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हर साल 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनेशन डे मनाया जाता है। इसे मानाने के पीछे का उद्देश्य है लोगों में रेगुलर ब्लड डोनेशन और इसके ज़रूरतमंदों तक सेफ ब्लड को पहुँचाना के प्रति जागरूकता बढ़ाना। इस दिन को सभी ब्लड डोनर्स जो सामने से ब्लड डोनेट करने के लिए वालंटियर करते हैं का आभार मानाने के लिए भी मनाया जाता है। ब्लड डोनेशन के फायदें भी बहुत सारे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक आज दुनिया को ब्लड डोनर्स और सेफ ब्लड की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। जानिए क्या हैं ब्लड डोनेट करने के फायदें:
रेगुलर और तिमली ब्लड डोनेट करने से वेट लॉस में मदद मिलती है और इससे हम और भी फिट बनते हैं। एक शोध के मुताबिक एक बार ब्लड डोनेट करने में 470 मिलीमीटर ब्लड लिया जाता है जो आपकी बॉडी की 650 कैलोरीज बर्न कर सकता है। लेकिन सिर्फ वेट लॉस करने के लिए ब्लड डोनेट करने का इरादा ना बनाएं। इससे पहले अपने डॉक्टर से कंसल्ट ज़रूर करें।
हेमोक्रोमैटोसिस एक मेडिकल कंडीशन है जिसमे आपकी बॉडी एक्सेस आयरन अब्सॉर्ब कर लेती है। रेगुलरली ब्लड डोनेट करने से आप इस कंडीशन से खुद को बचा सकते हैं। यहाँ तक की अगर आपको हेमोक्रोमैटोसिस है तो आप ब्लड डोनेशन से इस कंडीशन को ओवरकम कर सकते हैं। हालाँकि ये ज़रूरी है की आप ब्लड डोनेशन की सारी क्राइटेरिया को मीट करें।
हमारी शरीर में मौजूद हायर ऑक्सीजन लेवल के कारण कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। जब आप ब्लड डोनेट करते हैं तो अपनी आयरन लेवल्स को आप हेल्दी लिमिट तक रख सकते हैं और इस कारण आपको कैंसर होने का खतरा भी कम हो सकता है।
हमारी बॉडी में आयरन की ज़्यादा मात्रा ऑक्सीडेटिव डैमेज कर सकती है जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है। रेगुलर ब्लड डोनेशन आपकी आयरन लेवल को चेक में रखता है जिससे आपको हार्ट डिजीज होने का खतरा कम हो सकता है। इस बारे में आप अपने डॉक्टर से और जानकारी ले सकते हैं।
ब्लड डोनेशन नए ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन को स्टिमुलेट करता है। एक बार ब्लड डोनेट करने के 48 घंटे बाद ही आपकी बॉडी बोन मेरो की मदद से डोनेट किया हुआ सारा ब्लड रिकवर कर लेती है। सभी लॉस्ट ब्लड सेल्स के एवज में नए ब्लड सेल्स 30 से 60 दिन के अंदर फॉर्म हो जाते हैं। इसलिए रेगुलर ब्लड डोनेशन आपको बहुत हेल्दी रख सकता है।
1. वेट लॉस
रेगुलर और तिमली ब्लड डोनेट करने से वेट लॉस में मदद मिलती है और इससे हम और भी फिट बनते हैं। एक शोध के मुताबिक एक बार ब्लड डोनेट करने में 470 मिलीमीटर ब्लड लिया जाता है जो आपकी बॉडी की 650 कैलोरीज बर्न कर सकता है। लेकिन सिर्फ वेट लॉस करने के लिए ब्लड डोनेट करने का इरादा ना बनाएं। इससे पहले अपने डॉक्टर से कंसल्ट ज़रूर करें।
2. हेमोक्रोमैटोसिस से बचाता है
हेमोक्रोमैटोसिस एक मेडिकल कंडीशन है जिसमे आपकी बॉडी एक्सेस आयरन अब्सॉर्ब कर लेती है। रेगुलरली ब्लड डोनेट करने से आप इस कंडीशन से खुद को बचा सकते हैं। यहाँ तक की अगर आपको हेमोक्रोमैटोसिस है तो आप ब्लड डोनेशन से इस कंडीशन को ओवरकम कर सकते हैं। हालाँकि ये ज़रूरी है की आप ब्लड डोनेशन की सारी क्राइटेरिया को मीट करें।
3. कैंसर रिस्क घटाता है
हमारी शरीर में मौजूद हायर ऑक्सीजन लेवल के कारण कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। जब आप ब्लड डोनेट करते हैं तो अपनी आयरन लेवल्स को आप हेल्दी लिमिट तक रख सकते हैं और इस कारण आपको कैंसर होने का खतरा भी कम हो सकता है।
4. हार्ट डिजीज का खतरा करता है कम
हमारी बॉडी में आयरन की ज़्यादा मात्रा ऑक्सीडेटिव डैमेज कर सकती है जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकता है। रेगुलर ब्लड डोनेशन आपकी आयरन लेवल को चेक में रखता है जिससे आपको हार्ट डिजीज होने का खतरा कम हो सकता है। इस बारे में आप अपने डॉक्टर से और जानकारी ले सकते हैं।
5. न्यू ब्लड सेल प्रोटेक्शन बढ़ाता है
ब्लड डोनेशन नए ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन को स्टिमुलेट करता है। एक बार ब्लड डोनेट करने के 48 घंटे बाद ही आपकी बॉडी बोन मेरो की मदद से डोनेट किया हुआ सारा ब्लड रिकवर कर लेती है। सभी लॉस्ट ब्लड सेल्स के एवज में नए ब्लड सेल्स 30 से 60 दिन के अंदर फॉर्म हो जाते हैं। इसलिए रेगुलर ब्लड डोनेशन आपको बहुत हेल्दी रख सकता है।