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10 Interesting Facts About Dussehra: दशहरा भारत का एक महत्वपूर्ण और शुभ पर्व है, जिसे पूरे देश में हर्षोल्लास और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इसे 'विजयादशमी' के नाम से भी जाना जाता है। यह केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में सत्य, धर्म और न्याय का अनुसरण करने की प्रेरणा देता है। यह पर्व हमें बुराई से दूर रहकर अच्छाई की राह पर चलने का संदेश देता है, जो हमारे जीवन को सार्थक और सफल बनाता है। यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दशहरा कई धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कारणों से विशेष महत्व रखता है।
दशहरा पर्व से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें
1. बुराई पर अच्छाई की जीत
दशहरा का मुख्य संदेश है बुराई पर अच्छाई की विजय। इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध करके अपनी पत्नी सीता को मुक्त किया था। रावण का वध धर्म और सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है, जो हमें जीवन में सच्चाई का अनुसरण करने की प्रेरणा देता है।
2. रावण दहन की परंपरा
दशहरा के दिन भारत के विभिन्न हिस्सों में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशाल पुतले बनाए जाते हैं और उन्हें जलाया जाता है। यह रावण दहन बुराई के अंत का प्रतीक है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं।
3. नवरात्रि का समापन
दशहरा नवरात्रि के नौ दिनों की समाप्ति पर मनाया जाता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा और उपासना की जाती है, और दशहरे के दिन उनकी विजय के रूप में इसे मनाया जाता है। इसे देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध करने के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है।
4. धर्म और संस्कृति का संगम
दशहरा केवल धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस दिन रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान राम के जीवन और उनके आदर्शों को नाटकीय रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
5. सत्य और धर्म का पालन
दशहरा हमें यह सिखाता है कि जीवन में सत्य और धर्म का पालन कितना आवश्यक है। यह पर्व हमें यह याद दिलाता है कि चाहे असत्य और अन्याय कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में सत्य और धर्म की ही जीत होती है।
6. विजयादशमी का महत्व
दशहरे को 'विजयादशमी' भी कहा जाता है, जो कि 'विजय' और 'दशमी' (दसवें दिन) से बना है। इस दिन को विजय के रूप में देखा जाता है, चाहे वह रावण पर श्रीराम की जीत हो या महिषासुर पर दुर्गा की। यह दिन सभी प्रकार की बुराइयों पर विजय का प्रतीक है।
7. अयोध्या और कर्नाटक में विशेष महत्व
दशहरा का उत्सव अयोध्या, राम की जन्मभूमि, और कर्नाटक के मैसूर में विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है। मैसूर का दशहरा उत्सव अपने अद्भुत झांकियों और शाही जुलूसों के लिए प्रसिद्ध है, जो कई दिन तक चलता है।
8. शस्त्र पूजन की परंपरा
दशहरे के दिन शस्त्रों की पूजा की जाती है। यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है, जब योद्धा इस दिन अपने शस्त्रों की पूजा करते थे और विजय के लिए आशीर्वाद प्राप्त करते थे। आज भी कई लोग इस दिन अपने काम के उपकरणों की पूजा करते हैं, जैसे व्यापार में प्रयोग होने वाले औजार या कागजात।
9. सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों का आयोजन
दशहरा के अवसर पर विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन रामलीला का आयोजन करते हैं, जिसमें रामायण के प्रसंगों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाता है। यह आयोजन लोगों को एकजुट करता है और समाज में धर्म और संस्कारों के प्रचार-प्रसार में मदद करता है।
10. विजय का उत्सव
दशहरा हमें सिखाता है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों, अगर हम सत्य और धर्म के मार्ग पर चलते हैं, तो विजय अवश्य प्राप्त होती है। यह पर्व हमें आशा, साहस और सकारात्मकता का संदेश देता है, जो हमारे जीवन में प्रेरणा का स्रोत बनता है।