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Women's Health: जानिए ओवरियन कैंसर से जुड़ी ये 5 बातें

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Swati Bundela
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फीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम में दो ओवरीज़ होते हैं जो हमारे यूटेरस के राइट और लेफ्ट में सिचुएटेड होती हैं। ओवेरियन कैंसर जैसे की नाम सजेस्ट करता है हमारी ओवरीज़ पर असर करता है। हमारी ओवरीज़ एग्स और होर्मोनेस प्रोड्यूस करती है। इनमें से प्रमुख होर्मोनेस है प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन। ओवरीज़ 3 तरह के सेल्स से बनी होती है जो 3 अलग तरह के ट्यूमर्स में बदल सकते हैं इनमें से जो ट्यूमर्स कैंसरस होती हैं वो हमारी बॉडी के और भी ऑर्गन्स को एफेक्ट कर सकते हैं। डॉक्टर्स बताते हैं की जब तक ये डिटेक्ट होता है तब तक कैंसर पेल्विक को इफ़ेक्ट कर देता है। इसके सही ट्रीटमेंट के लिए इसका अर्ली डिटेक्शन ज़रूरी है। जानिए ओवेरियन कैंसर से जुड़ी ये 5 बातें:

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1. क्या है ओवेरियन कैंसर के सिम्पटम्स?



डॉक्टर्स बताते हैं की जब कैंसर दूसरे ऑर्गन्स तक पहुँच जाता है तब इसके सिम्पटम्स ज़्यादा महसूस होती हैं। इसके सबसे को सिम्पटम्स हैं:

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  • ब्लोटिंग


  • एब्डोमिनल या पेल्विक पेन


  • यूरिनरी अर्जेन्सी


  • अचानक से वेट लॉस


  • एब्डोमेन में फ्लूइड कलेक्शन


  • सांस लेने में तकलीफ




2. किसको है इसका ज़्यादा खतरा?

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डॉक्टर्स बताते हैं की इंडिया में महिलाओं ओवेरियन कैंसर तीसरा सबसे कॉमन गायनेकोलॉजीकल कैंसर है। इसके मोर्टेलिटी रेट्स भी ज़्यादा है क्योंकि कम उम्र में इसका जल्दी डिटेक्शन नहीं हो पाता है। इसके लाइफटाइम रिस्क है 1.3 प्रतिशत। इसके अलावा भी जिन महिलाओं को इनफर्टिलिटी, एंडोमेट्रिओसिस या पोल्य्सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम है उनको इसका रिस्क ज़्यादा है। यहाँ तक की जो यंत्र यूटेराइन डिवाइस यूज़ करती हैं या फिर स्मोकिंग करती हैं उनको भी इसका खतरा ज़्यादा है।

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3. क्या है इसका कारण?



डॉक्टर्स बताते हैं की ज़्यादातर ओवेरियन प्रोब्लेम्स एपिथेलियल से होती हैं। बाकी जो ट्यूमर्स होती हैं वो ओवेरियन सेल्स जो की 3 प्रकार के हैं के थ्रू बनते हैं। इन में सबसे कॉमन है जर्म सेल ट्यूमर और सेक्स कॉर्ड स्ट्रोमल ट्यूमर्स। इनके कारण ही हमारे ओवरी में कैंसर बनता है जिसको अगर जल्दी डिटेक्ट नहीं किया गया तो हमारी जान भी ले सकता है।
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4. क्या है इसके स्क्रीनिंग का प्रोसेस?



डॉक्टर्स बताते हैं की अभी तक ओवेरियन कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए कोई एक बेस्ट मेथड सामने नहीं आया है। यही कारण है की ओवरियन कैंसर के स्क्रीनिंग के समय डॉक्टर्स कई तरह के टेस्ट्स करने के लिए कहते हैं। डॉक्टर्स का मानना है की अब तक इसका एक्सएक्ट कारण नहीं पता चला है और इसलिए उनके पास कोई स्पेसिफिक स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं है।
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5. क्या है ओवेरियन कैंसर की ट्रीटमेंट?



अगर ये समय पर डिटेक्ट हो गया तो ओवेरियन कैंसर को ट्रीट करने के लिए सबसे कारगर है सर्जरी जिसके बाद कीमोथेरेपी भी की जाती है। यही एक तरीका है जिसमे सर्वाइवल बेनिफिट के चान्सेस रहते हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक मॉडर्न थेरेपी और टार्गेटेड सर्जरी से काफी ट्रीटमेंट की जा सकती है।



ये समान्य रूप से एकत्रित जानकारी है। यदि आपको किसी विशेष सलाह की आवश्यकता है तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
सेहत
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