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पांच ब्रैस्टफीडिंग/स्तनपान के फायदे

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Swati Bundela
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ब्रैस्ट फीडिंग प्रकृति का सर्वोत्तम अधिकार है। जब एक माँ अपने सीने से लगाकर बच्चे को दूध पिलाती है तो उसका और बच्चे का कनेक्शन और बढ़ता है और उनका एक भावनात्मक रिश्ता जुड़जाता है। स्तनपान कराना एक कुदरती करिश्मा है। ब्रैस्ट फीडिंग/स्तनपान कराने से ना कि सिर्फ शिशु को बल्कि माओं को भी अनगिनत फायदे होतें हैं।  जन्म के बाद  शिशु को जल्द से जल्द माँ का दूध पिलाना चाहिए क्योंकि उस वक़्त दूध में सबसे ज़्यादा पोषण तत्त्व होते हैं। 

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यह हैं स्तनपान कराने के पांच फायदे :

1. ऑक्सीजन की दिक्कत ठीक होती है

ब्रैस्ट फीडिंग कराने की वजह से शिशु में सांस संबंधी परेशानी नहीं होती है। शिशु को ब्रैस्ट फीडिंग के कारण कान मे संक्रमण भी नहीं होता है। माँ का दूध बच्चे के लिए किसी भी औषधी से बढ़कर होता है। अगर बच्चा सही समय पर सही मात्रा मे माँ का दूध पीता है तो उसको सिर्फ बचपन में ही नहीं बल्कि बड़े तक कई बीमारियों से लड़ने की छमता मिलती है।

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2. दिमाग तेज होता है - ब्रैस्ट फीडिंग के फायदे

माँ के दूध में कही ऐसे विटामिन्स होते है जिनसे बच्चों के दिमाग का विकास तेजी से हो पता है। बच्चे का 70 प्रतिशत दिमाग 5 साल के होने से पहले ही विकसित हो जाता है और इस मे माँ का दूध बहुत एहम भूमिका निभाता है।

3. माँ का वजन कम होना - ब्रैस्ट फीडिंग के फायदे

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जिन महिलाओं को स्तनपान कराना होता है वो अधिक मात्रा मे कैलोरी खातीं हैं। ये माँ का वजन बढ़ने का एक मुख्य कारण बन सकता है ।स्तनपान कराने के कारण उनका वजन नहीं बढ़पाता और बैलेंस या फिर कभी कभी वजन कम भी हो जाता है।

4. कैंसर का खतरा नहीं होता

स्तनपान कराने के कारण महिलाओं के स्तन और गर्भाशय में कैंसर का खतरा नहीं होता है। इसके साथ साथ स्तनपान कराना एक प्राकृतिक गर्भ निरोधक भी होता है।

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5. दिल की बीमारी से बचाव 

एक शोध के अनुसार जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं उनको दिल सी जुडी बीमारी और स्ट्रोक का खतरा 10 प्रतिशत कम हो जाता है। स्तनपान कराना एक कुदरती करिश्मा है। 


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सेहत ब्रैस्टफीडिंग
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