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1. आपकी हेल्थ कंडीशन बच्चे पर नहीं करेगी असर
पोस्टपार्टम पीरियड सबके लिए एक समान नहीं होता है और इस दौरान कई महिलाएं डिप्रेशन का शिकार भी होती हैं। इस दौरान आपकी हेल्थ कंडीशन को भी लगातार मॉनिटरिंग की ज़रूरत पड़ती है। इसलिए ऐसे में आप फार्मूला मिल्क फीडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकता है और आप अपने बेबी को नुट्रिशन प्रोवाइड कर सकती हैं।
2. लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस में करता है हेल्प
ऐसे कुछ रेयर केसेस होते हैं जहाँ बेबी ब्रेस्टमिल्क या एनिमल मिल्क को प्रोसेस नहीं कर पाते हैं। इस कंडीशन को लैक्टोज़ इनटॉलेरेंस कहते हैं। ऐसे सिचुएशन में उन्हें फीड करना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए ऐसे में बेस्ट ऑप्शन है फार्मूला मिल्क जो असल में वेगन सोर्सेज से एक्सट्रेक्ट किये गए हैं।
3. ब्रेस्टमिल्क का है एक अच्छा एडिशन
आज ज़्यादा केसेस ऐसे होते हैं जहाँ महिलाओं के ब्रेस्टमिल्क का सप्लाई लो रहता है और ऐसे में वो अपने बच्चे का पूरी तरह से पेट नहीं भर पाती हैं। ऐसे में आप फार्मूला मिल्क एक अच्छा एडिशन हो सकता है। अगर आप ब्रेस्टमिल्क के साथ फार्मूला मिल्क भी अपने बच्चे को देंगी तो इससे उसका पेट भी भरेगा और आपको भी ब्रेस्टमिल्क सप्लाई बढ़ाने के लिए तरह-तरह के मेडिकेशन्स नहीं लेने पड़ेंगे।
4. बॉन्डिंग डेवेलप करने में करता है हेल्प
ज़्यादातर यही माना जाता है की ब्रेस्टमिल्क पिलाने में बच्चे माँ के साथ स्किन टू स्किन कांटेक्ट में आते हैं और इससे बॉन्डिंग बढ़ती है। लेकिन आप अगर उन्हें बॉटलफीड देंगी तो इससे भी आपकी बॉन्डिंग स्ट्रांग हो सकती है क्योंकि बच्चा आपके होल्ड में काफी ज़्यादा देर रहता है। सिर्फ यही नहीं बल्कि फार्मूला मिल्क का सेवन कराने से कई बार बेबीज अपने फादर के साथ भी अच्छी बॉन्डिंग कर लेते हैं जो ब्रेस्टफीडिंग में ज़्यादा संभव नहीं हो पता है।
5. बेबी के मिल्क इन्टेक का रख सकते हैं ट्रैक
ब्रेस्टफीडिंग में अक्सर आप बच्चे के मिल्क इन्टेक का ट्रैक नहीं रख पाती हैं। ये समस्या बॉटलफीडिंग के ज़रिये कुछ हद तक सॉल्व हो सकती है। इसलिए अगर आपको अपने बेबी के मिल्क इन्टेक का ख्याल रखना है तो आप उसे बॉटलफीड कर सकती हैं।