Advertisment

Bad Girl Definition Of Society: समाज की नज़र में किसे माना जाता है?

सीधे शब्दों में कहे जिस औरत ने हर चीज़ को माना हो चाहे उ उसकी उस चीज़ मर्ज़ी है या नहीं वह औरत ही सबसे अच्छी है। जिस औरत ने अपनी राय दी, अपनी मर्ज़ी से ज़िंदगी जीना चाहा और इस मर्द प्रधान देश में आगे बढ़ने की कोशिश उसे 'बैड गर्ल' का टाइटल दे दिया।

author-image
Rajveer Kaur
एडिट
New Update
women

हमारे समाज में हमेशा उस औरत को अच्छा माना जाता रहा हैं जिसने कभी विरोध ना किया हो चाहे उसके साथ कितना भी जुल्म हो रहा हो, जितनी मर्ज़ी दबी हो। समाज हमेशा उन औरतों को चाहता है जो इनकी पित्तरसत्ता सोच पर चले, कभी अपनी राय ना दे, अपनी मर्ज़ी के कपड़े ना पहने। सीधे शब्दों में कहे जिस औरत ने हर चीज़ को माना हो चाहे उसके लिए अच्छी है या नहीं उसकी उस चीज़ मर्ज़ी है या नहीं वह औरत ही सबसे ‘अच्छी’ है।

Advertisment

जिस औरत ने अपनी राय दी, अपनी मर्ज़ी से ज़िंदगी जीना चाहा और इस मर्द प्रधान देश में आगे बढ़ने की कोशिश उसे ‘बैड गर्ल’ का टाइटल दे दिया।

Bad Girl Definition Of Society: समाज की नज़र में किसे माना जाता है? 

Advertisment

औरत ‘मत’ पेश करती है 

जिन औरतों ने समाज में अपना ‘मत’ पेश किया उन्हें कभी भी अच्छा नहीं माना गया है। उन औरतों को समाज ने बुरा ही कहा है। समाज चाहता है औरत वहीं करें जो  नियम उसके लिए बनाए गए है उसे तोड़कर जिस महिला ने आगे बढ़ना चाहा उसे समाज ने ‘बैड गर्ल’ का नाम दे दिया।

खाना बनाना नहीं आता

जिस औरत को खाना बनाना नहीं आता है समाज के हिसाब वह औरत ‘बैड गर्ल’ है क्योंकि आज भी माना जाता है कि खाना बनाना औरत की ज़िम्मेदारी हैं। जो औरतें खाना बनाना नहीं जानती है वे तो अच्छी नहीं होती है। इनके हिसाब से लड़की जितना मर्ज़ी आगे बढ़ जाए लेकिन खाना बनाना उसे आना चाहिए यह तों ज़रूरी है।

अपने फ़ैसले आप लेती है

आज भी लोग एक उस महिला बर्दाश्त नहीं करते जो फ़ैसले लेने के लिए अपने पति, माँ-बाप, भाई या किसी और पर निर्भर ना हो। वह अपने फ़ैसले आत्म-निर्भरता से लेती है। इससे वह समाज के नीचे नहीं रहती है और अपने लिए एक आवाज़ बनती इसलिए समाज को यह पसंद नहीं है।

सेक्स के बारे में खुलकर बात करती हो

महिलाएँ को सेक्स करने के लिए या मज़े की चीज़ समझा जाता है लेकिन उनका इसके बारे में खुलकर बात करना अच्छा नहीं समझा जाता है। उन औरतों के चरित्र पर सवाल उठाए जाते जो इसके बारे में खुलकर बात करती है। इसके साथ ही उन्हें अलग-अलग नाम से बुलाया जाता है।

जो औरत कैज़ूअल सेक्स करती हो

समाज ने हमेशा औरत को बांध कर रखना चाहा हैं कभी इज्जत कहकर, कभी कुछ कहकर। अगर एक मर्द के एक से ज़्यादा सेक्शूअल पार्ट्नर हो सकते है तो औरत के क्यों नहीं। उन औरतों की ‘स्लट शेमिंग’ की जाती है जिनके एक से ज़्यादा सेक्शूअल पार्ट्नर होते हैं।

#Women
Advertisment