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1. ब्रैस्ट कैंसर
हमारे देश में महिलाओं को होने वाले कैंसर में सबसे ज़्यादा करीब 14 प्रतिशत ब्रैस्ट कैंसर के केसेस होते हैं। इसे प्रिवेंट करने के कोई डेफिनिटिव मेथड नहीं है लेकिन कुछ रिस्क फैक्टर्स हैं जिन्हें आप कण्ट्रोल में रख कर इससे बच सकती हैं। इस बात का ज़रूर ध्यान रखें की आपकी फैमिली हिस्ट्री में अगर ब्रैस्ट कैंसर के इंस्टैंस है, अगर आप ओवर वेट हैं, लम्बे समय तक बर्थ कण्ट्रोल पिल्स का यूज़ कर रही हैं या फिर ब्रेस्टफीडिंग नहीं करती हैं तो अपना रेगुलर चेक अप करवाती रहें।
2. यूटेराइन कैंसर
एक रिसर्च के मुताबिक महिलाओं को होने वाले कैंसरस में करीब 7 प्रतिशत यूटेरयैन कैंसर के ही केसेस होते हैं। यूटेराइन कैंसर को लोग एंडोमेट्रियल कैंसर भी कहते हैं। इस केस में हमारे यूटेरस के लाइनिंग मतलब एंडोमेट्रियम में कैंसर हो जाता है जो आपके सारे रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स को ख़त्म कर सकता है इसलिए ये सर्वाइकल या ओवरियन कैंसर से भी ज़्यादा खतरनाक होता है। इसलिए अगर आप डायबेटिक हैं, ओवर वेट हैं या इस मामले में आपकी फैमिली हिस्ट्री है तो आप ज़रूर इसका चेक अप करवाएं।
3. थाइरोइड कैंसर
थाइरोइड कैंसर के केस में कई सारे रिस्क फैक्टर्स हमारे कण्ट्रोल से बाहर होते हैं इसलिए इसे प्रिवेंट करने में बहुत दिक्कत होती है। ये कैंसर हमारे थाइरोइड के सेल्स में होता है जो हमारे बॉडी को रेगुलेट करने के लिए हॉर्मोन्स को सेक्रीट करता है। ये कैंसर जादातर 40 की उम्र के बाद महिलाओं को जकड़ लेता है। इसलिए अगर आपके डाइट में आयोडीन की मात्रा कम है या फिर आपको किसी तरह की रेडिएशन से एक्सपोशर है तो थाइरोइड कैंसर डिटेक्शन की टेस्ट ज़रूर करवाएं।
4. कोलन कैंसर
कोलन कैंसर के केस में में हमारे कोलन (लार्ज इंटेस्टाइन) में कैंसर डेवेलोप हो जाता है। एक महिला को कोलन कैंसर होने के ऑड्स 1 में से 24 होते हैं। ये कैंसर बढ़ती उम्र में ज़्यादा प्रचलित है और इससे पीड़ित महिलओं की एवरेज उम्र 72 साल है। अगर आप काफी समय से स्मोकिंग, ड्रिंकिंग या फिर रेड मीट का सेवन कर रही हैं तो आपको इसका खतरा बहुत ज़्यादा है।
5. लंग और ब्रोंकस कैंसर
लंग कैंसर के कारण ब्रैस्ट कैंसर से भी ज़्यादा महिलाओं की मौत होती है। विशेष तौर पर यदि आप स्मोकर हैं तो आपके लिए इसका खतरा और भी बढ़ जाता है एक स्मोकर का नॉन स्मोकर के मुकाबले लंग कैंसर से मरने की सम्भावना 15 से 30 गुना बढ़ जाती है। लंग कैंसर के लिए और भी जो रिस्क फैक्टर्स हैं उनमें से प्रमुख है रेडोन, एस्बेस्टस या आर्सेनिक से एक्सपोशर। एक प्रॉपर डाइट प्लान, रेगुलर एक्सरसाइज और स्मोकिंग से खुद को दूर रख कर आप इससे खुद का बचाव कर सकती हैं।