Bullying And Harassment: बुलीइंग या हरासमेंट आमतौर पर कॉलेजों या स्कूलों में अधिकतर होता है और लोगों के मेंटल हैल्थ पर गंभीर प्रभाव डालता है। कई एंटी- रैगिंग सेल हैं, जो ऐसी चीजों से गुजरने वाले लोगों को बचाने में मदद करते हैं। रैगिंग को नए शामिल होने वाले छात्रों से दूर रखने में मदद करने के लिए यूनिवर्सिटी को अधिक महत्व देना चाहिए। यदि कोई इस तरह की घटना होते हुए देखता है तो स्थिति को गंभीरता से संभालने के लिए तत्काल उपाय किए जाने चाहिए। इसका लोगों लॉन्ग टर्म इफेक्ट पड़ता है जिसके कारण वापस सामान्य होने में बहुत अधिक समय लगता है।
Bullying And Harassment: जानें छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभाव
बुलीइंग और हरासमेंट एक गंभीर समस्या है और इससे निजात पाने के लिए हर व्यक्ति को ठोस कदम उठाने की जरूरत है फिर चाहे जिसके साथ हैरेसमेंट या बुलीइंग हो रही हो, जो यह कर रहे हों या फिर वह जो यह देख रहे हैं। आइए जानते हैं इसके कुछ नकारात्मक प्रभावों के बारे में एक साइकोलॉजिकल मैगजीन के अनुसार-
1.डिप्रेशन और एंजाइटी
वह चिंता या अवसाद से पीड़ित होने की अधिक संभावना रखते हैं। यदि कोई व्यक्ति हरासमेंट या बुलीइंग का शिकार होता है तो उनमें से बहुत से व्यक्तियों के साथ देखा गया है कि वह डिप्रेशन में चले जाते हैं या फिर छोटी-छोटी चीज पर पैनिक करने लगते हैं।
2. आत्मविश्वास में कमी
जो भी व्यक्ति एक बार हैरेसमेंट या फिर बुलीइंग का शिकार हो जाता है तो उनका आत्म- सम्मान कम होता है और वह आत्मविश्वास के साथ संघर्ष करते हैं।
3. दोस्तों से दुरी
उन्हें नए दोस्त बनाने और अकेले रहने में काफी डर लगता है क्योंकि एक बार यदि वह अपने दोस्त के द्वारा बुली हो जाते हैं या बुली होने पर उनके दोस्त उनको समर्थन नहीं करते हैं तो उनका दोस्ती पर से विश्वास उठ जाता है।
4. अपनी जरूरतों को नजरअंदाज कर देते हैं
जो लोग हरासमेंट आदि का शिकार हो जाते हैं वह दोबारा लोगों से अपनी जरूरतों के बारे में बताने में काफी झेजक रखते हैं वह कोई भी चीज पर अंदर ही अंदर सहते रहते हैं।
5. स्कूल और कॉलेज से दूरी
यदि कोई बच्चा स्कूल या कॉलेज में इस चीज का शिकार होता है तो वह अधिकतर स्कूल और कॉलेज जाने से बचते हैं। जिनसे उनके सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर गहरा असर नहीं पड़ता है बल्कि उनकी पढ़ाई पर भी काफी गहरा असर पड़ता है।