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Co-Parenting: इन 5 तरीकों से बच्चों की "को-पेरेंटिंग" करें डिवोर्स के बाद

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Swati Bundela
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पेरेंट्स के डिवोर्स को एक्सेप्ट करना बच्चों के लिए मुश्किल होता है और ऐसे में अपनी लाइफ को लेकर इनसेक्योर भी वो काफी जल्दी फील करने लगते हैं। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है की डिवोर्स के बाद आप अपने एक्स-पार्टनर के साथ को-पेरेंटिंग करने के लिए उनसे कम्युनिकेशन बनाकर रखें। अपने बच्चों की इन्सेक्योरिटीज़ को नज़रअंदाज़ ना करें और अपने एक्स-पार्टनर के साथ मिलकर को-पेरेंटिंग स्ट्रेटेजी बनाने की कोशिश ज़रूर करें। जानिए को-पेरेंटिंग के लिए ये 5 तरीकें:

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1. बच्चे की ख़ुशी को रखें पहले



इस बात को ध्यान में रखना बहुत ज़रूरी है कि आपकी सिर्फ शादी का अंत हुआ पैरेंटहुड का नहीं। अपने एक्स के साथ आपके चाहे कितने भी इश्यूज क्यों ना हों, इस बात को कभी अपने बच्चों की ख़ुशी के आड़े ना आने दें। अपने बच्चे की ख़ुशी को सबसे पहले रखें और उसके लिए थोड़े-बहुत अड़जस्टमेंट्स करने पड़े तो ज़रूर करें। लेकिन साथ में इस बात का भी ध्यान रखें की बच्चे की ख़ुशी के लिए आप उनकी कुछ भी डिमांड को पूरा ना करने लगें।

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2. अपने बच्चे के सामने गुस्सा ना करें



आपके एक्स-पार्टनर के साथ आपके कई तरह के इश्यूज हो सकते हैं लेकिन इस बात का ताल्लुक आपके बच्चे से हो ये ज़रूरी नहीं है।इसलिए अपने बच्चे को इस बीच किसी तरह से सफर ना करने दें। इस बात का ख्याल रखें की आप अपना गुस्सा या अपनी फ़्रस्ट्रेशन अपने बच्चों पर ना निकालें क्योंकि इससे उनके मेन्टल हेल्थ पर असर पड़ सकता है।
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3. अपने एक्स-पार्टनर की बुराई ना करें बच्चों के सामने



अगर आप अपने बच्चे के सामने अपने एक्स-पार्टनर की बुराई करते हैं तो इसका मतलब ये है कि आप उन्हें आप दोनों में से किसी एक को चूज़ करने के लिए कह रहे हैं। ऐसा करना गलत है क्योंकि बच्चे को आप दोनों की ज़रूरत है। इसलिए अपने रिलेशनशिप से जुड़ी बातें अपने बच्चे को बताने से बचें क्योंकि उसे आप दोनों को बिना किसी इन्फ्लुएंस के जानने का पूरा हक़ है।
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4. अपने एक्स-पार्टनर से कम्युनिकेशन बढ़ाएं



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डिवोर्स के बाद अपने एक्स के साथ टाइम स्पेंड करना जल्दी किसी को पसंद नहीं आता है लेकिन बच्चों की ख़ुशी के लिए कम्युनिकेशन ज़रूरी है। इस बात का ध्यान रखें की आप अपने बच्चों से रिलेटेड कोई भी डिसिशन अकेले ना लें और अपने एक्स को उसमें पूरी तरह इन्वॉल्व करें। आपस में पेरेंटिंग स्ट्रैटेजेज़ बनाएं और बच्चों की परवरिश में एक-दूसरे की मदद करने की पूरी कोशिश करें।

5. बच्चे के कॉल्स को स्क्रीन ना करें



डिवोर्स के बाद बच्चों के लिए दो अलग घर होता है और ऐसे में शायद ही वो कभी अपने पेरेंट्स को एक साथ देख पाएंगे। इसलिए ये बहुत ज़रूरी है की आप अपने बच्चे को अपने एक्स-पार्टनर के साथ किसी भी तरह कम्यूनिकेट करने से ना रोकें। बच्चों के कॉल्स को स्क्रीन ना करें बल्कि उन्हें कम्युनिकेशन बिल्डअप करने के लिए मोटीवेट करें। इस तरह आपको को-पेरेंटिंग में भी आसानी होगी।
पेरेंटिंग
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