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12वीं कक्षा एग्जाम - देशभर में कोरोना के साथ अन्य बीमारियों का कहर भी बढ़ता जा रहा है। वाइट, ब्लैक फंगस संक्रमण के लगातार मामले आते जा रहें हैं। इसी बीच सीबीएसई 12th बोर्ड के एग्जाम लेने की घोषणा की है। वहीं इसे लेकर कई छात्रों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए इस एग्जाम का विरोध कर रहें हैं।
सीबीएसई ने 12वीं कक्षा का 15 जुलाई से 26 जुलाई तक एग्जाम लेने की अपेक्षा जाहिर की है। बारहवीं की एग्जाम लेने पर रविवार की हुई मीटिंग में कोई फैसला नहीं हो पाया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने 25 मई तक प्रस्ताव मांगने की बात कही है। वही एग्जाम कराने का अंतिम फैसला 1 जून को होगा। जिसके बाद एग्जाम ऑफलाइन मोड के माध्यम से हो सकती है और रिजल्ट सितंबर तक आने की उम्मीद है।
इस बार 12वीं का एग्जाम सामान्य प्रोटोकॉल के अनुसार नहीं होगा। सीबीएसई सिर्फ कुछ मुख्य विषय का एग्जाम लेने का विचार कर रहा है। इसके अलावा हर बार की तरह एग्जाम 3 घंटे का नहीं बल्कि से 1.5 घंटे का हो हो सकता है। जानकारी के मुताबिक मीटिंग का फैसला करने के लिए हाय लेवल कमिटी बनाई गई है।
अगर प्लान बी को अनुमति मिल जाती है तो एग्जाम 1 घंटे का होगा। इसके साथ ही पेपर में सिर्फ ऑब्जेक्टिव यानी छोटे सवाल पूछे जाएंगे। इसके अलावा 12वीं के एग्जाम उनके स्कूल में ही ली जा सकती है।
12वीं का एग्जाम 2 फेस में करवाया जा सकता है। पहला एग्जाम 15 जुलाई से एक 1 अगस्त तक हो सकता है और दूसरा फेस का एग्जाम 8 अगस्त 26 अगस्त तक हो सकता है। वही सीबीएसई ने यह भी कहा कि जो बच्चे कोरोना के कारण एग्जाम नहीं दे पाए थे उन्हें फिर से एक मौका मिल सकता है।
12वीं एग्जाम लेने के बाद दिल्ली सरकार और महाराष्ट्र इसके विरुद्ध है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री का कहना है बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर एग्जाम करवाने का फैसला गलत है। उन्होंने यह भी मांग की कि 12वीं एग्जाम से पहले सभी बच्चों को वैक्सीन दिया जाए।
दूसरी ओर महाराष्ट्र स्टेट स्कूल एजुकेशन मिनिस्टर ने कहा कि बच्चों और उनके परिवार का स्वास्थ्य ज्यादा जरूरी है। वही बच्चों ने बारहवीं की एग्जाम लेने के बाद पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए इसका विरोध किया है।
1 जून को होगी बैठक
सीबीएसई ने 12वीं कक्षा का 15 जुलाई से 26 जुलाई तक एग्जाम लेने की अपेक्षा जाहिर की है। बारहवीं की एग्जाम लेने पर रविवार की हुई मीटिंग में कोई फैसला नहीं हो पाया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने 25 मई तक प्रस्ताव मांगने की बात कही है। वही एग्जाम कराने का अंतिम फैसला 1 जून को होगा। जिसके बाद एग्जाम ऑफलाइन मोड के माध्यम से हो सकती है और रिजल्ट सितंबर तक आने की उम्मीद है।
सिर्फ तीन सब्जेक्ट का होगा एग्जाम
इस बार 12वीं का एग्जाम सामान्य प्रोटोकॉल के अनुसार नहीं होगा। सीबीएसई सिर्फ कुछ मुख्य विषय का एग्जाम लेने का विचार कर रहा है। इसके अलावा हर बार की तरह एग्जाम 3 घंटे का नहीं बल्कि से 1.5 घंटे का हो हो सकता है। जानकारी के मुताबिक मीटिंग का फैसला करने के लिए हाय लेवल कमिटी बनाई गई है।
अगर प्लान बी को अनुमति मिल जाती है तो एग्जाम 1 घंटे का होगा। इसके साथ ही पेपर में सिर्फ ऑब्जेक्टिव यानी छोटे सवाल पूछे जाएंगे। इसके अलावा 12वीं के एग्जाम उनके स्कूल में ही ली जा सकती है।
15 जुलाई से 26 अगस्त तक चल सकता है एग्जाम
12वीं का एग्जाम 2 फेस में करवाया जा सकता है। पहला एग्जाम 15 जुलाई से एक 1 अगस्त तक हो सकता है और दूसरा फेस का एग्जाम 8 अगस्त 26 अगस्त तक हो सकता है। वही सीबीएसई ने यह भी कहा कि जो बच्चे कोरोना के कारण एग्जाम नहीं दे पाए थे उन्हें फिर से एक मौका मिल सकता है।
दिल्ली सरकार एग्जाम कराने के पक्ष में नहीं है
12वीं एग्जाम लेने के बाद दिल्ली सरकार और महाराष्ट्र इसके विरुद्ध है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री का कहना है बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर एग्जाम करवाने का फैसला गलत है। उन्होंने यह भी मांग की कि 12वीं एग्जाम से पहले सभी बच्चों को वैक्सीन दिया जाए।
दूसरी ओर महाराष्ट्र स्टेट स्कूल एजुकेशन मिनिस्टर ने कहा कि बच्चों और उनके परिवार का स्वास्थ्य ज्यादा जरूरी है। वही बच्चों ने बारहवीं की एग्जाम लेने के बाद पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए इसका विरोध किया है।