Advertisment

Parenting Tips: 5 बातें जो बच्चे आपके एक्साम्पल से ही सीखेंगे

author-image
Swati Bundela
New Update
बच्चे अक्सर वही करते हैं जो वो बड़ों को करता देखते हैं। इसलिए उनके सामने अपने बेहेवियर को मॉनिटर करना बहुत ज़रूरी है। पेरेंट्स होने के नाते ये बहुत इम्पोर्टेन्ट है की आप अपने बच्चों के लिए एक अच्छे रोल मॉडल साबित हों क्योंकि कुछ बातें ऐसी होती है जो बच्चे आपके एक्साम्पल से ही सीखेंगे। बच्चों के अर्ली एज में ही उन्हें ये बातें अगर समझा दी जाए तो उनके करैक्टर डेवलपमेंट को भी एक बहुत बड़ा बूस्ट मिलता है। जानिए ऐसी 5 बातें जो बच्चे आपके एक्साम्पल से ही सीखेंगे:

Advertisment

1. इक्वलिटी



बच्चे बहुत ही सेंसिटिव होते हैं और इसलिए किसी भी तरह की इनजस्टिस उनको बहुत जल्दी समझ में आ जाती है। इसलिए इस बात का ख्याल रखें की आप हर किसी को इक्वलिटी के साथ ट्रीट करें वो भी ना सिर्फ तब जब आपका बच्चा आपके साथ हो। बच्चे जब आपको हर किसी के साथ इक्वलिटी मेन्टेन करता देखेंगे तो वो खुद भी हर किसी को बिना किसी प्रेज्यूडिस के ट्रीट कर पाएंगे।

Advertisment

2. हार्डवर्क



बच्चे का यंग एज से ही हार्डवर्क करते रहना बहुत ज़रूरी है। इस बारे में आप भले ही उसे कितना भी समझाएं उन पर उतना असर नहीं पड़ेगा जितना आपको खुद हार्डवर्क करता हुआ देखकर होगा। इसलिए खुद भी अपने लाइफ में हार्डवर्क को तवज्जो देते रहें ताकि उससे ना सिर्फ आपको सफलता मिले बल्कि आपके बच्चे को भी इसकी अहमियत समझ में आए।

Advertisment

3. पॉजिटिव एटीट्यूड



बच्चों के अंदर हर चीज़ को लेकर पॉजिटिव अप्प्रोच रहना बहुत ज़रूरी है वरना वो जीवन भर निराशावादी ही रह जायेंगे। इसलिए अपने बच्चों के एप्रोच को पॉजिटिव करने के लिए ये बहुत ज़रूरी है की आप अपने एप्रोच को भी पॉजिटिव रखें। जब आप बात-बात पर नेगेटिव होना बंद कर देंगे तो आपके बच्चे भी जीवन को पॉजिटिव नज़र से देखना शुरू कर देंगे।
Advertisment


4. ग्रेटिटयूड



ग्रेटिटयूड का मतलब है थैंकफुल होने की फीलिंग। बच्चों को घर में ग्रेटिटयूड के लेसंस तो ज़रूर दिए जाने चाहिए ताकि उनका जीवन को देखने का नजरिया ही बदल जाए। शोध भी यही बाट है कि जिन बच्चों के अंदर ग्रेटिटयूड की भावना रहती है वो हमेशा जीवन में खुश रहते हैं। इसलिए खुद भी ग्रेटिटयूड प्रैक्टिस करें और अपने बच्चों को भी ये सीखाएं।
Advertisment


5. मैनर्स



बस अच्छे मैनर्स यूज़ करने से ही हम किसी को आसानी से रेस्पेक्ट दे सकते हैं। आप चाहे अपने बच्चे को अच्छे मैनर्स पर कितना भी समझाने की कोशिश कर लें, बच्चे इसे तभी ही सीरियसली लेंगे जब वो आपको खुद अच्छे मैनर्स फॉलो करता हुआ देखेंगे। इसलिए मैनर्स पर फोकस ज़रूर करें।
पेरेंटिंग
Advertisment