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हम सभी की जिंदगियों में अच्छे और बुरे दोनों पल आते हैं। कई बार हालात ऐसे होते हैं जहां हम पूरी तरह टूट जाते हैं लेकिन फिर भी हमें सिखाया जाता है मजबूत बने रहने को और पॉजिटिव रहने को। हमें बचपन से से ही खुद पर भरोसा करना सिखाया जाता है कि एक दिन सब सही हो ही जाएगा। लेकिन कई बार ये "सब सही हो जाएगा" वाली पॉजिटिविटी टॉक्सिक पॉजिटिविटी की जगह ले लेती है और हमें काफी नुकसान पहुंचाती है। तो आइए जानते हैं टॉक्सिक पॉजिटिविटी से बचाव के लिए 5 आसान टिप्स
टॉक्सिक पॉजिटिविटी से बचने के लिए सबसे जरूरी बात है ये जानना कि आपके नेगेटिव इमोशंस भी महसूस होने के लिए ही बने हैं। आप उन्हें इग्नोर नहीं कर सकते हैं और अगर करते हैं तो गलत कर रहे हैं।
आपके इमोशंस एक स्प्रिंग की तरह होते हैं , इन्हें जितना दबाया या छुपाया जाता है ये उतने ही बाहर आने की कोशिश करते हैं और आपको उतनी ही तेजी से दर्द भी देंगे।
आपके इमोशनल सिस्टम में हर इमोशन महसूस होने के लिए ही बना है। हां, ये हो सकता है कि कोई एक इमोशन अक्सर ज्यादा महसूस होता है तो कोई थोड़ा कम। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आपको ये कम महसूस होने वाले इमोशंस महसूस करने ही नहीं चाहिए।
किसी भी चीज की अति आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है इसलिए न ज्यादा नेगेटिविटी आपके लिए अच्छी है और न ही ज्यादा पॉजिटिविटी।
अपने इमोशंस को छुपाना सही नहीं है। अगर आप अपने इमोशंस और फीलिंग्स को लेकर काफी कन्फ्यूजन में हैं तो उन्हें किसी सही इंसान के साथ शेयर करें।
इमोशंस शेयर करने से आप अपनी परेशानियों को अच्छे से बाहर ला पाते हैं और क्या अच्छा महसूस करते हैं।
अक्सर हमारे आस पास लोग अच्छे तो होते हैं पर हमारे इमोशंस को कम जानकारी होने के कारण समझ नहीं पाते हैं और इसके लिए आपको उन्हें दोष नहीं देना चाहिए।
आप चाहें तो एक सही और अच्छे थैरेपिस्ट से जाकर मिल सकते हैं।
कई बार हम खुद भी सामने वाले लोगों के इमोशंस को न समझने के कारण उन्हें और उनके इमोशंस को गलत ठहरा देते हैं। ऐसा करना गलत है। जानकारी न होना और इमोशंस को बिलकुल नकार देना दो अलग बातें हैं इसलिए कभी भी सामने वाले इंसान को समझने की कोशिश करें।
तो ये थी 5 टिप्स टॉक्सिक पॉजिटिविटी से बचने के लिए।
टॉक्सिक पॉजिटिविटी से बचाव के लिए 5 आसान टिप्स
1. अपने नेगेटिव इमोशंस को दबाएं नहीं,
टॉक्सिक पॉजिटिविटी से बचने के लिए सबसे जरूरी बात है ये जानना कि आपके नेगेटिव इमोशंस भी महसूस होने के लिए ही बने हैं। आप उन्हें इग्नोर नहीं कर सकते हैं और अगर करते हैं तो गलत कर रहे हैं।
आपके इमोशंस एक स्प्रिंग की तरह होते हैं , इन्हें जितना दबाया या छुपाया जाता है ये उतने ही बाहर आने की कोशिश करते हैं और आपको उतनी ही तेजी से दर्द भी देंगे।
2. हर इमोशन को महसूस करें,
आपके इमोशनल सिस्टम में हर इमोशन महसूस होने के लिए ही बना है। हां, ये हो सकता है कि कोई एक इमोशन अक्सर ज्यादा महसूस होता है तो कोई थोड़ा कम। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आपको ये कम महसूस होने वाले इमोशंस महसूस करने ही नहीं चाहिए।
किसी भी चीज की अति आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है इसलिए न ज्यादा नेगेटिविटी आपके लिए अच्छी है और न ही ज्यादा पॉजिटिविटी।
3. सही लोगों से अपने इमोशंस के बारे में बात करें
अपने इमोशंस को छुपाना सही नहीं है। अगर आप अपने इमोशंस और फीलिंग्स को लेकर काफी कन्फ्यूजन में हैं तो उन्हें किसी सही इंसान के साथ शेयर करें।
इमोशंस शेयर करने से आप अपनी परेशानियों को अच्छे से बाहर ला पाते हैं और क्या अच्छा महसूस करते हैं।
4. थैरेपिस्ट की मदद लें
अक्सर हमारे आस पास लोग अच्छे तो होते हैं पर हमारे इमोशंस को कम जानकारी होने के कारण समझ नहीं पाते हैं और इसके लिए आपको उन्हें दोष नहीं देना चाहिए।
आप चाहें तो एक सही और अच्छे थैरेपिस्ट से जाकर मिल सकते हैं।
5. दूसरों के इमोशंस को समझें
कई बार हम खुद भी सामने वाले लोगों के इमोशंस को न समझने के कारण उन्हें और उनके इमोशंस को गलत ठहरा देते हैं। ऐसा करना गलत है। जानकारी न होना और इमोशंस को बिलकुल नकार देना दो अलग बातें हैं इसलिए कभी भी सामने वाले इंसान को समझने की कोशिश करें।
तो ये थी 5 टिप्स टॉक्सिक पॉजिटिविटी से बचने के लिए।