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स्टूडेंट्स क्यों पेपर में इंटरनेट से कर रहे चीटिंग ? क्या ये कोरोना वायरस का असर है ?

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Swati Bundela
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स्टूडेंट्स कोरोना वायरस - पिछले साल आए कोरोना वायरस की वजह से बच्चों की पढाई पर बहुत बुरा असर पड़ा है। साल भर से भी ऊपर हो चुका है न तो बच्चे स्कूल अच्छे से जा पाए हैं और न ही कोचिंग। कई स्कूलों में ऑनलाइन पढाई भी चालू की गयी पर उसका बच्चों की पढाई पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा।
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कोरोना से बच्चों के मन में पढाई को लेकर क्या बैठ गया है ?



बच्चों को कोरोना के कारण
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पढाई से भागने की आदत हो गयी है। उनका डेली पढ़ने का रुटीन और स्कूल कोचिंग जाने की आदत छूट गयी है। इस के कारण बच्चों को लगने लगा है कि अब उन्हें कभी भी पेपर नहीं देने पड़ेंगे जिसके कारण वो पढाई भी नहीं कर रहे हैं। इसके बाद जब उन्हें पेपर देने पड़ते हैं तो वो चीटिंग करना चालू कर देते हैं।

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इंटरनेट से बच्चों की ग्रोथ कैसे रुक रही है ?



इंटरनेट के कारण बच्चे को खुद का दिमाग लगाने की जगह दूसरी जगह से कॉपी पेस्ट करने की आदत हो गयी है। इंटरनेट इतना बड़ा हो चुका है कि उस पर हर चीज़ का जवाब आसानी से मिल जाता है चाहे वो किसी भी क्लास का क्यों न हो। ऑनलाइन पढाई के चलते बच्चों को ऑनलाइन ही नेट के ज़रिये चीटिंग कर के लिखने की आदत होती जा रही है जो कि सही नहीं है। इस से उनका मानसिक विकास रुकता है।

इस में हमारी क्या गलती है ?



हम एक पैरेंट, टीचर और मेंटर के नाते बच्चे को सही और गलत में फर्क नहीं समझाते हैं। हमें बच्चों को बताना जरुरी है कि इंटरनेट से कैसे उनकी ग्रोथ रुक रही है, कैसे उनकी सोचने की छमता कम हो रही है, कैसे वो इंटरनेट पर डिपेंडेंट होते जा रहे हैं। बच्चों को ये सब चीज़ें इंटरनेट से कॉपी करना आसान लगता है इसलिए वो करते हैं लेकिन जरुरी नहीं हर आसान चीज़ सही भी हो। हम बच्चों को समझाने की जगह जो सबसे आसान तरीका होता है उन्हें वही करने देते हैं।
पेरेंटिंग
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