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बच्चे एडल्ट्स के हिसाब से थोड़े ज़्यादा ही सेंसिटिव होते हैं और इसलिए उन्हें कई सारी बातें जल्दी दिल पर लग जाती है। अगर आप अपने बच्चे को किसी बात पर शर्मिंदा करते हैं तो ये शमिंग उनके साथ सारी ज़िन्दगी रह जाता है जिस कारण हो सकता है की उनके कॉन्फिडेंस में भी कमी आ जाए या फिर उनके मेन्टल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ जाए। अपने बच्चों को पब्लिकली शर्मिंदा करना गलत है और कई बार आप ना चाहते हुए भी ऐसा कर जाते हैं तो। इन 5 तरीकों से सुधारें बच्चों को पब्लिकली शर्मिंदा करने की अपनी आदत को:
कई बार हम बच्चों को गाइड या मोटिवेशन के नाम पर कुछ ऐसा कह देते हैं जो उनको गिलटी फील करवा सकता है और कई बार उन्हें खुद में शर्मिंदगी भी हो सकती है। इसलिए कोशिश करें की बच्चों को उनकी छोटी-छोटी गलतियों पर हमेशा डाटने के बाजए उन्हें समझाया जाए। बच्चे अपने प्रति किये आलोचना या जजमेंट को काफी जल्दी समझ लेते हैं इसलिए उनकी ज़्यादा आलोचना करने से बचें।
आपको अपना बेहेवियर ऐसा रखना है की आपके बच्चे कोई भी गलती करने के बाद इस बात का डर न हो की आप उन्हें डाटेंगे। बच्चे आपके तरफ देखकर इस बात का अंदाजा लगाते हैं की समाज में उनकी कौन सी हरकतें एक्सेप्टेबल हैं और कौन सी नहीं। इसलिए अगर आप उन पर हर समय क्रिटिकल रहेंगे या फिर उन पर चिल्लाते रहेंगे तो बिलकुल भी अच्छा नहीं रहेगा।
किसी भी सीक्रेट को रखने से उस बात को लेकर शर्मिंदगी बढ़ती है। इसलिए अपने बच्चों को उनके बॉडी को लेकर किसी भी तरह की अनकम्फर्टेबलेनेस फील ना होने दें। इस बात का ख्याल रखें की अपनी बॉडी को लेकर उन्हें किसी भी तरह की शर्मिंदगी ना हो। उनको ये भी समझाएं की हर बॉडी शेप और साइज अच्छा है और उन्हें इस बात पर चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
अगर आपके बच्चे से किसी तरह की गलती हो रही है तो उससे इस बारे में बात करके या उससे समझा कर आप उसकी गलती को सुधार सकते हैं। लेकिन अगर आप हर बात पर अपने बच्चे को पनिश करेंगे तो इससे उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस तो घटेगा ही, इसके साथ ही साथ कई बार बच्चे के अंदर बगावत की फीलिंग भी आ सकती है। इससे बच्चे आपसे डरना भी शिरू कर देंगे जो सही नहीं है।
अपने बच्चे के प्रति सहानुभूति दिखाना बहुत ज़रूरी है फिर चाहे आप घर में हों या फिर घर के बाहर। अपने बच्चे को इम्पोर्टेन्ट भी फील करवाएं ताकि उसे ये ना लगे की आपको उसके होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। बच्चे थोड़े ज़्यादा इमोशनल होते हैं इसलिए उनको अगर आप वैसे ही हैंडल करेंगे तो इससे उनको अच्छा फील ज़रूर होगा।
1. बच्चों को गिलटी फील कराना बंद करें
कई बार हम बच्चों को गाइड या मोटिवेशन के नाम पर कुछ ऐसा कह देते हैं जो उनको गिलटी फील करवा सकता है और कई बार उन्हें खुद में शर्मिंदगी भी हो सकती है। इसलिए कोशिश करें की बच्चों को उनकी छोटी-छोटी गलतियों पर हमेशा डाटने के बाजए उन्हें समझाया जाए। बच्चे अपने प्रति किये आलोचना या जजमेंट को काफी जल्दी समझ लेते हैं इसलिए उनकी ज़्यादा आलोचना करने से बचें।
2. अपने बेहेवियर को मॉडल करें
आपको अपना बेहेवियर ऐसा रखना है की आपके बच्चे कोई भी गलती करने के बाद इस बात का डर न हो की आप उन्हें डाटेंगे। बच्चे आपके तरफ देखकर इस बात का अंदाजा लगाते हैं की समाज में उनकी कौन सी हरकतें एक्सेप्टेबल हैं और कौन सी नहीं। इसलिए अगर आप उन पर हर समय क्रिटिकल रहेंगे या फिर उन पर चिल्लाते रहेंगे तो बिलकुल भी अच्छा नहीं रहेगा।
3. हर इशू पर खुल कर करें बात
किसी भी सीक्रेट को रखने से उस बात को लेकर शर्मिंदगी बढ़ती है। इसलिए अपने बच्चों को उनके बॉडी को लेकर किसी भी तरह की अनकम्फर्टेबलेनेस फील ना होने दें। इस बात का ख्याल रखें की अपनी बॉडी को लेकर उन्हें किसी भी तरह की शर्मिंदगी ना हो। उनको ये भी समझाएं की हर बॉडी शेप और साइज अच्छा है और उन्हें इस बात पर चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
4. बच्चों को पनिश ना करें
अगर आपके बच्चे से किसी तरह की गलती हो रही है तो उससे इस बारे में बात करके या उससे समझा कर आप उसकी गलती को सुधार सकते हैं। लेकिन अगर आप हर बात पर अपने बच्चे को पनिश करेंगे तो इससे उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस तो घटेगा ही, इसके साथ ही साथ कई बार बच्चे के अंदर बगावत की फीलिंग भी आ सकती है। इससे बच्चे आपसे डरना भी शिरू कर देंगे जो सही नहीं है।
5. बच्चे को इमोशनली हैंडल करें
अपने बच्चे के प्रति सहानुभूति दिखाना बहुत ज़रूरी है फिर चाहे आप घर में हों या फिर घर के बाहर। अपने बच्चे को इम्पोर्टेन्ट भी फील करवाएं ताकि उसे ये ना लगे की आपको उसके होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। बच्चे थोड़े ज़्यादा इमोशनल होते हैं इसलिए उनको अगर आप वैसे ही हैंडल करेंगे तो इससे उनको अच्छा फील ज़रूर होगा।