Urinary Tract Infection: UTI यानी यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यह एक आम बीमारी है। यह समस्या महिलाओं को अधिक होती है। अगर इस इंफेक्शन को समय से इलाज न किया जाए तो यह एक गंभीर रूप ले लेती है और किडनी तक फैल जाती है। यह इंफेक्शन मुख्य से रूप से ई.कोलाई नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया हमारे यूरीन के रास्ते से होते हुए ब्लैडर तक पहुंचता है और यूरिनरी सिस्टम को संक्रमित कर देता है। इस इंफेक्शन का असर हमारी किड़नी, ब्लैडर और उन्हे जोड़ने वाली नली पर पड़ता है।
5 natural ways to prevent UTIs
1. बहुत पानी पीओ
जब आप अपने शरीर को हाइड्रेट रखते हैं और बार-बार बॉथरूम जाने की जरुरत पड़ती हैं, तो आप अपने ब्लैडर और यूरिनरी ट्रैक्ट से अननेसरी बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करते हैं। UTI से बचाव के लिए पूरे दिन कम से कम 8- 2 ग्लास पानी पीना जरूरी है।
2. डायट में करें Cranberry को शमिल
यदि आप यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन से परेशान है तो अपनी डाइट में D-Mannose + Cranberry सप्लीमेंट को जरूर करें शामिल यह बहुत ही फायदेमंद होता है, जैसे Happy V D-Mannose + Cranberry। पीएसी में उच्च क्रैनबेरी में यूरिनरी ब्लैडर की दीवार पर बैक्टीरिया के आसंजन को रोकने की क्षमता होती है। जब बैक्टीरिया ब्लैडर की दीवार पर नहीं टिक पाते हैं, तब उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट के माध्यम से बाहर निकाल दिया जाता है।
3. सेक्स के बाद ब्लैडर को करें खाली
बहुत से लोग Sex के बाद अपने ब्लैडर को खाली नहीं करते हैं और इस कारण उनको आगे चलकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है इसीलिए यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन से बचने के लिए ब्लैडर को जरुर करें खाली। सेक्स के बाद पेशाब करने से बैक्टीरिया तुरंत बाहर निकल जाते हैं।
4. सुगंधित चीजो से रहें दूर
बहुत सी महिलाएं अपने वजाइना को क्लीन करने के लिए खुशबू वाली साबुन आदि का यूज करती है तो यह बिल्कुल भी ना करें यह संक्रमण का कारण बन सकता है। और ना ही पीरियड्स के दौरान सुगंधित पैड्स का उपयोग करें। इन दो चीज को ध्यान में रखकर आप यूटीआई से बच सकते हैं।
5. यदि आप बर्थ कंट्रोल पर हैं, तो नए विकल्पों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें
यदि आप बर्थ कंट्रोल पर हैं, जैसे कि एक डायाफ्राम, शुक्राणुनाशक, या शुक्राणुनाशक-चिकनाई, कंडोम यूटीआई को बढ़ा सकता हैं। प्राथमिक तरीका है कि बर्थ कंट्रोल आपके यूटीआई के जोखिम को बढ़ा सकता है, आपके योनि पीएच संतुलन को बाधित कर रहा है और ई.कोली जैसे हानिकारक जीवाणुओं के अतिवृद्धि का कारण बन रहा है। हानिकारक जीवाणुओं के इस अतिवृद्धि से यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है।