Challenges Faced By Working Mothers: काम करने वाली मांओं के सामने चुनौतियों की भरमार है। इन महिलाओं को अपने परिवार और करियर के बीच संतुलन बनाए रखने में कठिनाईयाँ आती हैं। उन्हें घर के काम, बच्चों की देखभाल, अधिक कार्यक्षमता प्राप्त करने के लिए योजनाबद्ध कामकाज, और सोशल और परिवारिक दायित्वों को निभाने की जरूरत होती है। इसमें समय का सही बनाव, सहयोगी पारिवारिक समर्थन, और स्थिर करियर प्रतिष्ठा बनाए रखने की कल्पना शामिल है।
वर्किंग माएं के सामने आने वाली 6 सामान्य चुनौतियाँ
1. Mental health
माताओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य एक बड़ी चुनौती है, खासकर काम करने वाली मांओं के लिए। जब एक महिला माँ घर के बाहर काम करती है, तो उसे समय का तनाव, परिवार और कर्मचारी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती होती है। इसके साथ ही, बच्चों की देखभाल, घरेलू काम, और अन्य सामाजिक दायित्वों का समय निकालना भी माँ के लिए कठिनाईयों भरा होता है। इसके परिणामस्वरूप, माता की ध्यानात्मक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है, जो काम करने वाली माताओं को मानसिक तनाव, उत्सर्ग, या चिंता का सामना करने पर ला सकता है।
2. Nutritional deficiencies
काम करने वाली मांओं को पोषणीय कमियों का सामना करना पड़ता है। जिसे उन्हें समय नहीं मिलता कि वे अपने आपको पूरी तरह से सेहतमंद रख पाएं। पोषणीय कमियाँ ऐसे कई प्रकार के पोषणीय तत्वों की कमी हो सकती हैं, जैसे कि प्रोटीन, फॉलिक एसिड, कैल्शियम, आयरन, और विटामिन D। इन कमियों के कारण मांओं की सेहत प्रभावित हो सकती है और इससे उनकी कार्यक्षमता भी कम हो सकती है। इसलिए, सही और संतुलित आहार लेना काम करने वाली मांओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे अपने आहार में विभिन्न पोषणीय तत्वों को शामिल करके अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रख सकती हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली को बनाए रख सकती हैं।
3. Chronic backache
जब वे दिनभर काम करती हैं, बच्चों की देखभाल करती हैं, और घर के कामों में सहायता करती हैं, तो उनकी पीठ और कमर की मांसपेशियों में तनाव हो सकता है। यह समस्या वे बहुत समय तक सह सकती हैं, जिसके कारण उन्हें क्रॉनिक बैकपैन जैसे प्रॉब्लम से जूचना पड़ता है और कई बार इससे उनका काम भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए, सही उपचार और सेल्फ-केयर अभ्यासों को अपनाकर, वे इस मुश्किल समस्या से निपट सकती हैं और अपने काम को प्रभावी तरीके से कर सकती हैं।
4. Lack of sleep
यह चुनौती उनकी दिनचर्या को प्रभावित कर सकती है और उन्हें थकान और चिंता का सामना करना पड़ सकता है। बच्चों की देखभाल, घरेलू काम, और पेशेवर काम के बीच संतुलन बनाना कठिन हो सकता है जो नींद की खामी का कारण बन सकता है। नींद की कमी से युक्त महिलाएं तनाव और दिल की बीमारियों के खतरे के साथ-साथ काम के प्रदर्शन में भी कमी देख सकती हैं। इसे सुलझाने के लिए नियमित व्यायाम, योग, और संतुलित आहार का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।
5. Their priorities are always questioned
हम कामकाजी पुरुषों और कामकाजी महिलाओं को कैसे देखते हैं, इसके बीच बहुत असमानता है। हालांकि पुरुषों ने हमेशा सार्वजनिक क्षेत्र में काम किया है, लेकिन उनकी परिवार के प्रति जिम्मेदारी की भावना केवल रोटी-कमानेवाले के रूप में सीमित होती है, जबकि महिलाओं की भूमिका घर के निर्माताओं के रूप में होती है। यह विषमता काम करने वाली माताओं के लिए प्राथमिकताओं पर सवाल उठाने का एक कारण है। वे न केवल प्रोफेशनल क्षेत्र में काम करती हैं, बल्कि घरेलू कार्यों और परिवार की देखभाल में भी सक्रिय रहती हैं।
6. Difficult to balance between work and family
कामकाजी माताओं के लिए काम और परिवार के बीच संतुलन बनाना एक कठिन संघर्ष है। वे दिनभर काम करने के बाद भी घर के काम और बच्चों की देखभाल का ध्यान रखना होता है। यह न केवल शारीरिक थकान, बल्कि मानसिक तनाव भी बढ़ा देता है। अक्सर यह समस्या वर्किंग मां को दोनों क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने में अड़चन डालती है। इस संघर्ष के बीच, वे अपने प्रोफेशनल और परिवारीक जीवन को संतुलित रखने का प्रयास करती हैं। इसे समझते हुए, समाज को कामकर्ता माताओं के लिए सहायक समाधान और समर्थन प्रदान करना चाहिए ताकि वे अपने पेशेवर और परिवारिक दायित्वों को सफलतापूर्वक निभा सकें।