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1. एक सपोर्ट सिस्टम तैयार करें
हर सिंगल पैरेंट को सपोर्ट चाहिए होता है फिर चाहे वो आपके बच्चे की देखभाल के लिए हो या फिर अपनी खुद की फीलिंग्स शेयर करने के लिए। इसलिए अपने फ्रेंड्स और फैमिली से मदद लेते रहने में कोई बुराई नहीं है। इसके अलावा अगर आपका फाइनेंस अल्लोव करता है तो आप हायर्ड हेल्प की मदद भी ले सकते हैं।
2. बच्चे के लिए रूल्स बनाकर रखें
बच्चे के डेवलपमेंट में तब ज़्यादा अच्छा ग्रोथ होता है जब वो एक "सेट ऑफ़ रूल्स" को फॉलो करते हैं और उन्हें पता होता है कि उनसे क्या एक्सपेक्टेड है। इसलिए सिंगल पेरेंटिंग चाहे कितनी भी डिमांडिंग क्यों ना हो बच्चों के डिसिप्लिन को ध्यान में रखते हुए रूल्स बनाकर रखें।
3. बच्चों को बच्चे की तरह ही ट्रीट करें
ऐसा भी हो सकता है की आप सिंगलहुड के कारण सिम्पैथी और कम्फर्ट के लिए अपने बच्चे के तरफ रुख करें। लेकिन बच्चों में ना ही इमोशंस को समझने की कैपेसिटी होती है और ना ही आपको सही एडवाइस देने का लाइफ एक्सपीरियंस होता है। इसलिए अगर आपको अपनी लाइफ में किसी तरह का कम्फर्ट चाहिए तो अपने दोस्त या फैमिली के तरफ रुख करें।
4. किसी चीज़ के लिए गिल्ट फील ना करें
एक सिंगल पैरेंट के लिए हर बात पर गिल्ट फील करना बहुत ऑब्वियस है। लेकिन अपने खुद के वेल-बीइंग के लिए ये ज़रूरी है कि आप किसी भी तरह के रीग्रेट्स या गिल्ट को अपने अंदर घर ना करने दें। आपने अपने इस सिंगल पेरेंटिंग जर्नी में जो भी पॉजिटिव काम किया है उस पर फोकस करिए और देखिएगा ये सफर ज़्यादा मुश्किल नहीं लगेगा।
5. खुद के लिए समय निकालें
अपने लिए समय निकालना बहुत ज़रूरी है। कोशिश करें कि और कुछ नहीं तो आप अपने लिए रोज़ कुछ ना कुछ करें फिर चाहे वो खुद को एक ट्रीट देना हो, दोस्तों के साथ वक़्त गुज़ारना हो या फिर बुक रीडिंग के लिए थोड़ा सा समय निकालना। इसलिए खुद को समय देते रहें।