पीरियड्स से लेकर मास्टरबेशन तक महिलाओं से जुड़ी हर चीज और प्रक्रिया के बारे में मिथ प्रचलित है। ब्रेस्टफीडिंग के बारे में भी काफी ऐसे मिथ हैं जिन पर लोग बिना सोचे समझे भरोसा कर लेते हैं। लेकिन ब्रेस्टफीडिंग एक नन्ही सी जान के पोषण का इकलौता स्रोत होती है।
ऐसे में इससे जुड़े किसी भी पॉपुलर मिथ पर भरोसा करके आपको अपने बच्चे की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। अगर आप खुद को हेल्दी रखना चाहते हैं और अपने बच्चे को अच्छा पोषण देना चाहते हैं तो आपको मिथ और फैक्ट में अंतर पता होना चाहिए। इसलिए हम आपको आज बताएंगे ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े कुछ ऐसे प्रचलित मिथ जो गलत है।
ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े मिथ -
1. बच्चों को नेचुरली ब्रेस्टफीड करना आता है
कुछ लोगों को ऐसा विश्वास है कि छोटे बच्चों को प्राकृतिक रूप से ब्रेस्टफीड करना आता है। एक बच्चा कुछ रिफ्लेक्सेस के साथ जन्म लेता है। इनमें से एक है suck reflex। इसका मतलब यह है कि बच्चा अपने मुंह से जिस भी चीज को छूता है वह उसे चूसने की कोशिश करता है। लेकिन इससे हमें गारंटी नहीं मिलती कि उसे ब्रेस्टफीड करना आता है। इसलिए मां और बच्चे दोनों को ब्रेस्टफीडिंग सीखनी चाहिए।
2. अगर निप्पल का साइज छोटा है तो ब्रेस्टफीडिंग नहीं कर सकते
हर महिला की ब्रेस्ट और निप्पल का साइज अलग अलग होता है। सभी की बॉडी और बॉडी का नेचर भिन्न होता है। ब्रेस्टफीडिंग के लिए कोई भी ब्रेस्ट परफेक्ट नहीं होती है। निप्पल के साइज का ब्रेस्टफीडिंग से कोई लेना देना नहीं है।
3. दूध बनाने के लिए दूध पीना होगा
बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि अगर महिला दूध नहीं पिएगी तो उसके शरीर में दूध नहीं बनेगा और वह ब्रेस्टफीडिंग नहीं करा पाएगी। सच तो यह है कि दूध पीने का महिला के दूध बनाने से कोई संबंध नहीं है। अच्छी ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई के लिए एक महिला का हाइड्रेटेड रहना और सभी पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना आवश्यक है।
4. ब्रेस्टफीडिंग में दर्द होता है
यह बिल्कुल सच नहीं है कि ब्रेस्ट फीडिंग कराने पर दर्द होता है। असलियत में ब्रेस्टफीडिंग बिल्कुल भी दर्द नहीं देती। लेकिन अगर आप की निप्पल में नॉर्मल से अलग दर्द हो रहा है तो इसकी वजह का पता आपको लगाना चाहिए। अधिकतर निप्पल में दर्द गलत पोजीशन की वजह से होता है जिसे आप लेक्टेशन प्रोफेशनल की मदद से ठीक कर सकते हैं।
5. बेबी के लिए उपयुक्त मात्रा में दूध नहीं बनाती
यह एक मिथ है कि अधिकतर महिलाएं बच्चे के लिए उपयुक्त मात्रा में दूध नहीं बना पाती। सच तो यह है कि अधिकतर महिलाएं अपने बच्चे की जरूरत को अच्छे से पूरा करने के लिए काफी दूध बना लेती हैं। इसलिए अपनी ब्रेस्ट के साइज पर ध्यान देने के बजाय आपको उन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए जो यह बताते हैं कि आपकी ब्रेस्टफीडिंग सही हो रही है या नहीं।