Books: क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि आप बोर हो रहे हों, और कुछ भी करने के लिए आपके पास न हो? कई बार जिंदगी में हम इतनी ज्यादा बोरियत महसूस करने लगते हैं कि कुछ और करने का सूझता ही नहीं। यहां पर आता है किताबें पढ़ना। किताबें पढ़ना भले आपका शौक न हो लेकिन इसे अपनाकर आप कुछ अलग ही महसूस करेंगे।
इंटरनेट पर कुछ हद तक आप बैठ सकते हैं, लेकिन एक समय आता है कि इंटरनेट भी भारी पड़ जाता है। आप एक हद तक इंटरनेट पर बैठ सकते हैं। लगातार इंटरनेट आपकी सेहत पर नुकसान पहुंचाने लगता है, आंखों में दर्द महसूस कराने लगता है, तनाव पैदा कर सकता है लेकिन किताबें पढ़ने से आपको शायद कम नुकसान होंगे। किताबें पढ़ने के फायदे ज्यादा हैं।
किताबें पढ़ने के फायदे क्या हैं
किताबें बोरियत ही दूर नहीं करतीं बल्कि कई तरह से साथ देती हैं, आइए जानें :-
साथी की तरह काम करती हैं
अगर आपको किताबें पढ़ने का शौक न हो तो एक बार अपने इंटरेस्ट की कोई किताब उठाएं। तय करें कि आप उसको पूरा करके ही रहेंगे। जब आप उस किताब को पढ़ना शुरु करेंगे तब आप पाएंगे कि आपकी किताब आपके साथ साथी की तरह काम आ रही है। आप किताबों से जुड़ा पाएंगे और उसे हर संभव पढ़ते रहने की कोशिश करेंगे।
विचारों को दिशा देती है किताबें
अगर आप विचार करने में असमर्थ हैं, समझ नहीं पा रहे हैं कि किस तरह से सोचें और विचार करें तो किताब उठा लीजिए। किसी प्रेरक किताब को उठाकर पढ़ना शुरु कर देने से आप पाएंगे कि आपके अंदर विचारों की नदियां-सी बह आई हैं। आपको तब पता चलेगा कि किताब तो आपमें विचार पैदा कर रही है। किताब आपके दिमाग को खोलती है, सोचने और विचारने को प्रभावित करती है।
किताबें पढ़ें तो विषय बदलकर
किताबें पढ़ने का ये अर्थ बिल्कुल भी नहीं है कि आप कोई उपन्यास ही पढ़ते रहें। किताब को पढ़ने के लिए आप उसके विषय का चुनाव कर सकते हैं यानि के आप किताब बदल-बदल कर पढ़ सकते हैं। इससे आपको नए-नए विषयों में ज्ञान भी बढ़ेगा और इंटरेस्ट भी डेवलप होगा किताबों के प्रति।
किताब को आप अपना शौक बना सकते हैं। किताबें आपकी साथी हैं उस समय जब आपके पास कुछ नहीं होगा करने को। किसी का साथ नहीं है, तो किताबें देती हैं आपको साथ।