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एमेनोरिया (amenorrhea) को अगर आसान शब्दों में समझे तो इसे पीरियड्स का न होना कहते हैं। यह मीनोपॉज या प्रेगनेंसी से अलग है। पर इसके वजह से महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ जाता है। इसलिए ज़रूरी है कि एमेनोरिया के बारे में सब अच्छे से जानें और समझें। इन सब से पहले आप ये जानें कि यह किसी भी तरह से बांझपन या मीनोपॉज से जुड़ा हुआ नहीं है।
यह प्रॉब्लम पीरियड्स के रेगुलर होने या ना होने से जुड़ी हुई नही है। हालाँकि यह कोई बीमारी नहीं है, इसका इलाज संभव है। अनेक महिलाऐं प्रेगनेंसी या मीनोपॉज होने के बगैर भी अपने 3 या 3 से अधिक पीरियड्स को मिस कर सकती हैं, जो कि एक आम बात नहीं है। पीरियड्स के ना होने की वजह कई तरह के प्रॉब्लम्स की इशारा करती है, जैसे थायराइड, पिट्यूटरी ट्यूमर, PCOS आदि। इसके अलावा एमेनोरिया बाँझपन या ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी प्रॉब्लम्स को भी जन्म दे सकता है।
एमेनोरिया या पीरियड्स न आने का सबसे नॉर्मल वजह प्रेगनेंसी हो सकती है। एमेनोरिया के अन्य वज़हों में हार्मोन के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करने वाले बॉडी पार्टस से सम्बंधित प्रॉब्लम शामिल हैं।
यह वह प्रॉब्लम है जब टीनेज के दौरान पीरियड्स शुरू नहीं होते हैं। अगर 16 साल की उम्र तक एक युवा महिला के पीरियड्स शुरू नहीं होते हैं, तो यह स्थिति प्राइमरी एमेनोरिया कहलाती है।
यह तब होता है, जब टीनेज में पीरियड्स शुरू होते हैं, लेकिन 3 या ज्यादा महीनों तक पीरियड्स बंद हो जाते हैं। इसका प्रेगनेंसी के दौरान या ब्रेस्ट फीडिंग कराने के दौरान होना नॉर्मल है। इसके अलावा यह अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स, जैसे अंडरएक्टिव थायरॉइड, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome (PCOS)) के वजह से भी हो सकता है।
एब्सेंस ऑफ मेंस्ट्रुएशन (Absence of menstruation) या एमेनोरिया का मुख्य लक्षण, मासिक धर्म (menstrual periods) का ना होना है। इसके अलावा कई और लक्षण हैं , जैसे:
-दूधिया निप्पल डिस्चार्ज (Milky nipple discharge)
-ब्रेस्ट साईज में बदलाव
-बाल झड़ना
-सरदर्द होना
-वजन बढ़ना या वजन कम होना
-चेहरे पर ज्यादा बालों का होना
-आवाज का भारी होना
-पेल्विक पेन होना(Pelvic pain)
-मुँहासे (Acne) होना
-योनि का सूखापन (vaginal dryness)
यदि कोई महिला लगातार तीन महिने के पीरियड्स को मिस करती है या पीरियड्स का एक्सपीरियंस नहीं करती हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से मिल लेना चाहिए। इसके अलावा टीनेजर्स जिनकी उम्र 16 साल या उससे ज्यादा है और एक बार भी पीरियड्स नहीं हुआ है, तो वो भी जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह लें।
पढ़िए- ये 7 होम रेमेडीज आपको पीरियड्स के दर्द से आराम दिलाएंगी
क्या है एमेनोरिया?
यह प्रॉब्लम पीरियड्स के रेगुलर होने या ना होने से जुड़ी हुई नही है। हालाँकि यह कोई बीमारी नहीं है, इसका इलाज संभव है। अनेक महिलाऐं प्रेगनेंसी या मीनोपॉज होने के बगैर भी अपने 3 या 3 से अधिक पीरियड्स को मिस कर सकती हैं, जो कि एक आम बात नहीं है। पीरियड्स के ना होने की वजह कई तरह के प्रॉब्लम्स की इशारा करती है, जैसे थायराइड, पिट्यूटरी ट्यूमर, PCOS आदि। इसके अलावा एमेनोरिया बाँझपन या ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी प्रॉब्लम्स को भी जन्म दे सकता है।
एमेनोरिया या पीरियड्स न आने का सबसे नॉर्मल वजह प्रेगनेंसी हो सकती है। एमेनोरिया के अन्य वज़हों में हार्मोन के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करने वाले बॉडी पार्टस से सम्बंधित प्रॉब्लम शामिल हैं।
जाने कितने टाईप के होते हैं एमेनोरिया
-प्राइमरी एमेनोरिया
यह वह प्रॉब्लम है जब टीनेज के दौरान पीरियड्स शुरू नहीं होते हैं। अगर 16 साल की उम्र तक एक युवा महिला के पीरियड्स शुरू नहीं होते हैं, तो यह स्थिति प्राइमरी एमेनोरिया कहलाती है।
-सेकेंडरी एमेनोरिया
यह तब होता है, जब टीनेज में पीरियड्स शुरू होते हैं, लेकिन 3 या ज्यादा महीनों तक पीरियड्स बंद हो जाते हैं। इसका प्रेगनेंसी के दौरान या ब्रेस्ट फीडिंग कराने के दौरान होना नॉर्मल है। इसके अलावा यह अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स, जैसे अंडरएक्टिव थायरॉइड, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic ovary syndrome (PCOS)) के वजह से भी हो सकता है।
इसको पहचानने मे ये लक्षण करते हैं मदद
एब्सेंस ऑफ मेंस्ट्रुएशन (Absence of menstruation) या एमेनोरिया का मुख्य लक्षण, मासिक धर्म (menstrual periods) का ना होना है। इसके अलावा कई और लक्षण हैं , जैसे:
-दूधिया निप्पल डिस्चार्ज (Milky nipple discharge)
-ब्रेस्ट साईज में बदलाव
-बाल झड़ना
-सरदर्द होना
-वजन बढ़ना या वजन कम होना
-चेहरे पर ज्यादा बालों का होना
-आवाज का भारी होना
-पेल्विक पेन होना(Pelvic pain)
-मुँहासे (Acne) होना
-योनि का सूखापन (vaginal dryness)
कब जरूरी है डॉक्टर को दिखाना
यदि कोई महिला लगातार तीन महिने के पीरियड्स को मिस करती है या पीरियड्स का एक्सपीरियंस नहीं करती हैं, तो उसे तुरंत डॉक्टर से मिल लेना चाहिए। इसके अलावा टीनेजर्स जिनकी उम्र 16 साल या उससे ज्यादा है और एक बार भी पीरियड्स नहीं हुआ है, तो वो भी जल्द से जल्द डॉक्टर की सलाह लें।
पढ़िए- ये 7 होम रेमेडीज आपको पीरियड्स के दर्द से आराम दिलाएंगी