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Is Being A 'Perfect Mother' Just A Social Pressure?: ‘परफेक्ट मदर’ बनने का दबाव आज की आधुनिक माँओं पर एक बड़ा सामाजिक दबाव बन चुका है। जब हम ‘परफेक्ट मदर’ की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में एक ऐसी छवि आती है जो हर चीज़ में सक्षम, हर परिस्थिति में संतुलित और अपने बच्चों की हर जरूरत को पूरा करने वाली होती है। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होना संभव है, या यह सिर्फ एक सामाजिक निर्माण है?
क्या ‘परफेक्ट मदर’ होना सिर्फ एक सामाजिक दबाव है?
आज के समय में, सोशल मीडिया ने इस धारणा को और मजबूत किया है। इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर पर हम कई ऐसी माताओं को देखते हैं जो अपने बच्चों के साथ समय बिताने, उन्हें स्वस्थ खाना खिलाने और उन्हें शिक्षा देने में पूरी तरह से सक्षम दिखती हैं। ये तस्वीरें अक्सर हमें यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि हमें भी ऐसा ही करना चाहिए। लेकिन असलियत में, हर माँ की परिस्थिति अलग होती है। कुछ माताएँ कामकाजी होती हैं, कुछ घर पर रहती हैं, और हर किसी की अपनी चुनौतियाँ होती हैं।
‘परफेक्ट मदर’ की अवधारणा अक्सर समाज के द्वारा निर्धारित मानकों पर आधारित होती है। यह मानक कभी-कभी असंभव होते हैं और माताओं पर अत्यधिक दबाव डालते हैं। इस दबाव के कारण, कई माताएँ अपने आप को असफल मानने लगती हैं, अगर वे इन मानकों पर खरा नहीं उतरतीं। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
इसके अलावा, यह भी महत्वपूर्ण है कि हम समझें कि ‘परफेक्ट’ का अर्थ क्या है। हर माँ की अपनी विशेषताएँ और क्षमताएँ होती हैं। एक माँ जो अपने बच्चे को प्यार और समर्थन देती है, वह अपने तरीके से परफेक्ट है। बच्चों की परवरिश में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे सुरक्षित, प्यार से भरे और समझदार माहौल में बड़े हों।
समाज को भी इस सोच को बदलने की आवश्यकता है। हमें यह समझना चाहिए कि हर माँ अपनी परिस्थितियों के अनुसार सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश कर रही है। हमें उन्हें समर्थन और प्रेरणा देनी चाहिए, न कि उन पर दबाव डालना चाहिए।
अंत में, ‘परफेक्ट मदर’ होना एक सामाजिक दबाव है, जिसे हमें समझना और स्वीकार करना चाहिए। माँ बनने का सफर कभी-कभी कठिन और चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन यह भी एक अद्भुत अनुभव है। हमें इस समाज में एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए और यह स्वीकार करना चाहिए कि हर माँ की यात्रा अलग होती है। जब हम एक-दूसरे की मदद करते हैं और एक-दूसरे को स्वीकार करते हैं, तब हम वास्तव में एक स्वस्थ और खुशहाल समाज की दिशा में बढ़ सकते हैं।