महिलाओं को कॉर्पोरेट सेक्टर में आने वाली चुनौती

महिलाओं को कॉर्पोरेट सेक्टर में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर विकास को प्रभावित कर सकती हैं। जो अक्सर महिलाओं के लिए कॉर्पोरेट जगत में बाधा बनती हैं। महिलाएं अक्सर करियर और परिवार के बीच संतुलन के लिए लड़ना पड़ सकती हैं।

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Pushpa Chauhan
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Challenges Faced By Women In The Corporate Sector

Image credit - vantage cricle

Challenges Faced By Women In The Corporate Sector: महिलाओं को कॉर्पोरेट सेक्टर में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर विकास को प्रभावित कर सकती हैं। जो अक्सर महिलाओं के लिए कॉर्पोरेट जगत में बाधा बनती हैं। महिलाएं अक्सर करियर और परिवार के बीच संतुलन के लिए लड़ना पड़ सकती हैं। वे अपने परिवारीक दायित्वों को संभालने में माहिर होना चाहती हैं, जबकि वे अपने करियर को भी आगे बढ़ाना चाहती हैं। इन चुनौतियों का सामना करते हुए, संगठन और समाज को महिलाओं को कॉर्पोरेट सेक्टर में प्रवेश और सफलता के लिए संवेदनशीलता और समानता को प्रोत्साहित करना चाहिए।

महिलाओं को कॉर्पोरेट सेक्टर में आने वाली चुनौती

1. लिंग भेदभाव (Gender Discrimination)

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महिलाओं को समान पदों पर काम करने के बावजूद पुरुषों की तुलना में कम वेतन मिलता है।

प्रमोशन और उच्च पदों पर महिलाओं की पहुँच कम होती है।

2. कार्य और परिवार के बीच संतुलन (Work-Life Balance)

महिलाओं को परिवार और काम के बीच संतुलन बनाने में कठिनाई होती है, खासकर जब वे बच्चों की परवरिश कर रही हों।

अधिकतर कंपनियों में फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स और मैटरनिटी लीव जैसी सुविधाओं की कमी होती है।

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3. सीनियर पदों पर कम प्रतिनिधित्व (Underrepresentation in Leadership Roles)

उच्चतम पदों पर महिलाओं की संख्या बहुत कम होती है।

महिलाओं के पास कम मेंटोर और रोल मॉडल होते हैं, जिससे उनका नेतृत्व में आना कठिन हो जाता है।

4. कार्यस्थल पर उत्पीड़न (Workplace Harassment)

महिलाओं को यौन उत्पीड़न, मानसिक उत्पीड़न और अनचाही टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है।

बहुत सी महिलाएं डर या बदनामी के कारण उत्पीड़न की शिकायत नहीं करतीं।

5. पूर्वाग्रह और स्टीरियोटाइप्स (Bias and Stereotypes)

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महिलाओं को अक्सर कमजोर, संवेदनशील या अनुचित समझा जाता है, जो उनके आत्मविश्वास को कम करता है।

महिलाओं के नेतृत्व और निर्णय क्षमता पर संदेह किया जाता है।

6. नेटवर्किंग के अवसरों की कमी (Lack of Networking Opportunities)

कॉर्पोरेट जगत में नेटवर्किंग महत्वपूर्ण है, लेकिन महिलाओं को इसमें शामिल होने के कम अवसर मिलते हैं।

कई नेटवर्किंग इवेंट्स और मीटिंग्स पुरुष-प्रधान होती हैं, जिससे महिलाएं अछूती रह जाती हैं।

7. वेतन अंतर (Pay Gap)

समान काम के लिए महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम वेतन मिलता है।

वेतन में अंतर उनके आर्थिक स्थायित्व और करियर विकास पर प्रभाव डालता है।

8. कैरियर ब्रेक (Career Breaks)

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मातृत्व या परिवार की देखभाल के कारण महिलाएं अपने करियर में ब्रेक लेती हैं, जिससे उनके करियर में बाधा आती है।
कार्य में लौटने में कठिनाई होती है। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, कंपनियों और समाज को मिलकर काम करना होगा। महिलाओं को समान अवसर, फ्लेक्सिबल वर्किंग कंडीशंस, और एक सुरक्षित कार्यस्थल प्रदान करना आवश्यक है। साथ ही, महिलाओं को सपोर्ट और मेंटरिंग प्रोग्राम्स के माध्यम से नेतृत्व भूमिकाओं में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।