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1. ओर्गास्म और सेक्सुअल प्लेशर
टीनएज तक आते-आते जेनेरली बच्चों को प्यूबर्टी हिट कर चुकी होती है। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है की आप अपने बच्चों को ओर्गास्म, मास्टरबेशन और सेक्सुअल प्लेशर के बारे में समझाएं ताकि जब वो ये सब एक्सपीरियंस करें तो उनको किसी बात की शर्मिंदगी महसूस ना हो। म्यूच्यूअल सेक्सुअल प्लेशर के बारे में भी अपने बच्चों को समझाएं।
2. रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स
अपने बच्चों को मेल और फीमेल दोनों ही रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स के बारे में ज़रूर बातएं। इन ऑर्गन्स का लोकेशन और फंक्शन आपके बच्चे को जानना बहुत ज़रूरी है ताकि उसे अपने बॉडी के बारे में पता हो। सिर्फ यही नहीं अपने बच्चों को उनके रिप्रोडक्टिव पार्ट्स से रिलेटेड हाइजीन के बारे में भी समझाएं और इनसे जुड़े डिसीसेस के बारे में भी बताएं।
3. कंसेंट
कंसेंट ना सिर्फ रिलेशनशिप के सेक्सुअल आस्पेक्ट में ज़रूरी है बल्कि उसके हर पहलु के लिए इम्पोर्टेन्ट है। अपने बच्चों को कंसेंट और विशेष तौर पर सेक्सुअल कंसेंट के बारे में ज़रूर समझाएं। उन्हें ये भी बताएं की कंसेंट क्यों ज़रूरी है और इसके बिना किया गया कोई भी काम गलत क्यों है। आज जिस तरह के ओवर-सेक्सुअलाइज़्ड सोसाइटी में बच्चे रहते हैं उन्हें कंसेंट के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है।
4. कॉन्ट्रासेप्टिव्स
अपने बच्चों को कॉन्ट्रासेप्टिव्स के बारे में ज़रूर बताएं। इससे ना सिर्फ वो खुद को अनप्लैन्ड प्रेगनेंसी से बचा पाएंगे बल्कि सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीसेस से भी बचेंगे। हर तरह के मेल और फीमेल कॉन्ट्रासेप्टिव्स के बारे में अपने बच्चों को समझाएं और उनके गुण और अवगुण से भी उनका परिचय करवाएं। आप चाहे तो इसके लिए डॉक्टर की मदद भी ले सकते हैं।
5. ओरल सेक्स
ओरल सेक्स के बारे बच्चों की नौलेज सबसे कम होती है और इस कारण वो कई तरह के वीयर्ड सिचुएशन में फस्स सकते हैं। इसलिए उन्हें ओरल सेक्स के बारे में ज़रूर बताएं ताकि इसको लेकर उनकी क्यूरिओसिटी शांत हो। आप चाहे तो इसके लिए आप मूवीज़ या विज़ुअल्स का भी सहारा ले सकते हैं ताकि आपके बच्चे को सारी बातें क्लियर हो जाए।