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टैम्पोन्स के साइड इफेक्ट्स - आजकल के समय में पैड्स के अलावा टैम्पोन्स का भी चलन बढ़ गया है। वहीं महिलाएं अपने सुविधा अनुसार प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं। हालांकि टैम्पोन्स छोटा होता है जिसे आप पॉकेट में भी रखकर कभी भी इस्तेमाल कर सकती हैं। लेकिन टैम्पोन्स और मेंस्ट्रुअल प्रोडक्ट्स के मुकाबले ज्यादा हानिकारक भी है। इसके अलावा इसके कारण सेहत पर कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ते हैं, जिसके बारे में आप के लिए जानना जरूरी है। जानिए टैम्पोन्सट इस्तेमाल करने से होने वाली पांच दिक्कतें।
पीरियड के दौरान टैम्पोन्स या सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करने से उसमें से बदबू आने लगती है। इसीलिए इसे देर तक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। दरअसल टैम्पोन्स वजाइना के अंदर जाता है जिस से निकलने वाला खून उस में जमा होते रहता है। जिसके कारण उस से बदबू आना स्वाभाविक है। ऐसे में से तीन, चार बार बदलना पड़ता है।
टैम्पोन्स रसायन के इस्तेमाल से बनाएं जाते हैं जो बाद में जाकर महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए रिस्की साबित हो सकता है। इसमें क्लोराइड,पेस्टिसाइड्स और अन्य केमिकल शामिल होते हैं जो वजाइना की त्वचा के लिए हानिकारक है। इससे बेहतर होगा कि आप अच्छे क्वालिटी का पैड ही इस्तेमाल करें।
टैम्पोन्स को वजाइना के अंदर डाला जाता है जिसके कारण वजाइनल इरिटेशन हो सकती है। वही जो महिलाएं इस देर तक नहीं बदलती है उन्हें जलन, इंफेक्शन और रैशेज भी हो सकती हैं। इसीलिए इस दिन भर में तीन, चार बार बदलना जरूरी हैं।
टैम्पोन्स से क्लोरीन मौजूद होने के कारण ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, एंडोमेंटट्रियोसिस और आदि समस्या होने का जोखिम बढ़ जाता है।
टैम्पोन्स का इस्तेमाल करने से टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का खतरा बना रहता है। यह बैक्टीरिया इन्फेक्शन होने के कारण होता है। इसीलिए टैम्पोन्स को कम इस्तेमाल करें।
टैम्पोन्स के साइड इफेक्ट्स
1. इसके इस्तेमाल से दुर्गंध आती है
पीरियड के दौरान टैम्पोन्स या सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करने से उसमें से बदबू आने लगती है। इसीलिए इसे देर तक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। दरअसल टैम्पोन्स वजाइना के अंदर जाता है जिस से निकलने वाला खून उस में जमा होते रहता है। जिसके कारण उस से बदबू आना स्वाभाविक है। ऐसे में से तीन, चार बार बदलना पड़ता है।
2. केमिकल के इस्तेमाल से बनता है
टैम्पोन्स रसायन के इस्तेमाल से बनाएं जाते हैं जो बाद में जाकर महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए रिस्की साबित हो सकता है। इसमें क्लोराइड,पेस्टिसाइड्स और अन्य केमिकल शामिल होते हैं जो वजाइना की त्वचा के लिए हानिकारक है। इससे बेहतर होगा कि आप अच्छे क्वालिटी का पैड ही इस्तेमाल करें।
3. जलन या इरिटेशन होना
टैम्पोन्स को वजाइना के अंदर डाला जाता है जिसके कारण वजाइनल इरिटेशन हो सकती है। वही जो महिलाएं इस देर तक नहीं बदलती है उन्हें जलन, इंफेक्शन और रैशेज भी हो सकती हैं। इसीलिए इस दिन भर में तीन, चार बार बदलना जरूरी हैं।
4. गंभीर समस्या होने का जोखिम हो सकता है
टैम्पोन्स से क्लोरीन मौजूद होने के कारण ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, एंडोमेंटट्रियोसिस और आदि समस्या होने का जोखिम बढ़ जाता है।
5. टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का जोखिम हो सकता है
टैम्पोन्स का इस्तेमाल करने से टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम का खतरा बना रहता है। यह बैक्टीरिया इन्फेक्शन होने के कारण होता है। इसीलिए टैम्पोन्स को कम इस्तेमाल करें।
टैम्पोन्स के साइड इफेक्ट्स