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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: जानिए रामायण के कुछ महिला किरदारों के बारे में

आज के महत्वपूर्ण दिन पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भगवान राम लला की मूर्ति की स्थापना की जाएगी। इस सबंधी तैयारियां जोरों पर हैं। आइये इस पर्व पर रामायण की महत्वपूर्ण महिलाओं के बारे मे जानते हैं-

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Rajveer Kaur
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Ramayan female character

(Image Credits: Hindu FAQs, Lokmat, Divya himachal, This Day aap, Wikiwind)

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5 Important Females Of Ramayan: चारों तरफ राम जी के नारे लग रहे हैं क्योंकि 22 जनवरी, 2024 यानी आज अयोध्या में राम मंदिर का महत्वपूर्ण शुभारंभ होने जा रहा हैं। आज के महत्वपूर्ण दिन पर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भगवान रामलला की मूर्ति की स्थापना की जाएगी। इस सबंधी तैयारियां जोरों पर हैं। कार्यक्रम में दुनिया भर से विभिन्न वीवीआईपी और मशहूर हस्तियां शामिल होंगी। आइये इस पर्व पर रामायण की महत्वपूर्ण महिलाओं के बारे मे जानते हैं-

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा: जानिए रामायण के कुछ महिला किरदारों के बारे में

1. सीता

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सीता माता जी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। उन्हें आदर्श और चरित्र में सबसे उत्तम माना जाता है। उनका जन्म राजा जनक के घर ज्येष्ठ पुत्री के रूप में हुआ। इस कारण उन्हें जानकी नाम से भी बुलाया जाता था। इसके बाद सीता जी का विवाह उत्तम पुरुषोत्तम राम के साथ मार्गशीर्ष (अगहन) मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को हुआ। जब श्री राम को 14 वर्षों का बनवास मिला तब सीता मैया ने अपना पत्नि धर्म निभाते हुए सारे सुखों का त्याग कर दिया और श्री राम के संग वनवास पर निकल पड़ी। उनके जीवन में जितनी भी कठिनाइयां आई या जो भी परीक्षाएं ली गई उनका उन्होंने डटकर सामना किया और सबसे ऊपर श्री राम के हुकुम को ही माना। 

2. कौशल्या

भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्री राम जी की माता कौशल्या जो एक मधुर, मातृत्वभाव और धैर्यवान इस्त्री थीं। इससे पहले वो अयोध्या के राजा जनक की पत्नी थीं। 

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3. भीलनी

रामायण में एक नाम बहुत ही प्रचलित है वह है भीलनी का जो आस्था का प्रतीक हैं। वह राम भक्त थीं जो हमेशा राम जी की प्रतीक्षा में रहती थी। सीता की खोज करते हुए राम और लक्ष्मण जी शबरी की कुटिया में पहुंचे उस समय भीलनी ने उनके आदर-सत्कार में बेर खाने के लिए दिए। प्रभु को बर खट्टे ना लगे इसके लिए पहले उसने खुद उन्हें चखा और फिर राम जी को खाने के लिए कहा। उसकी सच्ची भक्ति और निष्ठा को देखकर भगवान राम ने उसे स्वर्ग प्राप्त प्रताप का वरदान दिया।

4. उर्मिला

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रामायण में श्री राम और सीता जी की प्रेम कहानी के बारे में तो सब जानते हैं लेकिन लक्ष्मण और उर्मिला भी राम जी के वनवास के समय 14 साल एक दूसरे से अलग रहें। उनकी प्रेम कहानी से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है कि कैसे जिम्मेदारियां का पालन करना सबसे बड़ा धर्म होता है। उर्मिला, मिथिला के राजा महाराजा जनक और रानी सुनैना की पुत्री थीं। वहीं राजा दशरथ और रानी सुमित्रा के पुत्र लक्ष्मण थे। दोनों के संबंध में एक रिश्ता समान था उर्मिला सीता जी की बहन थी और लक्ष्मण जी श्री राम के भाई थे।

5. मंदोदरी

लंका के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी भी महिला किरदारों में से एक बड़ा नाम है। असुरों के राजा मयासुर और अप्सरा हेमा की बेटी मंदोदरी थी। रावण के साथ शादी के बाद उन्होंने तीन पुत्रों को जन्म दिया-मेघनाद (इंद्रजीत), अतिकाय और अक्षयकुमार। रावण की पत्नी होने के बावजूद भी उन्होंने हमेशा रावण को सच का मार्ग पालन करने का सुझाव दिया और सीता जी के अपहरण पर भी उन्होंने उन्हें चेतावनी दी थी कि उन्हें सीता जी को वापस राम जी के पास छोड़ना चाहिए। रामायण के कई संस्करणों में कहा गया है कि रावण की मृत्यु के बाद, राम ने विभीषण को मंदोदरी को अपनी पत्नी के रूप में लेने की सलाह दी, भले ही उनकी पहले से ही एक पत्नी थी।

राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा सत रामलला
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