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Teenagers के लिए पढ़ाई और मनोरंजन के बीच संतुलन बनाए रखने के 5 टिप्स

इंटरनेट के इस ज़माने में शिक्षा भी मोबाइल फोन से जुड़ी हुई है। टीनएजर्स न केवल इन साधनों से शिक्षित होते हैं बल्कि वो दूर देश से जुड़ी जानकारियों से अवगत होते हैं और Social Connectivity बना पाते हैं, जो कि इस दौर के लिए ज़रूरी है।

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Priya Singh
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Teenagers(TOI)

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5 Tips For Teenagers To Balance Study And Entertainment: किशोरावस्था एक ऐसी उम्र है जब हमें किताबों से ज्यादा खेल कूद और मनोरंजन की चीज़े लुभावनी लगती हैं। हमारे पिता और दादा के समय में उनके पास खेल-कूद के अलावा कुछ चंद ही मनोरंजन के साधन थे, पर आज कल के टीनएजर्स के पास ढेरों ऐसे साधन हैं जो उन्हें डिस्ट्रैक्ट करते हैं जिससे उनका ध्यान भटक जाता हैं जैसे- टीवी, मोबाइल फोन या वीडियो गेम्स आदि। यदि आज के बदलते दौर को देखा जाए तो ये साधन कहीं न कहीं हमारे जीवन को समय के साथ अपडेट करने, दूर-दराज की जानकारियां को पाने और जागरूकता के लिए आवश्यक भी हैं।

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किशोरावस्था में पढ़ाई और मनोरंजन के बीच संतुलन बनाए रखने के 5 टिप्स 

इंटरनेट के इस ज़माने में शिक्षा भी मोबाइल फोन से जुड़ी हुई है। टीनएजर्स न केवल इन साधनों से शिक्षित होते हैं बल्कि वो दूर देश से जुड़ी जानकारियों से अवगत होते हैं और Social Connectivity बना पाते हैं, जो कि इस दौर के लिए ज़रूरी है। इस प्रकार से जिन साधनों को हम डिस्ट्रैक्शन का नाम देते हैं छात्रों के लिए वह कहीं न कहीं आवश्यक भी बन जाता है साथ ही एंटरटेनमेंट का साधन होना भी ज़रूरी है। ऐसे में विद्यार्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह अपने मनोरंजन और पढ़ाई में संतुलन कैसे बनाएं। तो जानिए कुछ ऐसे ही टिप्स जो आपको अपनी पढ़ाई और मनोरंजन के बीच संतुलन बनाएं रखने में मदद कर सकते हैं।

1. समय निश्चित करें

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मनोरंजन और पढ़ाई के बीच के संतुलन के लिए ये आवश्यक है कि एक निश्चित समय चुना जाए कि कब पढ़ाई और कब मनोरंजन पर ध्यान देना है। पर ध्यान दें दोनों को एक बराबर समय में ना बाटें, एक विद्यार्थी के जीवन में पढ़ाई ज्यादा महत्वपूर्ण होती है जो आपके ज्ञान-चक्षु को खोलती है। दोनों में संतुलन बनाए रखने के लिए पढ़ाई को अधिक समय दें।

2. मनोरंजन में शामिल करें खेल-कूद 

टीनएजर्स अक्सर मनोरंजन का अर्थ सिर्फ टीवी या मोबाइल को ही समझते हैं और यह उन्हें Inactive बना देता है। एक शोध में भी यह पाया गया है कि यदि टीनएजर्स स्क्रीन के सामने ज्यादा समय बिताते हैं तो यह उनकी हेल्थ के साथ-साथ दिमाग पर भी असर डालता है। एक एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाना बहुत आवश्यक है और साथ ही साथ नेचर से भी संबंध बनाना जरूरी है।

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3. खुद को भी समय दें 

हम अपने जीवन के हर पहलू को समय देते हैं पर हम इस बात की आवश्यकता नहीं समझते कि खुद को समय देना भी बहुत जरूरी है। ख़ासकर टीनएजर्स को खुद पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह उनके Personality Development में मदद करता है और सही निर्णय लेने के लिए खुद को जानना भी आवश्यक होता है।

4. डिस्ट्रैक्शनस हटाएं 

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पढ़ाई करते वक्त अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए एक शांत और सही जगह चुनें और यदि आप फोन या लैपटॉप की मदद से पढ़ाई करते हैं तो उस दौरान Notification बंद कर दें। जिससे आपका ध्यान एक जगह रहता है। बीच-बीच में ब्रेक के दौरान फोन चलाने के बजाय कुछ और एक्टिविटी से खुद को फ्रेश करें।

5. एंटरटेनमेंट में करे किताबों को शामिल 

भिन्न-भिन्न प्रकार के उपन्यास को पढ़ें और अपने इंटरेस्ट को जानें। किताबों से एक व्यक्ति के व्यक्तित्व में निखार आता है और कम्युनिकेसन स्किल्स भी बढती हैं जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है।

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सूचना: इस आलेख को केवल संपादित किया गया है। मौलिक लेखन अंशिका पाण्डेय का है।

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