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Sai Akhil Anand Is Making His Mark in the Art World: 14 साल के साई अखिल आनंद, जो एक प्रतिभाशाली कलाकार हैं, अपनी पहली सोलो चित्रकला प्रदर्शनी की तैयारी कर रहे हैं। यह प्रदर्शनी उनके शहर चेन्नई में होगी। इसमें उनका "मॉर्फोजेनेसिस" नाम का खास संग्रह दिखाया जाएगा, जिसमें गणित, पौराणिक कथाएँ, प्रकृति और भारतीय लोक कलाएं जैसे मधुबनी, गोंड, चेरियाल, कालीघाट और वारली का सुंदर मेल है। DT Next की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके चित्रों में फिबोनाची सीरीज़ और पवित्र ज्यामिति जैसे विषय भी शामिल हैं। उनका काम कहानी, विज्ञान और पर्यावरण को एक साथ जोड़ता है।
जानिए कौन हैं विश्वनाथन आनंद के 14 साल के बेटे साई अखिल आनंद जो कला की दुनिया में पहचान बना रहे हैं?
साई अखिल आनंद कौन हैं?
अखिल के काम में उनकी उम्र से कहीं ज़्यादा गहराई झलकती है। इस किशोर को यह प्रतिभा अपने पिता, विश्वनाथन 'विश्वी' आनंद से मिली है, जो महान शतरंज ग्रैंडमास्टर थे। उनकी माँ, अरुणा आनंद ने उन्हें सिर्फ़ पाँच साल की उम्र में आर्ट स्कूल में दाखिला दिलाया था। अखिल अपनी रचनात्मकता को पोषित करने और अपने असंख्य विचारों को दृश्य कहानियों में ढालने में मदद करने के लिए अपनी कला शिक्षिका Diana Sathish को श्रेय देते हैं।
अखिल ने Harper's Bazaar India को बताया कि उन्हें अपनी कला का उपयोग सामाजिक न्याय और पर्यावरण जागरूकता के लिए करने का जुनून है। वह डॉ. बी.आर. अंबेडकर, डेविड एटनबरो, जेन गुडॉल और अन्य दूरदर्शी लोगों से प्रेरणा लेते हैं। 2024 में, उन्होंने न्यूरोडाइवर्जेंट व्यक्तियों का समर्थन करने वाली एक कपड़ों की सीरीज भी लॉन्च की। यह नॉन प्रॉफिट हस्त फाउंडेशन के सहयोग से किया गया था।
गणितीय पैटर्न
अखिल की कलाकृतियों में ज़ेबरा और बाघ जैसे कई जानवर भी नजर आते हैं। उनकी एक खास पेंटिंग "टेरिफिक टाइगर" यह दिखाती है कि जानवर अपनी मां को उनके शरीर पर बने पैटर्न से कैसे पहचानते हैं। उन्हें यह दिलचस्प तब लगा जब उन्होंने देखा कि प्रकृति में हर जगह गणितीय पैटर्न मौजूद होते हैं।
अपनी इसी जिज्ञासा को उन्होंने 12 साल की उम्र में लिखी गई किताब 'द हार्ट ऑफ़ मैथ: अ यंग बॉयज़ पैशन फॉर आर्ट, मैथ एंड पैटर्न' में गहराई से समझाया है।
2023 में, अखिल ने चेन्नई ग्रैंड मास्टर्स इवेंट में प्रतिभागियों को एक खास पेंटिंग भी गिफ्ट की। यह पेंटिंग तमिलनाडु के पारंपरिक नृत्य पोइकल कुथिराई आट्टम से प्रेरित थी, जिसे उन्होंने शतरंज ओलंपियाड 2022 के उद्घाटन समारोह में देखा था। इस पेंटिंग में एक घोड़े पर सवार योद्धा था, जिसके हाथ में शतरंज का राजा वाला मोहरा था।
One person who gas added a lot of value to the Chennaj Grand Masters 2023 is Akhil Anand - the son of @vishy64theking and Aruna. When it was announced that the strongest ever classical super tournament was happening in his home town, Akhil, who is a wonderful artist, volunteered… pic.twitter.com/NJTXTSbbXE
— ChessBase India (@ChessbaseIndia) December 17, 2023
युवा अखिल एक खुद से सीखे हुए बुनकर (विवर) भी हैं। वह बुनाई में भी गणितीय पैटर्न को शामिल करने पर काम कर रहे हैं। उनकी माँ अरुणा ने Chess Base India को बताया, "उसे अच्छे से पता है कि वह क्या करना चाहता है और अपने काम को लेकर पूरी तरह गंभीर है। वह खुद रिसर्च करता है और अपने दम पर नए हुनर सीखता है।"