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इंसान को बनाते हैं, इमोशन्स ही हमें जीव-जंतुओं से अलग करते हैं। अगर आप किसी व्यक्ति के बारे में जानना चाहते हैं तो आप वो व्यक्ति इमोशनल है इससे आप उसके बारे बहुत कुछ पता कर सकतें हैं। हमारे जीवन में कई तरह के इमोशन होते हैं जो कि हमारी उम्र के साथ भी आते हैं और हमारे एक्सपीरियंस से भी आते हैं। इमोशंस एक्सप्रेस
हमारे इमोशंस हमेशा एक जैसे नहीं रहते हैं, वह समय के साथ धीरे धीरे बदल जाते हैं कुछ इमोशंस को छोड़ कर। हमारे लिए इमोशंस को एक्सप्रेस करना भी बहुत जरूरी होता है वरना ये इमोशंस हमारे अंदर रहकर हमे बहुत परेशान करते हैं। हमारी भावनाओं का अगर हम सही इस्तेमाल करें तो हम एक बेहतर मनुष्य बन सकते हैं। भावनाओं को व्यक्त करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि बिना भावनाओं को वक्त किए हम अपनी कोई भी बात किसी को भी नहीं समझा सकते हैं। भावनाएं हमें पूरी दुनिया में सबसे अलग व बेहतर बनाती हैं। रिश्तों को मजबूत बनाने में भावनाओं का बहुत बड़ा योगदान रहता हैं। ये हमे दुनिया को व हमारे आस पास की चीजों को समझने को उनको जानने मे बहुत मदद करती हैं।
आज के इस दौर में हम अपनी भावनाओं को व्यक्त करना भूलते जा रहे हैं हम उन्हे बस अपने अंदर इकठ्ठा करते जा रहे हैं और उसी में परेशान होते रहते हैं। पहले के समय में गुरुकुल में भावनाओं को कैसे संभालें कैसे उन्हें व्यक्त करे सब सिखाया जाता था लेकिन हमारे मॉडर्न स्कूलो में हमें सिर्फ किताबी ज्ञान दे दिया जाता हैं।
भावनाओं को व्यक्त ना करने से हमें कई सारी मानसिक बीमारियो से भी गुजरना पड़ता है। आज के समय में हम अपनी भावनाएं इसलिए भी व्यक्त नहीं करते क्योंकि हम दूसरों के बारे में बहुत ज्यादा सोचते हैं कि लोग क्या कहेंगे, क्या सोचेंगे अगर हमने उन्हें अपनी भावनाओं के बारे में बता दिया तो। हम मेसे कई लोगो के दिमाग में इसको लेकर एक अलग तरह का डर बैठ गया है। जो लोग अपनी भावनाओं को लोगों को एक्सप्रेस नहीं कर पाते उनकी इस मानसिक बीमारी को अलेक्सिटिमिआ (Alexithymia) कहा जाता है एक रिपोर्ट के मुताबिक 13 प्रतिशत लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं।
अगर आप भी इस तरह की कोई बीमारी से परेशान है तो टेंशन मत लीजिए यह नॉर्मल है ऐसा होता है, बस किसी अच्छे डॉक्टर से बात करें और आप बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे क्योंकि यह एक बहुत बड़ी बीमारी नहीं अगर आप समय पर जागरूक हो जाए तो । हमें हमारी कैसी भी भावनाएं हो खुशी की हो , दुख की हो या गुस्से की हो उसे व्यक्त कर देना चाहिए ज्यादा समय तक उसे छुपाना नहीं चाहिए।
इमोशंस हमेशा एक जैसे नहीं रहते हैं
हमारे इमोशंस हमेशा एक जैसे नहीं रहते हैं, वह समय के साथ धीरे धीरे बदल जाते हैं कुछ इमोशंस को छोड़ कर। हमारे लिए इमोशंस को एक्सप्रेस करना भी बहुत जरूरी होता है वरना ये इमोशंस हमारे अंदर रहकर हमे बहुत परेशान करते हैं। हमारी भावनाओं का अगर हम सही इस्तेमाल करें तो हम एक बेहतर मनुष्य बन सकते हैं। भावनाओं को व्यक्त करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि बिना भावनाओं को वक्त किए हम अपनी कोई भी बात किसी को भी नहीं समझा सकते हैं। भावनाएं हमें पूरी दुनिया में सबसे अलग व बेहतर बनाती हैं। रिश्तों को मजबूत बनाने में भावनाओं का बहुत बड़ा योगदान रहता हैं। ये हमे दुनिया को व हमारे आस पास की चीजों को समझने को उनको जानने मे बहुत मदद करती हैं।
भावनाओं को व्यक्त करना
आज के इस दौर में हम अपनी भावनाओं को व्यक्त करना भूलते जा रहे हैं हम उन्हे बस अपने अंदर इकठ्ठा करते जा रहे हैं और उसी में परेशान होते रहते हैं। पहले के समय में गुरुकुल में भावनाओं को कैसे संभालें कैसे उन्हें व्यक्त करे सब सिखाया जाता था लेकिन हमारे मॉडर्न स्कूलो में हमें सिर्फ किताबी ज्ञान दे दिया जाता हैं।
भावनाओं को व्यक्त ना करने से हमें कई सारी मानसिक बीमारियो से भी गुजरना पड़ता है। आज के समय में हम अपनी भावनाएं इसलिए भी व्यक्त नहीं करते क्योंकि हम दूसरों के बारे में बहुत ज्यादा सोचते हैं कि लोग क्या कहेंगे, क्या सोचेंगे अगर हमने उन्हें अपनी भावनाओं के बारे में बता दिया तो। हम मेसे कई लोगो के दिमाग में इसको लेकर एक अलग तरह का डर बैठ गया है। जो लोग अपनी भावनाओं को लोगों को एक्सप्रेस नहीं कर पाते उनकी इस मानसिक बीमारी को अलेक्सिटिमिआ (Alexithymia) कहा जाता है एक रिपोर्ट के मुताबिक 13 प्रतिशत लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं।
अगर आप भी इस तरह की कोई बीमारी से परेशान है तो टेंशन मत लीजिए यह नॉर्मल है ऐसा होता है, बस किसी अच्छे डॉक्टर से बात करें और आप बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे क्योंकि यह एक बहुत बड़ी बीमारी नहीं अगर आप समय पर जागरूक हो जाए तो । हमें हमारी कैसी भी भावनाएं हो खुशी की हो , दुख की हो या गुस्से की हो उसे व्यक्त कर देना चाहिए ज्यादा समय तक उसे छुपाना नहीं चाहिए।