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Parenting tips Photograph: (Freepik)
How to become an ideal for your kids: अपने बच्चों के लिए एक आदर्श (आइडल) बनना हर माता-पिता का सपना होता है, क्योंकि बच्चे वही सीखते हैं जो वे अपने माता-पिता को करते हुए देखते हैं। एक अच्छा आइडल बनने का मतलब केवल उन्हें सही-गलत का पाठ पढ़ाना नहीं है, बल्कि उन मूल्यों को खुद जीकर दिखाना भी है जिन्हें आप अपने बच्चों में देखना चाहते हैं। बच्चों के मन में माता-पिता की छवि ही सबसे पहली और सबसे प्रभावशाली होती है, इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा ईमानदार, सहनशील, मेहनती और जिम्मेदार बने, तो सबसे पहले आपको खुद इन गुणों को अपनाना होगा। अपने काम, बोलचाल, व्यवहार और डिसीजन के माध्यम से आप अनजाने में ही बच्चों को जीवन के बड़े सबक सिखा सकते हैं। एक पॉजिटिव, इंस्पिरेशनल और बैलेंस्ड पर्सनेलिटी अपनाकर आप न केवल अपने बच्चों का मार्गदर्शन कर सकते हैं, बल्कि उनके लिए एक स्थायी इंस्पिरेशन भी बन सकते हैं।
अपने बच्चों के लिए कैसे बने आइडल
1. अपना बिहेवियर अच्छा रखें
बच्चे छोटे हैं इसीलिए जो वो देखते हैं वही वो सीखते हैं। मां बाप को कोशिश करनी चाहिए कि खुद का बिहेवियर बच्चों के प्रति नरम और अच्छा रखें जिससे बच्चे वही सीखें और समझें। बच्चे खुद को अपने पेरेंट्स जैसा बनाना चाहते हैं तो वो वही करते हैं जो वो देखते हैं।
2. इमोशनल सपोर्ट दें
बच्चों की स्थिति को समझने की कोशिश करें। उन्हें ऐसा महसूस कराएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं चाहे कोई भी बात हो, कोई भी स्थिति हो। उन्हें अपनी बात कहने का मौका दें और उनकी बातों को समझने की कोशिश करें जिससे बच्चों और पेरेंट्स में आपसी समझ बढ़ेगी।
3. अच्छी भाषा का प्रयोग करें
अगर आप चाहते हैं कि बच्चों में भी भाषा की अच्छी पकड़ बने तो आपको स्वयं को उस भाषा का प्रयोग करना पड़ेगा अपनी रोज़ की बात चीत में जिसे देखने ही बचे सीखते हैं। अभद्र भाषा का प्रयोग न करें जो बच्चों द्वारा सीखी जा सकती है और उसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है।
4. बच्चों को समय दें
कोई भी रिश्ता मज़बूत करने के लिए जरूरी है कि उसमें समय दिया जाए। बच्चों के समय बिताने से, उनके साथ खेलने से, बातें करने से एक अलग भरोसा बढ़ता है बच्चों का अपने पेरेंट्स पर और वो हर चीज़ शेयर करने के लिए तैयार हो जाते हैं चाहे वो कोई भी बात हो।
5. अपनी गलतियों से सीखें
सबसे बड़ी सीख यही होती है कि अपनी गलतियों से सीखा जाए। पास्ट में अगर आपने कोई गलती की है बच्चों को लेकर तो उन गलतियों से सीखें उन्हें वापस न दोहराएं और कोशिश करें कि अपनी सीख को अपने बच्चों तक भी पहुंचाएं ताकि वे भी कुछ सुख सकें।