New Update
/hindi/media/media_files/8s1y9nYhuyLgzZ5z7qYr.png)
Women Reservation Bill (Image Credit: Mathurubhumi English)
नई सांसद में महिला आरक्षण बिल को पेश कर दिया गया है। उम्मीद है, 20 सितंबर यह बिल सांसद में पास हो जाएगा। इस बिल को आज़ादी से पहले के लाने की कोशिश की जा रही है लेकिन अभी वह दिन आया नहीं है। आइए जानते है आज संसद में पेश हुए बिल के बारे में 10 बातें-
जानिए Women Reservation Bill के बारे में 10 महत्वपूर्ण बातें
- 19 सितंबर, 2003 को लोक सभा में 128वां संशोधन बिल पेश कर दिया गया। लेकिन कल 20 सितंबर को इसे पास किया जा सकता है। लोकसभा की कार्यवाही को 20 सितम्बर तक स्थगित कर दिया गया है।
- केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की तरफ़ से इस बिल को नई सांसद बिल्डिंग पेश किया गया है। इस बिल के पास होने से लोक सभा में महिला प्रतिनिधियों की सीटें 181 हो जाएगी जो कि अभी 82 है।
- प्रधानमंत्री ने इस मंत्री को नारी शक्ति वंदन विधेयक नाम दिया है। इस बिल को सिर्फ़ सीधे तौर पर चुने हुई महिला प्रतिनिधियों पर लागू किया जाएगा जिसका मतलब है राज्य सभा और विधान परिषदों में यह बिल लागू नहीं होगा।
- लोक सभा में कुल 543 सीटें है अगर यह बिल पास हो जाता है तो महिलाओं के लिए लोक सभा में 181 सीटें आरक्षित हो जाएँगी।
- यह बिल 27 वर्षों से अटके पड़ा था लेकिन अब सरकार ने संसद और विधान सभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करके मंजूरी दे दी है। यह बिल पहली बार 12 सितंबर 1996 को लोकसमें भा में पेश किया गया था।
- यह बिल 2024 के इलेक्शन से पहले लागू नहीं हो पाएगा। इस बिल को लागू लोकसभा और विधानसभाओं के में महिलाओं की परिसीमन या डिलिमिटेशन के बाद ही लागू किया जाएगा जो कि इस बार के इलेक्शन से पहले सम्भव नहीं है।
- इस बिल को मनमोहन सिंह जी के समय राज्य सभा में पारित कर दिया था जिसमें महिलाओं को 33% आरक्षण था।
- इस बिल की लोकसभा में पेश नहीं किया गया क्योंकि इस बिल का विरोध सपा और राजद की तरफ़ से हो रहा था और वापिस लेने की धमकी दी जा रही थीं।
- महिलाओं की सांसद में सबसे ज़्यादा भागीदारी 14.4% जो कि छत्तीसगढ़ में है। उसके बाद पश्चिम बंगाल और झारखंड 13.7% और 12.35 है।
- प्रधानमंत्री ने कहा यह बिल विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगा और इससे हमारा लोकतंत्र मजबूर होगा।