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बच्चे के टीनएज इयर्स उनके जीवन का सबसे नाज़ुक पीरियड होता है और ऐसे समय में उनको सबसे ज़्यादा केयर की ज़रूरत होती है। आज जिस तरह से पेरेंटिंग और टीनएज इयर्स काम्प्लेक्स होते जा रहे हैं, पेरेंट्स को अपने टीनएजर्स के साथ कनेक्शन स्थापित करने में बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा। ऐसे में कुछ रेड फ्लैग्स हैं जिनको आप अपने बच्चे के टीनएज लाइफ में अगर ऑब्ज़र्व करें तो उसकी मदद करने की कोशिश आप कर सकते हैं। जानिए ऐसे 5 टीनएज रेड फ्लैग्स के बारे में:
टीनएजर्स एक अजीब फेज में होते हैं जहाँ वो ना तो पूरी तरह से बड़े हुए हैं और ना ही अब वो बच्चे हैं। ऐसे में ये बहुत कॉमन है की बच्चे अपनी फीलिंग्स जल्दी शेयर नहीं कर पाते हैं और प्यूबर्टी चेंजेस के कारण इमोशनल फील करने लगते हैं। कई बार उनको ये भी लगता है कि कोई उन्हें समझ नहीं रहा है। इसलिए हो सकता है कि आपका बच्चा आपसे दूरियां बनाने लगे।
टीनएजर्स ऐसे ऐज पीरियड में होते हैं जब वो दुनिया को खुद से समझने की कोशिश कर रहे होते हैं। ऐसे में हो सकता है की किसी बात में उनका अपने पेरेंट्स से व्यू मैच ना करता हो। ऐसे में उनका गुस्सा हो जाना स्वाभाविक है। लेकिन अगर वो बात-बात पर गुस्सा करते हैं तो ये उनके सेहत के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है।
बच्चे टीनएज इयर्स में काफी ज़्यादा बुलीइंग और पियर प्रेशर का भी शिकार हो सकते हैं। इन सब के कारण हो सकता है कि वो खुद को अपने दोस्तों से आइसोलेट कर लें और ये भी संभव है कि वो कहीं सोशल इवेंट्स में जाने के से मन कर दें। इन बातों को हलके में ना लें और अपने बच्चे के बेहेवियर को ऑब्ज़र्व करते रहें।
टीनएज लाइफ में बच्चे काफी बिजी रहते हैं। एकेडेमिक्स के प्रेशर के साथ-साथ उनको एक्स्ट्रा करक्युलर एक्टिविटीज को भी मैनेज करना पड़ता है। इसमें और एडेड स्ट्रेस बढ़ता है लेट नाईट फ़ोन यूज़ करने से। ऐसे स्ट्रेस्फुल एनवायरनमेंट में रहने के कारण हो सकता है कि आपका बच्चा रात को ठीक से सो ना पाए। इसलिए अपने बच्चे के स्लीपिंग पैटर्न को ऑब्ज़र्व करें और कोई समस्या हो तो प्रोफेशनल हेल्प लें।
1. आपसे दूरियां बना लेना
टीनएजर्स एक अजीब फेज में होते हैं जहाँ वो ना तो पूरी तरह से बड़े हुए हैं और ना ही अब वो बच्चे हैं। ऐसे में ये बहुत कॉमन है की बच्चे अपनी फीलिंग्स जल्दी शेयर नहीं कर पाते हैं और प्यूबर्टी चेंजेस के कारण इमोशनल फील करने लगते हैं। कई बार उनको ये भी लगता है कि कोई उन्हें समझ नहीं रहा है। इसलिए हो सकता है कि आपका बच्चा आपसे दूरियां बनाने लगे।
2. जल्दी गुस्सा हो जाना
टीनएजर्स ऐसे ऐज पीरियड में होते हैं जब वो दुनिया को खुद से समझने की कोशिश कर रहे होते हैं। ऐसे में हो सकता है की किसी बात में उनका अपने पेरेंट्स से व्यू मैच ना करता हो। ऐसे में उनका गुस्सा हो जाना स्वाभाविक है। लेकिन अगर वो बात-बात पर गुस्सा करते हैं तो ये उनके सेहत के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है।
3. खुद को सोशली आइसोलेट कर लेना
बच्चे टीनएज इयर्स में काफी ज़्यादा बुलीइंग और पियर प्रेशर का भी शिकार हो सकते हैं। इन सब के कारण हो सकता है कि वो खुद को अपने दोस्तों से आइसोलेट कर लें और ये भी संभव है कि वो कहीं सोशल इवेंट्स में जाने के से मन कर दें। इन बातों को हलके में ना लें और अपने बच्चे के बेहेवियर को ऑब्ज़र्व करते रहें।
4. सोने में परेशानी
टीनएज लाइफ में बच्चे काफी बिजी रहते हैं। एकेडेमिक्स के प्रेशर के साथ-साथ उनको एक्स्ट्रा करक्युलर एक्टिविटीज को भी मैनेज करना पड़ता है। इसमें और एडेड स्ट्रेस बढ़ता है लेट नाईट फ़ोन यूज़ करने से। ऐसे स्ट्रेस्फुल एनवायरनमेंट में रहने के कारण हो सकता है कि आपका बच्चा रात को ठीक से सो ना पाए। इसलिए अपने बच्चे के स्लीपिंग पैटर्न को ऑब्ज़र्व करें और कोई समस्या हो तो प्रोफेशनल हेल्प लें।