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जानिए फीमेल कॉन्डम से जुड़ी 10 बातें
1. एक फीमेल कंडोम को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इसे सेक्स के दौरान एक महिला योनि के अंदर डालकर पहनती हैं। ताकि अपने पार्टनर के सीमेन के संपर्क में आने से बचा जा सकें।
2. कॉन्ट्रैप्शन का यह तरीका महिलाओं को गर्भावस्था और STD के खतरे से खुद को सुरक्षित रख सकता हैं।
3. इसे इंटर कोर्स से लगभग 8 घंटे पहले वजाइना में डालना होता है। यह इंटर कोर्स से 8 घंटे पहले तक कंडोम अंदर रह सकता है लेकिन सेक्स करने के बाद इसे तुरंत निकाल दें।
4. फीमेल कंडोम का नया वर्जन प्राकृतिक लेटेक्स से बना हुआ है। इसमें प्लास्टिक कंडोम की तरह आवाज नहीं आती है। इसके अलावा, यह आसानी से महिला को फिट बैठता है।
5. फीमेल कंडोम का इस्तेमाल करने से विफलता की सामान्य दर लगभग 14 प्रतिशत है। हालांकि, गलत उपयोग से 21 प्रतिशत तक फेल हो सकता है।
6. पानी या सिलिकॉन आधारित लुब्रिकेंट्स किसी भी फीमेल कंडोम के साथ सुरक्षित रूप से उपयोग किया जा सकता हैं। लेकिन लेटेक्स से बने महिला कंडोम इस्तेमाल करने के बाद तेल का उपयोग नहीं करना चाहिए।
7. एक महिला कंडोम महिला के हार्मोन के स्तर को प्रभावित नहीं करता है और इसे डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के बिना भी खरीदा जा सकता है।
8. फीमेल कंडोम दोनों पार्टनर्स के लिए सेक्स को मजेदार बनाता है। कंडोम की बाहरी रिंग इंटर कोर्स के दौरान क्लेरिटी और पेनिस उत्तेजित कर सकता है।
9. इस गर्भनिरोधक के कुछ नुकसान भी हैं। यह दोनों पार्टनर्स में जननांग क्षेत्र में जलन पैदा कर सकता है और संभोग के दौरान योनि में फिसल सकता है।
10. इस कंडोम के इस्तेमाल से संभोग के दौरान संसेशन कम हो सकता है।