5 Lessons Every Mother Should Teach Her Daughter: बेटियां हमारे घर को रोशन कर देती हैं। उनके घर पर होने से रोनक और चहल-पहल रहती हैं। घर में जब एक बेटी पैदा होती है तो माहौल ही बदल जाता है लेकिन आज भी समाज बेटी के पैदा होने से डरता है। हमेशा बेटे की अपेक्षा की जाती है। लड़कियां कभी मांगी नहीं जाती बल्कि खुद ही आ जाती हैं। अगर आपके घर में बेटी पैदा हुई है तो आप सबसे सौभाग्यशाली हैं। हमारे यहां पर लड़कियों को लक्ष्मी का रूप माना जाता है लेकिन उनके साथ होने वाला व्यवहार इस बात को कहीं पर भी जस्टिफाई नहीं करता। आज हम जानेंगे कि एक मां द्वारा अपनी बेटी को कौनसी पांच बातें सिखानी चाहिए?
हर माँ अपनी बेटी को सिखाएं ये पांच बातें
खुद के लिए जीना
एक मां ने अपनी जिंदगी हमेशा दूसरों के लिए जी होती है। उसने कभी नहीं सोचा कि उसे क्या खाना, क्या पहनना अच्छा लगता है, उसकी क्या ख्वाहिश है, जॉब करनी थी या नहीं, बच्चा चाहिए था या नहीं, शादी करना चाहती थी या नहीं लेकिन अब बेटी को जरूर सिखाना चाहिए कि कैसे वह अपने फैसले खुद ले। उसे दूसरों से पहले खुद को सोचना है। यह सेल्फिश होना नहीं बल्कि अपने आप को प्राथमिकता देना है। हम सब खुद को प्राथमिकता देते हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर आप एक बार अपने आप को पहले रखेंगे और दूसरों का बाद में तो आप कभी भी निराश नहीं होंगे और जिंदगी में किसी बात का रिग्रेट नहीं होगा।
दूसरों को मना करना
हमारी मां तब भी बुरा नहीं मानती जब हम आराम करते हुए उसे उठाकर काम बोलते हैं। उसका कभी कोई बहाना नहीं होता। वह हर समय दूसरों के लिए मौजूद रहती हैं लेकिन यह गलत है। इससे आप बर्नआउट होते हैं। आपको खुद के लिए समय नहीं मिलता। आप कभी भी आराम नहीं कर पाते। ऐसे में आप बेटी को जरूर सिखाएं कि वह दूसरों को कैसे मना करें । अगर बेटी कोई काम नहीं करना चाहती है या फिर उसकी तबीयत ठीक नहीं है तो वह भी आराम कर सकती है। ऐसा नहीं है कि सभी काम उसे ही करने हैं। उसे भी मना करने का हक है और आपको यह बात जरूर अपनी बेटी को सिखानी चाहिए।
सभी को खुश नहीं रख सकते
अपनी बेटी को यह भी सिखाएं कि आप सभी को खुश नहीं रख सकते। अगर आप चाहते हैं कि आपसे कोई भी नाराज ना हो या फिर किसी को आपसे कोई शिकायत ना हो तो ऐसा कभी भी नहीं हो सकता है। आप कभी भी अपनी लाइफ में परफेक्ट नहीं बन सकता। आपको खुद से अनरियलिस्टिक एक्सपेक्टशंस रखने की जरूरत नहीं। अगर कोई व्यक्ति आपकी मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है या फिर उसके साथ आपको रहना अच्छा नहीं लगता है तो आप उससे खुद को अलग कर सकते हैं। इसके साथ ही आप दूसरों को मना कर सकते हैं। इसमें भी कुछ भी गलत नहीं है अगर आप हमेशा दूसरों को खुश कर रखने की कोशिश करेंगे तो खुद की पर्सनालिटी को भूल जाएंगे और हमेशा दूसरों के हिसाब से ही जिंदगी व्यतीत करेंगे।
अपने लिए बोलें और कांइड भी रहें
आप कभी भी दूसरों को डोमिनेट मत करने दे। आप अपने लिए खड़े रहें। ऐसा नहीं है कि अगर आप अपने लिए बात करेंगे या फिर दूसरों की हर बात नहीं मानेंगे तो आप एक बुरे इंसान बन जाएंगे। आप ऐसी पर्सनालिटी के होते हुए भी दूसरों के साथ एंपैथी रख सकते हैं। कांइड होने का मतलब यह नहीं है कि हर किसी की बात माननी है। इसका मतलब यह है कि आप दूसरों के साथ एंपैथी रखते हैं लेकिन जब बात आपकी वेलबींइग की आती है तब आप कंप्रोमाइज नहीं करते हैं।
पैसा कमाना
अगर आप अपनी बेटी को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं या फिर उसे खुद के फैसलों के लिए सक्षम बनाना चाहते हैं तो उसका फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट होना बहुत जरूरी है। अगर आपकी बेटी पैसे के लिए अपने पिता, भाई या पति पर निर्भर रहेगी तो वह कभी भी अपने फैसले खुद नहीं ले पाएगी। उसे किसी भी काम के लिए हमेशा दूसरों से पूछना पड़ेगा। उसका अपने ऊपर कोई कंट्रोल नहीं रहेगा और दूसरे लोगों के हिसाब से चलना पड़ेगा। इसलिए हमेशा अपनी बेटी को पैसे कमाने के योग्य जरूर बनाएं।