐसा करने कि आपको जरूरत नहीं है। आप रिलेशनशिप को समझे कि बच्चा होने के बाद उसमें क्या बदलाव आ रहे हैं। चलिए जानते हैं कि कैसे पेरेंट बनने के बाद एक रिलेशनशिप बदल जाता है-
पेरेंट्स बनने के बाद रिश्ता कैसे बदल जाता है
प्राथमिकताओं में बदलाव आ जाता है
पेरेंट बनने के बाद ज्यादातर बार ऐसा होता है कि पूरा ध्यान बच्चे पर शिफ्ट हो जाता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि बच्चे की ज़रूरतें प्राथमिकता ले लेती हैं जिस वजह से खुद के लिए या फिर कपल को एक दूसरे के लिए बहुत कम समय मिलता है।.ऐसे में आपको इस बात को समझ कर अपने रिश्ते को भी समझना चाहिए। और उसके लिए भी समय निकालना चाहिए।
काम बांटने चाहिए
घर के काम का एक नया विभाजन या पुनर्मूल्यांकन होना चाहिए जिसमें बच्चे की देखभाल भी शामिल है। आपके बीच काम को लेकर भी विवाद हो सकता है कि एक पार्टनर को लग सकता है, उसके ऊपर ज्यादा जिम्मेदारियां आ रही हैं या फिर उसका मेंटल बोझ बढ़ रहा है। ऐसे में आपको काम को इस तरीके से बांटना चाहिए कि दोनों पार्टनर को बहुत ज्यादा ना लगे और बच्चे की जिम्मेदारी भी दोनों पार्टनर्स के ऊपर होनी चाहिए।
बढ़ा हुआ तनाव
माता-पिता बनने से तनाव का एक नया स्तर सामने आता है, जैसे आपके खर्च भी बढ़ जाते हैं। इसके साथ ही आपको अपने भविष्य को लेकर भी चिंताएं होती हैं। बच्चा होने के बाद नींद भी अच्छे से पूरी नहीं होती हैं जिसके कारण चिड़चिड़ापन, तनाव और एक-दूसरे के प्रति कम धैर्य का कारण बन सकती है, जिससे संभावित रूप से अधिक बहस या कम भावनात्मक उपलब्धता (Emotional Avialiability) हो सकती है।
इंटिमेसी में बदलाव
थकान, गर्भावस्था के बाद महिला के शरीर में बदलाव या बस अकेले कम समय बिताने के कारण फिजिकल इंटिमेसी प्रभावित हो सकती है। इसके साथ ही इमोशनल इंटिमेसी भी कम हो सकती है क्योंकि दोनों पार्टनर्स को एक-दूसरे के लिए समय भी कम मिलता है। ऐसे में आपको पार्टनर की शारीरिक जरूरत का भी ध्यान रखना चाहिए और उन्हें ऐसे समय में अकेले नहीं छोड़ना चाहिए।
पहचान में बदलाव
ऐसी स्थिति महिलाओं के साथ ज्यादा पैदा होती है क्योंकि उनकी पहचान सिर्फ मां के तौर पर रह जाती है, पत्नी या पार्टनर के रूप में थोड़ी कम हो जाती है और अपनी इंडिविजुअल पहचान तो खत्म ही हो जाती है। ऐसे में महिलाओं को कोशिश करनी चाहिए कि उनकी इंडिविजुअल पहचान भी बनी रहे और रिश्ते में आपका एक-दूसरे को लेकर रवैया बदलना नहीं चाहिए।