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Bihar IPS Officer Controversy: बिहार के आईपीएस अमित लोढ़ा पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप

भ्रष्टाचार के आरोपी आईपीएस अमित लोढ़ा ने आरोपों के बाद अपने ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया जिसमें उन्होने लिखा कि, "कभी-कभी जीवन आपको सबसे कठिन चुनौती दे सकता है, खासकर तब जब आप सही हों।

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Swati Bundela
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Bihar Officer Controversy

Bihar IPS Officer Controversy

नेटफ्लिक्स खाखी से परिचय  प्राप्त कर चुके आईपीएस ऑफिसर अमित लोढ़ा को सस्पेंड कर दिया गया है। वेब सीरीज खाकी: द बिहार चैप्टर से बदनाम हुए अमित लोढ़ा को 7 दिसंबर को निलंबित किया गया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के संदेह और कथित तौर पर एक सरकारी पद पर रहते हुए नेटफ्लिक्स के साथ एक व्यापारिक समझौते करने और अपनी पोजिशन का फायदा उठाते हुए धन लाभ लेने के कारण उन्हें निलंबित किया गया है।

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एक आधिकारिक बयान में दावा किया गया है कि लोढ़ा ने स्ट्रीमिंग सेवा और प्रोडक्शन कंपनी फ्राइडे स्टोरीटेलर्स के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किया ,जबकि वह अभी भी एक आईपीएस अधिकारी थे। विभाग की जांच से पता चला कि लोढ़ा के भ्रष्टाचार के आरोप सही थे, और विशेष सतर्कता इकाई ने 7 दिसंबर को आईपीसी की धारा 120बी और 168 के साथ-साथ भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए आईपीसी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया।

बिहार के आईपीएस ऑफिसर अमित लोढ़ा को किया गया निलंबित

भ्रष्टाचार के आरोपी आईपीएस अमित लोढ़ा ने आरोपों के बाद अपने ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया जिसमें उन्होने लिखा कि, "कभी-कभी जीवन आपको सबसे कठिन चुनौती दे सकता है, खासकर तब जब आप सही हों। इस दौरान आपके चरित्र की ताकत झलकती है। विजयी होने के लिए आपकी प्रार्थनाओं और समर्थन की जरूरत है।” जबकि इस मामले की अतरिक्त जांच के लिए पुलिस द्वारा उपाधीक्षक रैंक का ऑफिसर नियुक्त किया गया है।

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लोढ़ा की 2018 की किताब जिसका नाम बिहार डायरीज था। उससे प्रेरित होकर, नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज खाकी: द बिहार चैप्टर का निर्माण किया गया, जिसमें एक गिरोह के नेता और एक बेहद सम्मानित भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी  के बारे मे बताया गया है। इन दोनों के मध्य चले संघर्ष की कहानी इस वेब सीरीज का विषय रही है।

कौन है यह अमित लोढ़ा?
अमित लोढ़ा IIT स्नातक के छात्र थे। उनका जन्म जयपुर, राजस्थान में हुआ था। पहले ही प्रयास में उन्हें आईआईटी में सफलता मिली। उन्होंने आईआईटी को छोड़ कर यूपीएससी कि तरफ अपना रुझान बढ़ाया। वह 1988 में IPS में शामिल हुए, और राजस्थान उनकी प्रारंभिक पोस्टिंग रही। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लोढ़ा ने तुरंत ही लोकप्रियता हासिल कर ली थी, क्योंकि उन्होंने लोगों को उनके लैंडलाइन नंबर पर कॉल करने की सलाह दी थी।

लोढ़ा ने बिहार डायरीज के अलावा, लाइफ इन द यूनिफॉर्म: एडवेंचर्स ऑफ एन आईपीएस ऑफिसर इन बिहार। इस किताब को भी लिखा, जो 2021 में प्रकाशित हुई थी।

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